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अमेरिका द्वारा भारतीय नागरिको का प्रत्यर्पण, हथकड़ी' में भारतीयों को निर्वासित करना भारत का अपमान, 'नृशंस व्यवहार' : शशि थरूर एक जटिल कानूनी और राजनीतिक मुद्दा विपक्ष ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा

अमेरिका से भारत को 104 नागरिको को प्रत्यर्पित 
भारतीयों को हथकड़ियों में डालकर दुर्दांत आतंकवादियों की तरह वापिस भारत भेजा
बेहतर रास्ता भी हो सकता था
प्रत्येक मामला और कानूनी प्रक्रियाएं अलग-अलग है और अलग विस्तृत जाॅच आवश्यक
यह प्रत्यर्पण कानूनी व राजनीतिक और कूटनीतिक संदर्भ में महत्वपूर्ण
हथकड़ी' में भारतीयों को निर्वासित करना भारत का अपमान, शशि थरूर



कानपुर 7 फरवरी, 2025
नई दिल्ली: 7 फरवरी, 2025 अमेरिका से भारत को 104 अपराधियों को प्रत्यर्पित किया गया है, जो अंतरराष्ट्रीय अपराध नियंत्रण और न्याय प्रणाली की महत्वपूर्ण घटना है। विपक्ष ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा राजनीतिक बहस को गति दी है।
प्रत्यर्पण में एक देश के अपराधियों को दूसरे देश को सौंपता है ताकि उन्हें उनके अपराधों के लिए न्याय दिया जा सके। इस प्रत्यर्पण में अमेरिका और भारत के बीच कूटनीतिक और कानूनी सहयोग की भूमिका महत्वपूर्ण है।
इन 104 अपराधियों में आर्थिक अपराध, हिंसक अपराध और अन्य गंभीर कानूनी उल्लंघन के अपराधों के आरोपी शामिल हैं। प्रत्येक मामला और कानूनी प्रक्रियाएं अलग-अलग है और अलग विस्तृत जाॅच आवश्यक है ।
सोशल मीडिया पोस्ट के अनुसार विपक्षी राजनीतिक दल केंद्र सरकार की कूटनीतिक क्षमता और अंतरराष्ट्रीय अपराध नियंत्रण में भूमिका पर आलोचना कर सवाल उठा रहे हैं। आज जिन भारतीयों को हथकड़ियों में डालकर दुर्दांत आतंकवादियों की तरह अमेरिका से वापिस भारत भेजा गया है, उसका बेहतर रास्ता भी हो सकता था। अगर प्रधानमंत्री जी गुहार लगाने की जगह भारत के विदेश मंत्री अमेरिका जाकर इन प्रवासी भारतीयों की लड़ाई लड़ते। तो वैश्विक मंच पर हिंदुस्तान को कलंकित होने से बचाया जा सकता था।
कांग्रेस ने अवैध रूप से अमेरिकी भूमि में प्रवेश करने पर अमेरिका द्वारा निर्वासित भारतीयों के साथ किए गए 'अमानवीय और मध्ययुगीन' व्यवहार की आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्रालय से जवाब की मांग की है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि भारतीय प्रवासियों को हथकड़ी पहनाना अमेरिका का 'नृशंस व्यवहार' और देश का 'अपमान' है।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अवैध भारतीय प्रवासियों को कथित तौर पर 'हथकड़ी लगाने' पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यह भारत का अपमान है
कांग्रेस ने अवैध रूप से अमेरिकी भूमि में प्रवेश करने पर अमेरिका द्वारा निर्वासित भारतीयों के साथ किए गए 'अमानवीय और मध्ययुगीन' व्यवहार की आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्रालय से जवाब की मांग की है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि भारतीय प्रवासियों को हथकड़ी पहनाना अमेरिका का 'नृशंस व्यवहार' और देश का 'अपमान' है।
"जिस तरह से निर्वासन किया गया था, हम उसका विरोध कर रहे हैं – उन्हें एक सैन्य विमान में भेजना और वह भी हथकड़ी में भारत का अपमान है; यह भारतीयों की गरिमा का अपमान है।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि "कुछ समय पहले, कोलंबिया ने इन परिस्थितियों में लोगों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था और आधिकारिक तौर पर विरोध किया था जब उन्हें हथकड़ी में भेजा गया था। उन्होंने मांग की थी कि लोगों को नागरिक विमानों में भेजा जाए और उसके बाद ही वे उन्हें स्वीकार करेंगे। और मुझे लगता है कि हमें भी ऐसा ही करना होगा।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने अवैध भारतीय प्रवासियों को कथित तौर पर हथकड़ी लगाए जाने पर नाराजगी जताते हुए दलील दी कि भारत वापस भेजते समय उनके साथ सम्मानजनक व्यवहार किया जाना चाहिए था।
विभिन्न राज्यों से 104 अवैध प्रवासियों को लेकर अमेरिकी सेना का एक विमान बुधवार को अमृतसर पहुंचा, जो अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई के तहत डोनाल्ड ट्रंप सरकार द्वारा निर्वासित भारतीयों का पहला ऐसा जत्था है। पहले यह बताया गया था कि अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे भारतीयों को भारत की यात्रा के दौरान हिरासत में लिया गया, जंजीरों में बांधा गया और हथकड़ी लगाई गई।
मनीष तिवारी ने कहा, "संयुक्त राज्य अमेरिका से निर्वासित और अमृतसर लाए गए भारतीयों के साथ किए गए अमानवीय व्यवहार से पूरी तरह से व्यथित हूं। वे अपराधी नहीं हैं, वे बेहतर जिंदगी की तलाश में अवैध तरीके से अमेरिका में घुसे हैं।
"अगर उन्हें निर्वासित कर दिया जाता है, तो आपको उन्हें हथकड़ी लगाने, उन्हें घंटों तक बेड़ियों में बांधने, उन्हें हथकड़ी में अपने हाथों से खाना खाने की आवश्यकता क्यों है ... यह बिल्कुल अमानवीय और मध्ययुगीन है ... हाँ, आप उन्हें अपने देश में नहीं चाहते हैं। जाहिर है, उन्होंने अवैध रूप से प्रवेश किया। आप उन्हें वापस भेज रहे हैं, भारत सरकार उन्हें वापस भेज रही है लेकिन कम से कम उन्हें सम्मान और गरिमा के साथ वापस भेजें।
मैं यह समझने में विफल रहा हूं कि प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री के स्तर पर केंद्र सरकार भारतीय नागरिकों के साथ इस तरह के अमानवीय व्यवहार को कैसे बर्दाश्त कर सकती है।
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने भी भारतीयों को घर वापस भेजने के तरीके पर निराशा जताई।
“… जिस तरह से उन्होंने 100 से अधिक भारतीय नागरिकों को हथकड़ी लगाकर और उनके पैरों को सैन्य विमान में बेड़ियों से बांधकर वापस भेजा है, वह बिल्कुल अमानवीय है।
भारतीयों के साथ दुर्व्यवहार न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए अमेरिकी सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने निर्वासन विवाद के बीच संसद को बताया
राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला करते हुये लिखा कि 'भारतीय गरिमा के हकदार हैं, हथकड़ी के नहीं': निर्वासित व्यक्ति के 'नरक से भी बदतर' ;
मणिकम टैगोर ने कहा कि भारतीयों को भारत लौटते समय जंजीरों में जकड़े देखना अपमानजनक है। “… हम विदेश मंत्री जयशंकर से बयान चाहते हैं... उन्हें संसद में वक्तव्य देना चाहिए। हम इसे संसद में उठाएंगे।
इस प्रत्यर्पण का महत्व अंतरराष्ट्रीय संबंधों और न्याय प्रणाली की जटिलताओं को प्रर्दशित कर दो देशों के बीच कानूनी सहयोग और आपराधिक न्याय के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम माना जा सकता है।यह प्रत्यर्पण कानूनी व राजनीतिक और कूटनीतिक संदर्भ में महत्वपूर्ण है। भविष्य में ऐसे मामलों में पारदर्शिता और निष्पक्षता अत्यंत आवश्यक है।

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