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उत्तर प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना के तहत 39 अस्पतालों में 6239 फर्जी लाभार्थियों के नाम पर लगभग ₹9.94 करोड़ का घोटाला

  •  आयुष्मान योजना के 39 अस्पतालों में 6239 फर्जी लाभार्थियों के नाम  ₹9.94 करोड़ का घोटाला
  •  सरकारी एजेंसी 'साचीज' के अधिकारियों के ईमेल और लॉगिन का दुरुपयोग 
  • घोटाला 1 से 22 मई 2025 के बीच
  • हजरतगंज पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज 
  •  अधिकांश फर्जी भुगतान रात के समय 
  • विपक्षी दलों ने सरकार की  विफलता पर सवाल उठाए हैं
कानपुर 12 जून, 2025,
लखनऊ : 11 जून, 2025, उत्तर प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना के तहत 39 अस्पतालों में 6239 फर्जी लाभार्थियों के नाम पर लगभग ₹9.94 करोड़ का एक बड़ा घोटाला सामने आया है। इस प्रक्रिया में जालसाजों ने स्टेट एजेंसी 'साचीज' के अधिकारियों की ईमेल आईडी और लॉगिन का दुरुपयोग किया, जिससे संबंधित अस्पतालों को बिना कोई वास्तविक प्रक्रिया अपनाए पैसे ट्रांसफर कर दिए गए.
घोटाला 1 मई से 22 मई 2025 के बीच हुआ, जिसमें जालसाजों ने फर्जी लाभार्थियों के नाम पर ऑनलाइन भुगतान किया. जालसाजों ने अस्पतालों के भुगतान की प्रक्रिया को दरकिनार करते हुए पैसे सीधे बैंकों से ट्रांसफर किए. इस मामले में 39 अस्पताल शामिल हैं, जिनमें पंजीकृत लाभार्थियों के नाम का दुरुपयोग किया गया है, जिससे राज्य सरकार को बड़ा वित्तीय नुकसान हुआ. हजरतगंज पुलिस ने इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य इकट्ठा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. आमतौर पर इस योजना के तहत भुगतान किए जाने की प्रक्रिया कठोर होती है। अस्पताल को संबंधित खर्चों की जानकारी पोर्टल पर अपलोड करनी होती है, जिसे बाद में विभिन्न स्तरों पर जाँच और अनुमोदन के लिए भेजा जाता है.सर्वेक्षण से यह बात सामने आई है कि अधिकांश फर्जी भुगतान रात के समय में किए गए थे, जो एक सुनियोजित धोखाधड़ी है.
विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेकर सरकार पर प्रश्न उठाए हैं कि इतनी बड़ी राशि के घोटाले को रोकने में निगरानी विफल रही.
यह घोटाला वित्तीय धोखाधड़ी और सरकारी प्रक्रिया की सुरक्षा पर भी सवाल खड़ा करता है, इसकी जाँच करना आवश्यक है ताकि भविष्य में इस प्रकार की अनियमितताओं को रोका जा सके।
आयुष्मान भारत योजना या प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, भारत सरकार की एक स्वास्थ्य योजना है जिसे 23 सितम्बर, २०१८ को पूरे भारत में लागू किया गया था। २०१८ के बजट सत्र में वित्त मंत्री अरूण जेटली ने इस योजना की घोषणा की। इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर लोगों (बीपीएल धारक) को स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराना है। इसके अन्तर्गत आने वाले प्रत्येक परिवार को 5 लाख तक का कैशरहित स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया जायेगा। १० करोड़ बीपीएल धारक परिवार (लगभग ५० करोड़ लोग) इस योजना का प्रत्यक्ष लाभ उठा सकेगें। इसके अलावा बाकी बची आबादी को भी इस योजना के अन्तर्गत लाने की योजना है।
इसका उद्देश्य व्यक्तियों और उनके परिवारों को सस्ती दरों पर गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा प्रदान करना है ताकि लोग बिना किसी परेशानी के बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ प्राप्त कर सकें। आप स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंचने के लिए कार्ड का उपयोग कर सकते हैं। कार्ड में आपका पूरा मेडिकल इतिहास और स्वास्थ्य रिकॉर्ड भी होता है, जिसे बीमा कंपनियां और अस्पताल एक स्थान पर पहुच सकते हैं।

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