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कर्नाटक जाति जनगणना में पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण मौजूदा 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 51 प्रतिशत करने की सिफारिश

तमिलनाडु और झारखंड में पिछड़े वर्ग आबादी के अनुरूप क्रमशः 69% और 77% आरक्षण 
कर्नाटक में शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण का विस्तार 51% करने का प्रस्ताव
दो प्रमुख समुदाय वोक्कालिगा और लिंगायत की आपत्ति अवैज्ञानिक और पक्षपातपूर्ण
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की आबादी क्रमशः 1,09,29,347 और 42,81,289 है
रिर्पोट निरस्त कर नया सर्वेक्षण कराया जाए.

कानपुर 13, अप्रैल, 2025
13 अप्रैल 2025, नई दिल्ली: कर्नाटक मंत्रिमंडल को सौंपी गई जाति जनगणना रिपोर्ट में पिछड़े समुदायों के लिए आरक्षण मौजूदा 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 51 प्रतिशत करने की सिफारिश की गई है.
यह सिफारिश सामाजिक-आर्थिक और शैक्षिक सर्वेक्षण के निष्कर्षों पर आधारित है, जिसे जाति जनगणना के रूप में भी जाना जाता है, जो इस बात पर प्रकाश डालता है कि पिछड़े समुदाय राज्य की आबादी का लगभग 70% हिस्सा बनाते हैं। रिपोर्ट में कर्नाटक में शैक्षणिक संस्थानों में इस 51% आरक्षण का विस्तार करने का भी प्रस्ताव है। यह तमिलनाडु और झारखंड जैसे राज्यों के साथ तुलना करता है, जो वर्तमान में अपनी पिछड़े वर्ग की आबादी के अनुरूप क्रमशः 69% और 77% आरक्षण प्रदान करते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की आबादी क्रमशः 1,09,29,347 और 42,81,289 है. पिछड़े वर्गों की जनसंख्या श्रेणियों के अनुसार इस प्रकार है:
1A वर्ग: 34.96 लाख
1B वर्ग: 73.92 लाख
2A वर्ग: 77.78 लाख
2B वर्ग: 75.25 लाख
3A वर्ग: 72.99 लाख
3B वर्ग: 1.54 करोड़
यह रिपोर्ट राज्य मंत्रिमंडल को 46 से अधिक खंडों में प्रस्तुत की गई थी. जाति सर्वेक्षण के विभिन्न पहलुओं पर डेटा दो सीडी में रिकॉर्ड किया गया और सरकार को दिया गया.
इन सभी श्रेणियों को मिलाकर OBC समुदाय की कुल जनसंख्या 4.16 करोड़ बताई गई है. इसके अलावा रिपोर्ट में अनुसूचित जातियों की संख्या 1.09 करोड़ और अनुसूचित जनजातियों की संख्या 42.81 लाख दर्शाई गई है. इस जातिगत जनगणना सर्वे में कुल 5.98 करोड़ लोगों की जानकारी एकत्र की गई.
कर्नाटक की जातिगत जनगणना रिपोर्ट पर राज्य के दो प्रमुख समुदाय वोक्कालिगा और लिंगायत ने आपत्ति जताते हुए अवैज्ञानिक और पक्षपातपूर्ण करार दिया है. इन समुदायों ने सरकार से मांग की है कि नया सर्वेक्षण कराया जाए.
अंतिम रिपोर्ट 29 फरवरी को कर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को सौंपी गई थी. आयोग के अध्यक्ष के. जयप्रकाश हेगड़े के नेतृत्व में तैयार की गई यह रिपोर्ट 2014-15 में पूरे राज्य में जुटाए गए आंकड़ों पर आधारित है.सर्वेक्षण के अनुसार, अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) की कुल आबादी लगभग 5.98 करोड़ की सर्वेक्षित आबादी में से 4.16 करोड़ से अधिक है।
रिपोर्ट के अनुसार अनुसूचित जाति की आबादी 1.09 करोड़ से अधिक और अनुसूचित जनजाति की आबादी 42 लाख से अधिक है। जाति जनगणना शुरू में 2015 में एच कंथराज के तहत शुरू की गई थी और बाद में 2020 में बीजेपी के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार ने जयप्रकाश हेगड़े को जाति जनगणना आयोग का प्रमुख नियुक्त किया था, लेकिन रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया.

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