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Showing posts with label आयकर रिटर्न दाखिल 2025. Show all posts
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आयकर पोर्टल के माध्यम से आयकर रिटर्न दाखिल करना डिजिटल युग में करदाताओं के लिए अत्यंत सुविधा जनक एवं आवश्यक, कुछ सामान्य गलतियो के निदान से प्रक्रिया सुचारु एवं त्रुटिहीन हो जाती है ।

आय की प्रकृति के अनुसार सही फॉर्म चुनें यह जरूरी
आय 50 लाख रुपये से कम तो आयकर रिटर्न फॉर्म-1 का उपयोग 
आय में पूंजीगत लाभ या एक से अधिक संपत्तियाँ तो  रिटर्न फॉर्म-2 का उपयोग 
आयकर रिटर्न फाइल करने के बाद उसका वैरिफिकेशन करना अनिवार्य
सभी  स्रोतों का खुलासा, सही फॉर्म, समय पर वैरिफिकेशन, और सही विवरण भरना चाहिए
कानपुर 6 जून, 2025
5 जून, 2025 नई दिल्ली:आयकर पोर्टल के माध्यम से आयकर रिटर्न दाखिल करना डिजिटल युग में करदाताओं के लिए अत्यंत सुविधा जनक एवं आवश्यक है। कुछ सामान्य गलतियाँ करदाता प्रक्रिया में अक्सर करते हैं जिन्हें बचा दाखिल करने की प्रक्रिया सुचारु एवं त्रुटिहीन हो जाती है । आय की प्रकृति के अनुसार सही फॉर्म चुनें यह जरूरी है अक्सर करदाता आयकर रिटर्न फॉर्म का गलत चयन कर लेते हैं। यदि आय सिर्फ वेतन या एक मकान से है और यह 50 लाख रुपये से कम है, तो आपको आयकर रिटर्न फॉर्म-1 का उपयोग करना चाहिए। यदि आय में पूंजीगत लाभ या एक से अधिक संपत्तियाँ शामिल हैं, तो आयकर रिटर्न फॉर्म-2 आवश्यक होगा। गलत फॉर्म भरे जाने से आपका रिटर्न रद्द हो सकता है.सभी आवश्यक प्रमाण पत्रों का सही संकलन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।करदाता सभी आय के स्रोतों को आयकर रिटर्न फॉर्म में शामिल करने में चूक जाते हैं। सिर्फ वेतन या व्यवसाय की आय दिखाना और अन्य स्रोतों जैसे बैंक डिपॉजिट पर ब्याज या अन्य छोटे-छोटे लाभ छिपाना गंभीर समस्या हो सकती है। कुल आय का कोई भाग छिपा हुआ पता चलने पर आयकर विभाग से नोटिस मिल सकता है. पोर्टल की तकनीकी समस्याओं को गंभीरता न लेना; अंतिम समय पर अक्सर करदाता आयकर रिटर्न फॉर्म दाखिल करने की कोशिश करते हैं एवं सर्वर की भारी भीड़ के कारण परेशानी होती है।
आयकर रिटर्न फाइल करने की अन्तिम तिथि को याद ना करना एक आम गलती है।सबसे पहली सामान्य गलती है समय पर दाखिल न करना। करदाताओं को आयकर रिटर्न निर्धारित समय सीमा के भीतर जमा करना चाहिए, अन्यथा विलंब शुल्क एवं बचत छूट का नुकसान हो सकता है। करदाता को समय पर अपना रिटर्न दाखिल करना चाहिए। यदि आप अन्तिम तिथि चूकते हैं, तो आपको 1000 रुपये से लेकर 10000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। इसलिए समय पर रिटर्न दाखिल करना बहुत आवश्यक है. पोर्टल पर सहायता और गाइडेंस को नजरअंदाज करना। सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए निर्देश एवं हेल्पलाइन सेवाओं का उपयोग करते हुए करदाताओं को अपनी गलतियों से बचना चाहिए।

आयकर रिटर्न फाइल करने के बाद उसका वैरिफिकेशन करना अनिवार्य है। आयकर रिटर्न फाइल का वैरिफिकेशन नहीं कराने पर रिटर्न अमान्य हो सकता है। यह महत्वपूर्ण है कि रिटर्न को आधार ओटीपी या नेट बैंकिंग के माध्यम से तुरंत वैरिफाई करें.
आयकर रिटर्न फाइल करते समय करदाता को अपने एआईएस (वार्षिक सूचना स्टेटमेंट) और आय और कर कटौती के दस्तावेज़ फॉर्म 26AS की जांच करनी चाहिए। जानकारी की पुष्टि करना आवश्यक है अन्यथा यह समस्या का कारण बन सकता है.
सामान्य गलतियों को ध्यान में रखकर करदाता आयकर रिटर्न फाइलिंग प्रक्रिया को सरल और सटीक बना सकते हैं। सभी आय के स्रोतों का खुलासा, सही फॉर्म का चयन, समय पर वैरिफिकेशन, और सभी विवरण सही-सही भरना सुनिश्चित करें हैं।
आयकर पोर्टल के उपयोग में सतर्कता, समय पाबंदी, सही जानकारी, दस्तावेजों की समुचित व्यवस्था, एवं उपलब्ध सहायता का उपयोग कर करदाता अपने कर दाखिल प्रक्रिया को सरल एवं त्रुटिरहित बना कर संबंधी सभी नियमों का पालन करते हुए अच्छी वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित कर सकते हैं।

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