दूसरे मंजिल पर फीमेल मेडिसिन वार्ड के साथ आईसीयूवार्ड का संचालन
सबसे ज्यादा आईसीयू में भर्ती मरीजों को तकलीफ
कई तीमारदार मरीजों को गोद में लेकर भागे तो कुछ स्ट्रेचर सहित नीचे भागे
कर्मचारी व तीमारदारों ने जान की परवाह किए बैगर मरीजों को बचाने में जुट गए
घटना के बाद शहर के सभी 80 अस्पतालों को सुरक्षा व्यवस्थाओं दुरुस्त करने का आदेश
15, अप्रैल, 2025 उत्तर प्रदेश लखनऊ के लोक बंधु राज नारायण संयुक्त अस्पताल में धुआं उठने के बाद 200 मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। इस मामले में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने जानकारी दी कि धुआं दूसरे मंजिल से निकलते देखा गया जिसके बाद मरीजों को निकालने का काम शुरू किया गया।
दूसरे मंजिल पर मेडिसिन विभाग का फीमेल वार्ड के साथ आईसीयूवार्ड का संचालन किया जा रहा है। जिसमें गंभीर मरीज भर्ती थे। आग लगनेकी वजह दूसरे मंजिल पर धुंआ भर गया मरीजों को सांस लेने में तकलीफ व मरीजों का दम घुटने लगा। सबसे ज्यादा आईसीयू में भर्ती मरीजों को तकलीफ झेलनी पड़ी। धुंए की वजह सेआईसीयू में भर्ती दो मरीजों की हालत गंभीर हो गई है। आग की लपटे ने दिल दहलाया आग की लपटे वार्ड से बाहर निकल रही थीं। मरीज व तीमारदारों के दिल दहल उठे। वार्ड में मरीज बचान की गुहार लगा रहे थे। अपनों को बचाने के लिए चीख-पुकार मच गई। अफरा-तफरी से हालात और बेकाबू हो गए। कई तीमारदार अपने मरीजों को गोद में लेकर भागे तो कुछ स्ट्रेचर सहित नीचे भागे। धुंए की वजह से दिकतें बढ़ी कर्मचारी व तीमारदारों ने जान की परवाह किए बैगर मरीजों को बचाने में जुट गए। मुंह मेंकपड़ा बांधकर कर्मचारी वार्ड में दाखिल । धुंए की वजह से वार्ड में कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। आग बढ़ने से रोकने के लिए कर्मचारियों ने बिजली बंद कर दी थी। खिड़की व दरवाजा में लगे कांच को तोड़ा गया। ताकि धुंआ बाहर निकाला जा सके। फायर विभाग की पांच गाड़ियां पहुंची आग की सूचना पर फायर विभाग की पांच गाड़ियां पहुंची। कांच तोड़कर आग बुझाने व धुंआ बाहर निकालने का प्रयास किये जा रहे थे। मौके पर अपताल के अधिकारी भी पहुंचे।
आग लगने की घटना के कारण अस्पताल की सुरक्षा प्रबंधों की जांच की जा रही है। आग लगने का कारण ज्ञात नहीं हुआ है । पहले से ही लखनऊ में सरकारी अस्पतालों में फायर सुरक्षा व्यवस्थाओं की कमी को लेकर शिकायतें आई थीं।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने इस घटना के बाद अस्पताल जाकर स्थिति की जानकारी ली और मरीजों की देखभाल के लिए उचित निर्देश दिए। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि सभी मरीजों को सुरक्षित रूप से स्थानांतरित किया जाए और उनकी चिकित्सा आवश्यकताओं का ध्यान रखा जाए।
घटना के बाद अधिकारियों ने शहर के सभी 80 अस्पतालों को सुरक्षा व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का आदेश दिया और अगले कदम के बाद की योजना बनाई जा रही है।
इस घटना के बाद सुरक्षा प्रबंधन में सुधार होगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जाएगा।
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