• आरबीआई ने 87.80 के स्तर को पार करने दिया जिससे गिरावट तेज हुई।
• इस गिरावट से निर्यात क्षेत्रों पर सीधा दबाव
• जीडीपी में नुकसान और वित्तीय घाटे में वृद्धि की आशंका है।
• विशेषज्ञों का मानना है कि आरबीआई के हस्तक्षेप न करने और टैरिफ के कारण
• भारत-पाक तनाव, रूसी तेल खरीद और यूक्रेन युद्ध जैसे भू-राजनीतिक कारक
कानपुर 30 अगस्त 2025
टैरिफ वॉर और ग्लोबल चिंताओं के बीच डॉलर के मुकाबले रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है. भारतीय मुद्रा डॉलर के मुकाबले 64 पैसे कमजोर होकर 88.24 रुपए प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गई है. वहीं, डॉलर इंडेक्स 0.1 फीसदी चढ़कर करीब 98 डॉलर के आसपास है. शुक्रवार के कारोबारी सत्र की शुरुआत में रुपया 18 पैसे टूटकर 87.76 रुपए प्रति डॉलर पर आ गया था. इंटरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.73 पर खुला था. गुरुवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.58 पैसे पर बंद हुआ था.
📉 भारतीय रुपया रिकॉर्ड निम्न स्तर पर: कारण, प्रभाव और प्रतिक्रियाएँ
🧭 प्रमुख घटनाक्रम
- रुपया गिरकर 88.24/$ पर पहुँचा — अब तक का सबसे निचला स्तर
- अमेरिका द्वारा 50% टैरिफ लगाए जाने के बाद निवेशकों में चिंता बढ़ी
- RBI ने 87.80 का स्तर पार करने दिया, जिससे गिरावट तेज हुई
- अन्य एशियाई मुद्राएँ भी कमजोर, वैश्विक जोखिम भावना में गिरावट
🔍 आर्थिक प्रभाव
क्षेत्र | संभावित असर |
---|---|
निर्यात | कपड़ा, जूते, आभूषण, रत्न जैसे रोज़गार-प्रधान क्षेत्रों पर सीधा दबाव |
GDP | अनुमानित $55–60 अरब का नुकसान |
वित्तीय घाटा | बढ़ने की आशंका, विदेशी निवेशक निकासी जारी |
बाजार | सेंसेक्स और निफ्टी में उतार-चढ़ाव, निवेशकों में घबराहट |
🗣 विशेषज्ञों की राय
- अनिल कुमार भंसाली (Finrex): RBI ने हस्तक्षेप नहीं किया, जिससे गिरावट तेज हुई
- हरि श्यामसुंदर (Franklin Templeton): टैरिफ से व्यापार संतुलन बिगड़ सकता है
- क्रिस वुड (Jefferies): टैरिफ ट्रंप की व्यक्तिगत नाराज़गी का परिणाम, भारत को नोबेल अवसर से वंचित करने की प्रतिक्रिया
🌍 भू-राजनीतिक संदर्भ
- भारत-पाक तनाव: मई में सैन्य संघर्ष के बाद व्यापार समझौता विफल
- रूसी तेल खरीद: अमेरिका की आलोचना, 25% दंडात्मक जुर्माना
- यूक्रेन युद्ध: ट्रंप की विफलता से वैश्विक अस्थिरता बढ़ी
📊 बाज़ार स्थिति (शुक्रवार, 2:20 PM)
- निफ्टी: 24,516.30 पर स्थिर
- सेंसेक्स: 80,116.26 (+36 अंक)