पाकिस्तान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की हमले की 'निष्पक्ष जांच' की पेशकश खारिज
आतंकवाद विरोधी अभियानों में अनंतनाग में 175 से अधिक संदिग्ध हिरासत में
पाकिस्तान को चुकानी होगी भारी कीमत हरदीप सिंह पुरी, पीयूष गोयल व केंद्रीय मंत्रीगण
राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा के अनुसार आतंकवादियों को पता था कश्मीर बूम कर रहा था. अच्छा वातावरण बन गया था. फिल्म की शूटिंग शुरू हो चुकी थीं. टूरिस्ट बड़ी संख्या में आ रहे थे. उनका इरादा था कि इसको खत्म करो… इसको तोड़ो. इस मिथ को खत्म करो.कानपुर 26, अप्रैल, 2025
26, अप्रैल, 2025 नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकवादी हमले की 'निष्पक्ष जांच' की कथित पेशकश को खारिज कर दिया, मजूमदार ने इसे 'चेहरा बचाने के लिए हताश प्रयास' कहा और अब्दुल्ला ने पाकिस्तान के शुरुआती इनकार की ओर इशारा किया।मजूमदार ने शरीफ पर निशाना साधते हुए कहा, 'ये लोग क्या जांच करेंगे? क्या कोई चोर कभी अपनी चोरी की जांच कर सकता है? उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'पाकिस्तान के प्रधानमंत्री डर के कारण यह बात कह रहे हैं। यह डर अच्छा है - उसे यह डर होना चाहिए। जब पाकिस्तान तैयार नहीं होगा, तभी हम उन्हें मारेंगे और हम उन्हें कड़ा झटका देंगे।
पहलगाम हमले में बैसारन घास के मैदान में पर्यटकों को निशाना बनाया गया था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक, और कई अन्य घायल हो गए थे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकवादी हमले की 'निष्पक्ष जांच' की कथित पेशकश को खारिजहै।इस बीच, उमर अब्दुल्ला ने रामबन से जवाब देते हुए जांच के लिए पाकिस्तान के प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, 'पहली बात तो यह कि उन्होंने यह भी नहीं पहचाना कि पहलगाम में कुछ हुआ है. पहले उन्होंने कहा कि भारत इसके पीछे है। उन्होंने कहा, 'जिन लोगों ने हमारे खिलाफ आरोप लगाए हैं, उनके लिए अभी कुछ भी कहना मुश्किल है. मैं उनके बयानों को ज्यादा महत्व नहीं देना चाहता।इस नृशंस हमले के बाद पूरे जम्मू-कश्मीर में व्यापक कार्रवाई शुरू हो गई है। दिन-रात तेज हुए आतंकवाद विरोधी अभियानों के बीच सुरक्षा बलों ने अनंतनाग में 175 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया है। असम में हमले को सही ठहराने या ऑनलाइन लीपापोती करने की कोशिश करने के आरोप में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.शरीफ का यह बयान ऐसे समय में आया है जब आतंकवादी नेटवर्कों को बढ़ावा देने में पाकिस्तान की भूमिका को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हो रही है। हरदीप सिंह पुरी और पीयूष गोयल सहित केंद्रीय मंत्रियों ने सख्त चेतावनियों को प्रतिध्वनित किया है, जिसमें कहा गया है कि "पाकिस्तान को भारी कीमत चुकानी होगी," पुरी ने पड़ोसी देश को "टर्मिनल गिरावट में दुष्ट राज्य" कहा।मजूमदार और अब्दुल्ला की टिप्पणी भारत के राजनीतिक नेतृत्व के भीतर बढ़ती आम सहमति को दर्शाती है कि वार्ता का समय खत्म हो गया है और कार्रवाई निर्णायक होगी।
पहलगाम हमले ने पूरे देश को झकझोर कर दिया है. हर किसी की निगाहें अब सिर्फ सरकार की ओर हैं कि पाकिस्तान और आतंकवादियों को किस तरह सबक सिखाया जाएगा. वहीं, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हमले की निष्पक्ष जांच करने की पेशकश पर राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने सिरे से खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि भारत की एजेंसी खुद ही इस हमले की जांच कर दुनिया को बताएगी कि इसके पीछे किसका हाथ है.विवेक तन्खा कश्मीरी पंडित हैं. उन्होंने दावा किया कि पहलगाम हमला पाकिस्तान और आईएसआई की तरफ से सुनियोजित है. विदेशी सरकार की मदद के बिना इस तरह के हमले को अंजाम दिया ही नहीं जा सकता. उन्होंने आगे कहा कि पहलगाम में निहत्थे और मासूम पर्यटकों पर हमला होना बहुत ही दर्दनाक घटना है. ये परिवार एंजॉय करने गए थे. उन्हें सरकार पर भरोसा था कि सब कुछ सुरक्षित है. उनका ओवर कॉन्फिडेंस था.
कांग्रेस नेता ने कहा कि परिवारों के इसी भरोसे का आतंकवादियों ने फायदा उठा लिया और 26 लोगों को गोली मार दी. उनका कोई अपराध व गलती नहीं थी. वो सोच भी नहीं सकते थे कि ऐसी कोई घटना हो सकती है. सबसे पहले तो मेरी पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति संवेदनाएं हैं. मेरी संवेदनाएं कश्मीर की जनता के साथ भी हैं. उनको आप किस बात की सजा दे रहे हो. उन्होंने तो ये आतंकवाद नहीं पनपाया. वो तो अपना धंधा कर रहे थे. पर्यटन से उनका जीवन चलता है. कश्मीर का तो जीवन बंद हो जाएगा अगर टूरिज्म बंद हो जाएगा.
राज्यसभा सांसद तन्खा ने कहा कि आतंकवादियों को पता था कश्मीर बूम कर रहा था. अच्छा वातावरण बन गया था. फिल्म की शूटिंग शुरू हो चुकी थीं. टूरिस्ट बड़ी संख्या में आ रहे थे. उनका इरादा था कि इसको खत्म करो… इसको तोड़ो. इस मिथ को खत्म करो. पाकिस्तान और आईएसआई द्वारा 100 फीसदी ये सुनियोजित होगा. ये किसी विदेशी मदद के बिना किया ही नहीं जा सकता. ऐसे लोगों को कट्टरपंथी घुटी पिलाई जाती है. ये हमारी इंटेलिस की असफलता है. इतना बड़ा टूरिस्ट स्पॉट है. जंगलों से घिरा है. 2000 व्यक्ति वहां हैं और सिक्योरिटी फोर्सेज नहीं थे, आखिर क्यों? मुझे अंदर की बात नहीं पता जब गहराई में जाकर जांच होगी तब ये बातें सामने आएगी.
उन्होंने कहा कि कश्मीर के साथ आपने अन्याय किया कि उसे यूटी बना दिया स्टेट से. अगर आप किसी को डिमोट कर दो तो क्या उसे अच्छा लगेगा. आप डीजीपी को डीआईजी बना दो तो क्या वो आपसे खुश रहेगा. कश्मीर को तो आपने वैसे ही आहत करके रखा है. उनपर आप विश्वास करते नहीं हो. ट्रस्ट करना सीखो. जब तक अपने लोगों पर ट्रस्ट नहीं करोगे तब तक चीजे नहीं बदलेंगी. स्टेक होल्डर्स को कॉन्फिडेंस में लेकर काम होना चाहिए. वहां आप डिफेंस और सिक्योरिटी के रिव्यू की मीटिंग कर रहे हो. वहां के सीएम से होम डिपार्टमेंट ले लिया है. पुलिस पर कोई कन्ट्रोल नहीं है, लेकिन पब्लिक में तो कन्ट्रोल है. आपको इसमें पब्लिक का तो सहयोग चाहिये. चीफ मिनिस्टर को आप मीटिंग में नहीं बुला रहे हो. ये एरोगेन्स दिखाता है. ये समझदारी नहीं दिखाता. मैं तो कहूंगा कि हमें समझदार बनना होगा और दूसरों के प्रति आदर सम्मान रखना पड़ेगा तभी चीजें बदलेंगी.
उन्होंने आगे कहा कि हमारे देश में अपराध हुआ है तो हम जांच करेंगे. न्यूट्रल जांच क्यों होगी? पाकिस्तान में अगर कोई क्राइम होता है तो जांच कौन करेगा? कोई यूएन से आकर करेगा. ये न्यूट्रल इन्वेस्टीगेशन की पाकिस्तान की बात में खारिज करता हूंं. इन्वेस्टीगेशन तो हमारी एजेंसी ही करेंगी और नीचे तक जाकर पता करेंगी कि इसमें किन किन का हाथ है. इस वक्त पूरा देश यूनाइटेड है. सिक्योरिटी के मुद्दे पर कोई मतभेद नहीं हो सकता. क्योंकि ये देश की बात है.
विवेक तन्खा ने कहा कि राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष हैं. उनका कर्तव्य बनता हैं पीड़ितों के परिवार से मिले . उन्होंने अपना दायित्व निभाया. इससे सहानुभूति रखते हैं. हम आपके साथ हैं इस संकट की घड़ी में. राहुल गांधी ने लोगों से बातचीत की. अपनी संवेदनाए व्यक्त की. आगे एक ही रास्ता है, जिससे कश्मीर में सबसे पहले फिर से अमन चैन शांति वापस आए, कश्मीर के प्रशासन में लोगों का भरोसा आए, वो ये कि सिक्योरिटी फोर्सेज अपने आपको फिर से लामबंद करें.
उन्होंने कहा कि आतंकवादी सबकुछ जानकर कर रहे थे ताकि लोग भड़कें. जितना आप भड़कोगे उतना आप उनके जाल में फंस जाओगे. वो तो चाहते हैं कि कश्मीर बंद रहे. वो तो चाहते हैं कि इस हमले के बाद कश्मीर में आज जो हालात बने हैं वो बने रहें. हम उनके मंसूबे पूरा करेंगे अगर हम उनसे कॉम्पीट करेंगे. फ्रांस, इंग्लैंड और यूएस में 7/11 जैसे कितने बड़े हादसे थे. क्या प्रतिक्रिया थी? उन्होंने यह प्रतिक्रिया दी थी कि हम इनसे शांति से डील करेंगे और डील किया भी. . हमें डील करने की क्षमता रखनी चाहिये और डील करेंगे. अमेरिका ने ओसामा को ढूंढा. दो साल लगे और पाकिस्तान में जाकर उसे मारा. उनको पता था कि पाकिस्तान में वो छुपा है. उन्होंने पाकिस्तान से दुश्मनी नहीं की. हमको अक्ल से काम करना है. हमें उनको खत्म करना है. अगर हम ब्रेवाडो में चले जायेंगे तो हम अपनी स्ट्रैटेजिक इंटरेस्ट को कंप्रोमाइज करेंगे.
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