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अंसार शेख की कहानी पिता चलाते थे ऑटो, मां ने मजदूरी की, 21 वर्ष की आयु में यूपीएससी परीक्षा पहले प्रयास में ऑल इंडिया रैंक 361 प्राप्त कर भारतीय प्रशासनिक सेवा के सबसे युवा अधिकारी बने।

अंसार शेख का जन्म महाराष्ट्र के मराठवाड़ा जिला ग्राम जालना में एक मुस्लिम गरीब परिवार में
पिता चलाते थे ऑटो, मां ने मजदूरी की
पिता ने बेटी की शादी 15 वर्ष में एक बेटे को पढ़ाई छुड़वाकर गाड़ियों के गैरेज में लगया।
साल 2016 में यूपीएससी परीक्षा पहले अटेम्प्ट में ऑल ओवर इंडिया 361वीं रैंक प्राप्त






कानपुर 9, मार्च, 2025
9, मार्च, 2025 पश्चिम बंगाल के कूच बिहार अंसार शेख की कहानी दृढ़ संकल्प और मेहनत से किसी भी स्थिति को पार किया जा सकता का प्रेरणादायक उदाहरण है। अंसार का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था, पिता को घर चलाने के लिए ऑटो रिक्शा चलाना पड़ता था। जबकि माता को खेतों में काम करना पड़ता था। आर्थिक परेशानियों के बावजूद, उनके परिवार ने शिक्षा को प्राथमिकता दी। अंसार ने दिखाया कि वह शिक्षित होकर समाज मे सर्वोच्च स्थान बना सकते हैं
अंसार की परिवार की परिस्थितियां कठिन थीं । उनके पिता ने अपनी तीन शादियों के बावजूद
अंसार शेख की जिंदगी में एक समय ऐसा भी आया था, जब वह स्कूल में पढ़ रहे थे। तब अचानक उनके पिता स्कूल में आए और 
आर्थिक तंगी के कारण अंसार शेख की पढ़ाई छुड़ाने की बात कही।
 स्कूल प्रशासन और टीचरों के समझाने के बाद अंसार शेख के पिता उसे पढ़ने के लिए आगे राजी हो गए। क्योंकि टीचरों ने बताया कि अंसार शेख पढ़ने में बहुत ही अच्छे है। इनके 10वीं कक्षा में 91% अंक है। इसके बाद अंसार शेख ने अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पुणे में की, जहां पर उन्होंने 73% मार्क्स हासिल किये।अंसार ने अपनी शिक्षा को लेकर जिस प्रकार का समर्पण दिखाया, उससे उनकी सफलता की कहानी और भी प्रेरणादायक बन जाती है। अंसार शेख ने सच्ची लगन और निष्ठा से पढ़ाई को जारी रखा। इसके बाद इन्होंने यूपीएससी की परीक्षा देने का निर्णय लिया। इसके लिए इन्होंने 1 साल तक कोचिंग की और 3 साल तक कड़ी मेहनत करते हुए साल 2016 में यूपीएससी की परीक्षा का पेपर दिया। पहले ही अटेम्प्ट में ऑल ओवर इंडिया 361वीं रैंक प्राप्त की ।
अंसार शेख आज पश्चिम बंगाल के कूच बिहार में अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) के रूप में कार्यरत हैं। उनकी इस सफलता की कहानी अन्य युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जिन्होंने कठिनाइयों के बावजूद अपने लक्ष्यों को हासिल किया। अंसार शेख की गरीबी के चलते पढ़ाई तक छुटने की कगार पर थी। लेकिन अपने ऊपर विश्वास करके सच्ची लगन से आज अंसार शेख एक उच्चतम सरकारी पद पर विराजमान है।अंसार शेख का जन्म महाराष्ट्र के मराठवाड़ा जिला ग्राम जालना में एक मुस्लिम गरीब परिवार में हुआ था। गरीबी
जैसे-तैसे करके इन्होंने अपने बच्चों को माध्यमिक कक्षा तक पढ़ाया। बाद में अपनी बेटी की शादी मात्र 15 वर्ष की आयु में ही करवा दी। इसके अलावा अपने एक बेटे को सातवीं कक्षा में पढ़ाई छुड़वाकर गाड़ियों के गैरेज में काम करने के लिए लगवा दिया।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा आयोजित आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) 2021-22 के अनुसार, 7 वर्ष और उससे अधिक आयु के मुसलमानों की साक्षरता दर 77.7% है और सामान्य स्थिति के अनुसार सभी आयु वर्ग के लिए श्रम बल भागीदारी दर 35.1% है।

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