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तेलंगाना कैडर की आईएएस स्मिता सभरवाल को एआई-जनरेटेड भूमि की तस्वीर साझा करने के लिए बी. यन. यस. की धारा 179 अध्याय X सिक्के, करेंसी नोट, बैंक नोट और सरकारी टिकटों से संबंधित अपराध के लिये नोटिस

22 साल की उम्र में 2000 में यूपीएससी मे चौथी रैंक प्राप्त
एआई  निर्मित "हाय हैदराबाद" नामक  जेसीबी मशीन, हिरण और मोर को दर्शाता चित्र ट्वीट
प्रशासनिक अधिकारियों को भी अपने सार्वजनिक व्यवहार में सावधान रहने का संकेत
बीएनएसएस एक्ट की धारा 179 के तहत नोटिस जारी


कानपुर 16, अप्रैल, 2025
16 अप्रैल 2025 : तेलंगाना हैदराबादः तेलंगाना कैडर की आईएएस अधिकारी स्मिता सभरवाल राज्य की युवा उन्नति, पर्यटन और संस्कृति विभाग की प्रमुख सचिव को हैदराबाद विश्वविद्यालय (यूओएच) के पास कांचा गाचीबोवली में 400 एकड़ के भूखंड की एआई-जनरेटेड फोटो को शेयर के लिए बुधवार को साइबराबाद पुलिस से नोटिस दिया है।
नोटिस में इस भूमि के संबंध में सोशल मीडिया पर भ्रामक सामग्री के निर्माण और शेयर से जुड़े मामले से संबंधित जानकारी मांगी गई है। जानकारी के अनुसार, 31 मार्च को स्मिता सभरवाल ने एक्स पर एक फोटो शेयर किया जिसमें मूल रूप से दो हिरण और एक मोर के साथ बुलडोजर दिखाई दे रहे हैं। यह तस्वीर एआई-जनरेटेड थी।तेलंगाना की आईएएस अधिकारी स्मिता सभरवाल ने एक एआई-जनित चित्र को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा किया। यह चित्र एक 400 एकड़ की हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के पास गाचीबोवली में भूमि के कथित निर्माण के बारे में था।
स्मिता ने एआई द्वारा निर्मित 31 मार्च को "हाय हैदराबाद" नामक एक एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट से एक जेसीबी मशीन, हिरण और मोर को दर्शाता चित्र रीट्वीट किया था।
तेलंगाना सरकार ने इस भूमि पर शहरी बुनियादी ढाँचे और आईटी पार्क के विकास की योजना बनाई। छात्रों और पर्यावरणवादियों ने इस योजना का विरोध करते हुए यह दावा कि किया यह भूखंड वन भूमि है और इसमें प्राकृतिक संसाधनों का नुकसान होगा।
पुलिस ने स्मिता को एक नोटिस बीएनएसएस एक्ट की धारा 179 के तहत नोटिस जारी कर इस मामले में जानकारी देने का आग्रह किया गया था। वे नोटिस प्राप्त कर चुकी हैं।
स्मिता सभरवाल तेलंगाना कैडर की एक सीनियर आईएएस अधिकारी हैं, जिन्होंने सरकारी कार्य में लंबा अनुभव प्राप्त किया है। उन्होंने पर्यटन और संस्कृति के प्रधान सचिव के रूप में कार्य किया है और उनका प्रशासनिक अनुभव विशेष रूप से शहरी विकास और जन सेवाओं के क्षेत्र में रहा है।
स्मिता सभरवाल वर्तमान में तेलंगाना में पर्यटन और संस्कृति विभाग की प्रधान सचिव हैं। उन्हें 11 नवंबर, 2024 को युवा उन्नति, पर्यटन और संस्कृति के लिए सरकार के सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था।
19 जून, 1977 को जन्मीं वह तत्कालीन आंध्र प्रदेश कैडर की 2001 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। उनका पहला नाम स्मिता दास है। उनका जन्म पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में एक बंगाली परिवार में हुआ था। उनके पिता, कर्नल प्रणब दास, भारतीय सेना में सेवा करते थे, और उनकी माँ पूरबी दास हैं।
सभरवाल ने सिकंदराबाद के सेंट एन हाई स्कूल में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की, जहां उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर आईसीएसई परीक्षा में टॉप किया। उन्होंने हैदराबाद में सेंट फ्रांसिस कॉलेज फॉर विमेन से कॉमर्स की डिग्री हासिल की। 22 साल की उम्र में, उन्होंने 2000 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की, जिसमें अखिल भारतीय चौथी रैंक हासिल की।
2001 में, उन्होंने मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में प्रशासनिक प्रशिक्षण लिया, इसके बाद परिवीक्षा के दौरान आदिलाबाद में जिला स्तरीय प्रशिक्षण लिया।
.उनकी पहली स्वतंत्र पोस्टिंग मदनपल्ले, चित्तूर में एक उप-कलेक्टर के रूप में थी, जहां उन्होंने भूमि राजस्व प्रबंधन और जिला प्रशासन में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया। बाद में उन्होंने कडप्पा में जिला ग्रामीण विकास एजेंसी (डीआरडीए) के परियोजना निदेशक के रूप में ग्रामीण विकास क्षेत्र में काम किया।
वारंगल के नगर आयुक्त के रूप में, उन्होंने "फंड योर सिटी" पहल की शुरुआत की, जिसने सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से ट्रैफिक जंक्शन, बस स्टॉप, फुट-ओवरब्रिज और पार्क जैसे सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के विकास को सक्षम बनाया। बाद में उन्होंने विशाखापत्तनम में वाणिज्यिक करों के लिए उपायुक्त के रूप में कार्य किया।
तेलंगाना सरकार ने विवाद के चलते सख्त कार्रवाई सुनिश्चित कर गलत सूचना को फैलने से रोकने का प्रयास कर रही है । स्मिता की कार्यशैली और उनके सोशल मीडिया पर कृत्यों पर नज़र रखने का यह एक संकेत है कि प्रशासनिक अधिकारियों को भी अपने सार्वजनिक व्यवहार में सावधान रहना चाहिए
भारतीय न्याय संहिता की धारा 179 अध्याय X सिक्के, करेंसी नोट, बैंक नोट और सरकारी टिकटों से संबंधित अपराध।
179. सिक्के, सरकारी स्टाम्प, करेंसी नोट या बैंक नोट की जालसाजी
या जालसाजी के लिए उपकरण या सामग्री बनाना या रखना।179. जो कोई किसी मशीनरी, डाई, उपकरण या सामग्री को, राजस्व के प्रयोजन के लिए सरकार द्वारा जारी किए गए किसी सिक्के, स्टाम्प, करेंसी नोट या बैंक नोट को गढ़ने या जालसाजी करने के लिए उपयोग में लाए जाने के प्रयोजन से या यह जानते हुए या विश्वास करने का कारण रखते हुए कि उसका उपयोग में लाए जाने का आशय है, बनाएगा या सुधारेगा, या बनाने या सुधारने की प्रक्रिया के किसी भाग को निष्पादित करेगा, या खरीदेगा या बेचेगा या निपटाएगा, या अपने कब्जे में रखेगा, वह आजीवन कारावास से, या दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।जीवन के लिए कारावास के साथ दंडित, या एक शब्द के लिए या तो विवरण के कारावास के साथ जो दस साल तक बढ़ सकता है, और जुर्माना के लिए भी उत्तरदायी होगा।

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