यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) सिविल सेवा परीक्षा परिणाम शीर्ष पांच में तीन महिलाएं
शक्ति दुबे - प्रथम स्थान , बीएचयू से स्नातकोत्तर।
हर्षिता गोयल - द्वितीय स्थान , बीकॉम और चार्टर्ड अकाउंटेंसी में परास्नातक।
कानपुर देहात रूरा अक्षिता त्रिवेदी ने यूपीएससी की परीक्षा में 394 वां स्थान प्राप्त किया है
सफल उम्मीदवारों की कुल संख्या: 1009।कानपुर 23, अप्रैल, 2025
नयी दिल्ली, 22 अप्रैल 2025 यूपीएससी सिविल सेवा 2024 का अन्तिम परीक्षा फल जारी हो गया है. इसमें शक्ति दुबे ने पहला स्थान प्राप्त किया है ।. यूपीएससी ने कुल 1009 चयनित उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है.
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा भारतीय प्रशासनिक सेवा, पुलिस सेवा, विदेश सेवा सहित कई प्रतिष्ठित सेवाओं में प्रवेश का माध्यम है। यह परीक्षा युवाओं के लिए शासन और प्रशासन क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान प्राप्त करती है ।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा का परिणाम परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की योग्यता, उनकी मंथनशीलता और मेहनत का प्रतीक होता है। परिणाम जारी होने के पश्चात अभ्यर्थियों की चयन सूची में उनके अंक, रैंक और सेवा विकल्प स्पष्ट होते हैं।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2024 के इंटरव्यू 17 अप्रैल तक हुए थे. साक्षात्कार की शुरुआत 7 जनवरी से हुई थी. मुख्य परीक्षा में पास होने वाले 2845 उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था. संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा 2024 के तहत आईएएस, आईपीएस समेत विभिन्न सेवाओं में 1132 पदों पर भर्ती निकाली थी. पहले मूल नोटिफिकेशन में 1056 पद थे बाद में पदो की संख्या बढ़ा दी गई थी.
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) 2024 के परिणाम में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की स्नातकोत्तर छात्रा शक्ति दुबे ने पहला स्थान प्राप्त किया, जबकि हरियाणा की हर्षिता गोयल ने दूसरा स्थान हासिल किया
शाह मार्गी चिराग शीर्ष चार में तीसरी महिला हैं। उसने प्रतिष्ठित परीक्षा में चौथा स्थान अर्जित किया। महाराष्ट्र के डोंगरे अर्चित पराग ने तीसरा स्थान हासिल किया, जबकि दिल्ली के आकाश गर्ग पांचवें स्थान पर रहे।
सिविल सेवा परीक्षा 2022 में महिलाओं ने शीर्ष चार रैंक हासिल की।
शक्ति दुबे की पहचान उनके कठिन परिश्रम और समर्पण के लिए की जाती है। उन्होंने अपने पिछले चार प्रयासों में असफलता का सामना करते हुए इस बार सफलता प्राप्त की। शक्ति ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बायोकेमिस्ट्री में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है और 2018 में बीएचयू से स्नातकोत्तर किया。शक्ति के अनुसार उनकी सफलता का मुख्य कारण उनकी कठिनाई और निरंतर समर्पण है। उन्होंने 18-20 घंटे प्रतिदिन पढ़ाई की है और अपने परिवार की समर्थन को भी महत्वपूर्ण मानती हैं।
हर्षिता गोयल के अनुसार जो कि तीसरे प्रयास में सफल हुई, ने भी अपने क्रमश: दूसरे स्थान को पाने के लिए कठिन परिश्रम किया। उन्होंने अपने अध्ययन के दौरान चार्टर्ड अकाउंटेंसी में परास्नातक किया और राजनीति विज्ञान तथा अंतरराष्ट्रीय संबंधों को अपने वैकल्पिक विषय के रूप में चुना।
इस परीक्षा में कुल 1009 उम्मीदवार सफल हुए, जिसमें विशेष ध्यान इस बात पर दिया गया कि इस साल की परीक्षा में टॉप 5 में 3 महिलाएं शामिल थीं。
शक्ति और हर्षिता की सफलता ने न केवल उनके परिवार बल्कि उनके शहर प्रयागराज और समूचे देश में भी एक नई प्रेरणा का संचार किया है
शक्ति दुबे और हर्षिता गोयल ने मेहनत के दम पर सफलता प्राप्त की है, जो अन्य छात्रों के लिए प्रेरणा बन गए हैं।महिलाओं ने पिछले वर्षो में यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) सिविल सेवा परीक्षा में अपनी स्थिति को मजबूती से स्थापित किया है।
अक्षिता के पिता प्रदीप त्रिवेदी जिला एवं सत्र न्यायालय में अधिवक्ता हैं। मां मीरा त्रिवेदी आंगनबाड़ी कार्यकत्री हैं। बेटी की सफलता पर मां की आंखें खुशी से भर गईं। उन्होंने कहा कि बेटी ने परिवार का मान बढ़ाया है। भाई अभिनव त्रिवेदी ने बहन कि सफलता को उनकी मेहनत का नतीजा बताया। अक्षिता ने रूरा के सरस्वती ज्ञान मंदिर से प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की। केंद्रीय विद्यालय माती नबीपुर से 12वीं की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने झांसी से बीटेक किया। इसके बाद यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली चली गईं।
जनपद कानपुर देहात के रूरा कस्बे की अक्षिता त्रिवेदी ने यूपीएससी की परीक्षा में 394वीं रैंक हासिल की है। उनकी इस सफलता से पूरे क्षेत्र में खुशी का माहौल है।
अक्षिता के पिता प्रदीप त्रिवेदी जिला एवं सत्र न्यायालय में अधिवक्ता हैं। मां मीरा त्रिवेदी आंगनबाड़ी कार्यकत्री हैं। बेटी की सफलता पर मां की आंखें खुशी से भर गईं। उन्होंने कहा कि बेटी ने परिवार का मान बढ़ाया है। भाई अभिनव त्रिवेदी ने बहन कि सफलता को उनकी मेहनत का नतीजा बताया। अक्षिता ने रूरा के सरस्वती ज्ञान मंदिर से प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की। केंद्रीय विद्यालय माती नबीपुर से 12वीं की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने झांसी से बीटेक किया। इसके बाद यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली चली गईं।
दूसरे प्रयास में अंतिम मेरिट से बाहर यूपीएससी की राह में अक्षिता को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। पहले प्रयास में वह मेन्स तक नहीं पहुंच पाईं। दूसरे प्रयास में अंतिम मेरिट से बाहर रह गईं। लेकिन हार नहीं मानी। उन्होंने तीसरे प्रयास में सफलता हासिल कर ली। पालीवाल नगर के लोग अक्षिता की इस उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे हैं। स्थानीय लोग उन्हें देश सेवा के लिए शुभकामनाएं दे रहे हैं। अक्षिता की सफलता से साबित होता है कि दृढ़ संकल्प और लगन से हर लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।कानपुर देहात की अकबरपुर रनियां विधानसभा की विधायक और राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने भी अपने जनपद की अक्षिता को बधाई दी है।
2021 के परिणामों में भी महिलाओं ने प्रमुखता दिखाई थी। श्रुति शर्मा ने उस वर्ष ऑल इंडिया रैंक 1 प्राप्त किया, जबकि अंकिता अग्रवाल ने ऑल इंडिया रैंक 2 और गामिनी सिंगला ने AIR 3 स्थान पर कब्जा जमाया।
हाल के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में चयनित 933 उम्मीदवारों में से 320 महिलाएं थीं, जो कि कुल का एक तिहाई है। इस परिणाम ने यह संकेत दिया है कि महिला उम्मीदवारों की सफलता दर में वृद्धि हो रही है, और पिछले दो वर्षों में शीर्ष रैंक में महिलाओं की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गई है。
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