https://www.canva.com/design/DAGV7dS4xDA/LuuDh4LOA2wcvtaTyYmIig/edit?utm_content=DAGV7dS4xDA&utm_campaign=designshare&utm_medium=link2&utm_source=sharebutton

Search This Blog

Times of India

Law Logic Learner

यदि स्पेशल कोर्ट ने किसी मामले में संज्ञान लिया है तो प्रवर्तन निदेशालय किसी को गिरफ्तार नहीं कर सकती। सोनिया और राहुल गांधी की जमानत की आवश्यकता नहीं व गिरफ्तारी की संभावना कम

सोनिया गांधी और राहुल गांधी मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप
इस चार्जशीट को "बदले की राजनीति" करार
देश की राजनीति में लोकतंत्र, न्याय और सत्य की रक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण
विरोधियों के खिलाफ कार्रवाई व्यक्तिगत प्रतिशोध व लोकतंत्र के लिए गंभीर चुनौती


कानपुर 16, अप्रैल, 2025
16 अप्रैल 2025 नई दिल्ली: सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ चल रहे नेशनल हेराल्ड मामले में हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चार्जशीट दायर की है। इसमें दोनों को आरोपी नंबर 1 और 2 के रूप में नामित किया गया है, और उन पर 988 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है।
मामला और चार्जशीट
नेशनल हेराल्ड मामले में, आरोप है कि सोनिया और राहुल गांधी ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की संपत्तियों को अवैध तरीके से हासिल किया। इसमें ईडी का कहना है कि यह एक आपराधिक साजिश थी, जिसमें कंपनी के 99% शेयर केवल 50 लाख रुपये में 'यंग इंडियन' नाम की कंपनी को ट्रांसफर कर दिए गए। कोर्ट ने इस मामले पर 25 अप्रैल 2025 को सुनवाई निर्धारित की है।
सुप्रीम कोर्ट के अनुसार यदि स्पेशल कोर्ट ने किसी मामले में संज्ञान ले लिया है तो ED किसी व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं कर सकती। इसलिए, सोनिया और राहुल गांधी की जमानत की आवश्यकता नहीं है, बशर्ते कि स्पेशल कोर्ट ने उनके मामले में पहले ही संज्ञान लिया हो。 चूंकि स्पेशल कोर्ट ने उनका संज्ञान लिया है, उनके खिलाफ गिरफ्तारी की संभावना कम है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
कांग्रेस पार्टी ने इस चार्जशीट को "बदले की राजनीति" करार दिया है। कांग्रेस नेताओं ने इसे मोदी सरकार द्वारा डराने-धमकाने की कोशिश बताया है। कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि वे इस मामले में अदालत में पूरी मजबूती के साथ लड़ाई करेंगे।
घटनाक्रम ने सोनिया और राहुल गांधी के लिए कानूनी चुनौतियों को बढ़ा दिया है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार उनके खिलाफ गिरफ्तारी की प्रक्रिया में कुछ रुकावटें भी हैं, जो किसी भी संभावित गिरफ्तारी को जटिल बना सकती हैं।
सोनिया गांधी जी और श्री राहुल गांधी जी के विरुद्ध ईडी की चार्जशीट मोदी-शाह की प्रतिशोध की राजनीति का नवीनतम अध्याय है। वर्षों की तीव्र पूछताछ और जांच के बावजूद किसी ठोस प्रमाण का अभाव वास्तविकता को स्पष्ट करता है। यह कार्रवाई केवल विरोध की आवाज़ों को दबाने और लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करने की एक साज़िश प्रतीत होती है।
देश की राजनीति में लोकतंत्र, न्याय और सत्य की रक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है। कांग्रेस पार्टी इस स्थिति में निरंतर आवाज़ उठाएगी और निष्पक्षता एवं संप्रभुता के पक्ष में दृढ़ता से खड़ी रहेगी। लोकतंत्र की स्वस्थता तभी संभव है जब न्यायपालिका और जांच एजेंसियाँ स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रह सकें, तथा किसी भी राजनीतिक दबाव से मुक्त हों।
लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका जनता की आवाज़ को सरकार तक पहुँचाना और सत्ता की जवाबदेही सुनिश्चित करना है। ऐसे में विरोधियों के खिलाफ कार्रवाई केवल व्यक्तिगत प्रतिशोध नहीं बल्कि लोकतंत्र के लिए गंभीर चुनौती बन जाती है। कांग्रेस पार्टी सत्य, न्याय और लोकतंत्र के लिए निरंतर संघर्ष करती रहेगी तथा देश के लोकतांत्रिक मूल्यों को बचाने में अग्रणी भूमिका निभाएगी।

0 Comment:

Post a Comment

Site Search