ग्रुप कैप्टन शुभांशु की शुरुआती शिक्षासिटी मान्टेसरी स्कूल अलीगंज से
जन्म 10 अक्टूबर 1985 को लखनऊ में
जून 2006 में भारतीय वायु सेना में एक फाइटर पायलट के रूप में शामिल
टैक्टिक्स एंड काॅम्बैट डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट स्कूल से फाइटर काॅम्बैट लीडर कोर्स
एक्सिओम मिशन-4 में कुल चार अंतरिक्ष यात्री
सुखोई-30 एमकेआई, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर और एन-32 सहित कई विमान का लगभग 2,000 घंटे का उड़ान अनुभव
कानपुर 13, अप्रैल, 2025
12, अप्रैल, 2025
लखनऊ अमेरिकी अंतरिक्ष कार्यक्रम "एक्सिओम मिशन-4" का शुभांशु शुक्ला हिस्सा हैं, शुभांशु शुक्ला ने पूर्व विद्यालय के छात्रों के साथ विचार साझा किए हैं। उन्होंने वीडियो संदेश के ज़रिए छात्रों को प्रेरित किया और उन्हें विज्ञान के क्षेत्र में अपने सफर की कहानी सुनाई। शुभांशु ने विशेष रूप से युवा वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष अन्वेषण की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया.
शुभांशु शुक्ला मूल रूप से यूपी के लखनऊ के रहने वाले हैं. उनका जन्म 10 अक्टूबर 1985 को लखनऊ में हुआ था. एक बयान में उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि भले ही मैं अंतरिक्ष की यात्रा करने वाला व्यक्ति हूं, लेकिन यह मिशन 1.4 बिलियन लोगों की पूरी आबादी का है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ग्रुप कैप्टन शुभांशु की शुरुआती शिक्षासिटी मान्टेसरी स्कूल अलीगंज से पूरी हुई है. इसके बाद उन्होंने नेशनल डिफेंस एकेडमी से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है. उन्होंने 2018 में भारतीय वायुसेना के टेस्ट पायलट स्कूल से स्नातक की डिग्री प्राप्त की. शुभांशु ने टैक्टिक्स एंड काॅम्बैट डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट स्कूल से फाइटर काॅम्बैट लीडर कोर्स भी कियाहै.
जिनके पास लगभग 2,000 घंटे का उड़ान अनुभव है। उन्होंने सुखोई-30 एमकेआई, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर और एन-32 सहित कई तरह के विमान उड़ाए हैं।
शुभांशु शुक्ला जून 2006 में भारतीय वायु सेना में एक फाइटर पायलट के रूप में शामिल हुए थे. मार्च 2024 में उन्हें ग्रुप कैप्टन पद पर प्रमोट किया गया था. वह गगनयान मिशन के पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों में भी शामिल थे. 2019 में रूस में यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण पूरा किया. भारत की अग्रणी मानव अंतरिक्ष उड़ान पहल, गगनयान मिशन के लिए ISRO द्वारा चुना गया था.
शुभांशु शुक्ला भारतीय वायु सेना (IAF) के ग्रुप कैप्टन हैं और वे दो प्रमुख अंतरिक्ष मिशनों का हिस्सा बनने जा रहे हैं, जिनमें "गगनयान" और "एक्सिओम मिशन-4" शामिल हैं। गगनयान भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन है, जिसमें शुभांशु सहित चार अंतरिक्ष यात्री शामिल होंगे। वह 1984 के बाद से अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय होंगे। उनका चयन अंतरिक्ष विज्ञान में भारतीय योगदान का प्रतीक है.
एक्सिओम मिशन-4, जो मई 2025 में लॉन्च होने वाला है, को NASA और Axiom Space के सहयोग से संचालित किया जाएगा। इस मिशन का लक्ष्य लगभग 14 दिनों तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर वैज्ञानिक अनुसंधान करना और शैक्षिक कार्यक्रमों में भाग लेना है। इस दौरान, शुभांशु शुक्ला और उनके सहकर्मी विभिन्न भारतीय सांस्कृतिक कलाकृतियों को लेकर जाएंगे और माइक्रोग्रैविटी में योगाभ्यास का प्रयास करेंगे.
एक्सिओम मिशन-4 में कुल चार अंतरिक्ष यात्री होंगे:
पेगी व्हिटसन - मिशन कमांडर, जो NASA की पूर्व अंतरिक्ष यात्री हैं।
शुभांशु शुक्ला - मिशन पायलट, जो पहले भारतीय ISS के लिए उड़ान भरेंगे।
स्लावोज़ उज़नांस्की-विस्नियव्स्की - पोलैंड के अंतरिक्ष यात्री।
टिबोर कपु - हंगरी के अंतरिक्ष यात्री.
शुभांशु शुक्ला का यह मिशन व्यक्तिगत उपलब्धि के साथ भारत की अंतरिक्ष यात्रा के लिए भी एक ऐतिहासिक क्षण व अन्य देशों के लिये प्रेरणा है । उनका अनुभव और योगदान भारतीय विज्ञान के प्रति छात्रों की रुचि को बढ़ावा दे विज्ञान और तकनीकी में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित होंगे.
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