प्राथमिकता व्यावसायिक पारदर्शी जवाबदेह स्थिर बाजार बढ़ा निवेशकों का विश्वास मजबूत करना
पांडेय के कार्यकाल की शुरुआत में, सेबी में हो रहे सुधारों पर ध्यान केंद्रित है, जो विभिन्न मुद्दों पर पारदर्शिता को बढ़ाने और निवेशकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने में मदद करेंगे।
पांडेय की प्राथमिकता में सेबी को व्यावसायिक रूप से अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बना बाजार की स्थिरता को बढ़ा निवेशकों का विश्वास भी मजबूत करना है।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के अध्यक्ष ने बाजार नियामक बोर्ड के टकराव को दूर करने और वित्तीय पारदर्शिता में सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने का संकल्प व्यक्त किया है। यह पहल वैश्विक आर्थिक परिस्थितियां तेजी से बदल रही भारतीय बाजारों की विश्वसनीयता और स्थिरता को बढ़ाने के लिए आवश्यक है , संपूर्ण वित्तीय प्रणाली में पारदर्शिता का अभाव कई प्रकार की चुनौतियों को जन्म दे सकता है। इससे निवेशकों का भरोसा टूटता है और बाजार की स्वतंत्रता प्रभावित होती है। सेबी की योजना ऐसी पारदर्शी प्रक्रियाओं को लागू करने की है, जो न केवल नियमों के पालन को सुनिश्चित करेंगी, बल्कि वित्तीय जानकारी को सुविधाजनक रूप से उपलब्ध भी कराएंगी।
बाजार नियामकों के बीच संबंधों की मजबूती और टकराव का समाधान करना आवश्यक है, ताकि नीतिगत निर्णय लेते समय समन्वय और स्पष्टता बनी रहे। इससे नीतियों की प्रभावशीलता में वृद्धि सुनिश्चित कर हितधारकों के अधिकारों और हितों का उचित ध्यान रखा जा सके।
सेबी के कदम एक सकारात्मक दिशा में महत्वपूर्ण प्रवृत्ति दर्शाते हैं, जहाँ पारदर्शिता और संचालन में स्पष्टता को प्राथमिकता दी जा रही है। यह न केवल निवेशकों के लिए बल्कि समग्र अर्थव्यवस्था के लिए भी एक स्थायी विकास के रास्ते को प्रशस्त करेगा। भारतीय वित्तीय बाजारों की मजबूती और उनकी समग्र प्रतिस्पर्धात्मकता को ध्यान में रखते हुए, इस प्रकार की पहल अवश्य प्रशंसा के योग्य है।
सेबी की यह भूमिका प्रभावी और पारदर्शी बाजार के निर्माण की दिशा में ठोस कदम है, जो देश के आर्थिक विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में सहायक होगी।
अपने अधिवेशन के दौरान, पांडेय ने पारदर्शिता को एक प्रमुख उद्देश्य के रूप में रखा और कहा कि इसे बढ़ावा देने के लिए विभिन्न उपायों की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त, उनका लक्ष्य विदेशी पूंजी को आकर्षित करना भी है, खासकर इस समय जब विदेशी निवेशकों की निकासी बढ़ रही है।