बुमराह का प्रदर्शन विशेष रूप से बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार रहा। बुमराह की गति, सटीकता और विविधता ने दर्शकों को प्रभावित व विरोधी टीम के बल्लेबाजों को कठिनाई में डाला । उनके शानदार प्रदर्शन ने भारतीय टीम को मजबूती के साथ कई महत्वपूर्ण गेंदबाजियों का प्रदर्शनदिया।
जसप्रीत बुमराह की गेंदबाजी शैली अनोखी है। उनका अनकैमल थ्रो और गेंद को स्विंग करने की क्षमता उन्हें दूसरों से अलग बनाती है। वे अलग-अलग परिस्थितियों में अपनी गेंदबाजी में विविधता लाने में सक्षम हैं, जो किसी भी बल्लेबाज के लिए उन्हें चुनौतीपूर्ण बना देती है। आस्ट्रेलिया की तेज और उन्नत पिचों पर उनका प्रदर्शन विशेष रूप से प्रशंसा के योग्य है, जहाँ उन्होंने अपने कौशल और सामर्थ्य का प्रदर्शन किया।
बुमराह को ICC मेन्स प्लेयर ऑफ द मंथ का महत्व उनके व्यक्तिगत प्रदर्शन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समग्र भारतीय क्रिकेट की सफलता के संकेतक के रूप में है। भारतीय टीम को विदेशी धरती पर प्रतिस्पर्धा के लिये ऐसे खिलाड़ियों की आवश्यकता होती है को जीत की ओर अग्रसर कर सकें। बुमराह की सफलताएँ आगामी युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
आखिरकार, जसप्रीत बुमराह का ICC मेन्स प्लेयर ऑफ द मंथ के रूप में चयन उनकी मेहनत और लगन का प्रमाण है। यह उनकी कड़ी मेहनत, अनुशासन और उच्च स्तर की प्रतिस्पर्धा को दर्शाता है। क्रिकेट की दुनिया में, ऐसे खिलाड़ी जो अपने खेल के माध्यम से इतिहास रच पहचान पाते हैं। यह पुरस्कार उनके लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक है, आशा हैं कि भविष्य में वे और भी ऊँचाइयों को छूएँगे।