चैट 11 मार्च को 18 वरिष्ठ पदाधिकारियों उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, रक्षा सचिव पीट हेगसेथ और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल वॉल्ट्ज़ शामिल
ट्रम्प समर्थक मीडिया संपादक को भला-बुरा कह रहे है
हमलों के बारे ऐसे ग्रुप चैट करना या उसके बारे में बताना ग़लत है
चक शूमर ने इसे "सैन्य खुफिया की सबसे चौंकाने वाली हानि"
"राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा" कहा।
सोशल मीडिया पोस्ट के अनुसार
26मार्च 2025, अमेरिका में सिग्नल एप्प के एक ग्रुप चैट को लेकर चर्चा छिड़ी हुई है. उस ग्रुप में उपराष्ट्रपति, रक्षा सचिव आदि समेत ट्रम्प प्रशासन के आला लोग हैं. उसमें द अटलांटिक के प्रधान संपादक भी शामिल हो गए. बहस का मामला यह है कि उक्त प्रधान संपादक ने सार्वजनिक तौर पर कह दिया कि रक्षा सचिव ने चैट में यमन पर हमले की योजना दर्शाता पन्ना साझा कर दिया. इस आरोप से रक्षा सचिव ने इनकार किया है. ट्रम्प के आलोचक पत्रकार और टिप्पणीकार कह रहे हैं कि ऐसा नहीं करना था तथा संपादक ने तुरंत इस बड़ी चूक के बारे में प्रशासन को सूचित कर दिया था. यह उसकी देशभक्ति का प्रमाण है. ट्रम्प समर्थक मीडिया संपादक को भला-बुरा कह रही है. मामला जो भी हो, इससे अमेरिकी मीडिया, चाहे वह रिपब्लिकन हो या डेमोक्रेटिक समर्थक, का असली चेहरा फिर सामने आया है. उनके लिए हमलों के बारे ऐसे ग्रुप चैट करना या उसके बारे में बताना ग़लत है, लेकिन असली हमलों से उन सभी को कोई परेशानी नहीं है. नैतिकता जैसी कोई चीज़ उनके शब्दकोश में नहीं है.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने हाल ही में एक लीक हुए सिग्नल ग्रुप चैट के संबंध में कई सवालों का जवाब दिया। इस चैट में वाशिंगटन के शीर्ष अधिकारियों ने यमन में हूथी विद्रोहियों पर हमलों की योजना पर चर्चा की थी, जिसमें गलती से 'द अटलांटिक' के संपादक जेफरी गोल्डबर्ग को जोड़ दिया गया था। यह चैट 11 मार्च को शुरू हुई थी और 18 वरिष्ठ पदाधिकारियों, जैसे कि उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, रक्षा सचिव पीट हेगसेथ और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल वॉल्ट्ज़, को इसमें शामिल किया गया था।
लेविट ने यह स्पष्ट किया कि सरकार के किसी भी अधिकारी ने कोई न्यायिक जानकारी साझा नहीं की थी और यह कि अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा पर कोई खतरा नहीं था। हालांकि, कई डेमोक्रेटिक सांसदों ने इस लीक को अत्यधिक गंभीरता से लिया है और इसकी जांच की मांग की है। अल्पसंख्यक नेता चक शूमर ने इसे "सैन्य खुफिया की सबसे चौंकाने वाली हानि" बताया, जबकि अन्य सांसदों ने इसे "राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा" कहा।
यह घटना मीडिया में व्यापक रूप से रिपोर्ट की गई, जिसमें गोल्डबर्ग ने बताया कि वह चैट में जोड़ने के बाद चौंक गए थे और इसे एक बड़ा सुरक्षा उल्लंघन माना।
लेविट ने गोल्डबर्ग के प्रति आलोचनात्मक टिप्पणी की है, उन्हें "सेंसेशनलिस्ट" कहते हुए, दावा किया कि उनकी रिपोर्ट में कोई सच्चाई नहीं है। यह लीक सुरक्षा और गोपनीयता के महत्वपूर्ण सवाल उत्पन्न करता है, विशेषकर जब संवेदनशील जानकारी को बिना उचित जाँच के सिग्नल चैट में साझा किया गया था।
इन मुद्दों पर पार्टी के अनेक सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया है कि यह घटना उन कार्यों के प्रति अत्यंत गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता को रेखांकित करती है, जो अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा को प्रभावित कर सकती है।यह लीक एक व्यक्तिगत चूक के अतिरिक्त वे समस्याएं वर्तमान प्रशासन के सुरक्षा मानकों और संचार प्रक्रियाओं में विद्यमान समस्याएं उजागर करता है ।
26मार्च 2025, अमेरिका में सिग्नल एप्प के एक ग्रुप चैट को लेकर चर्चा छिड़ी हुई है. उस ग्रुप में उपराष्ट्रपति, रक्षा सचिव आदि समेत ट्रम्प प्रशासन के आला लोग हैं. उसमें द अटलांटिक के प्रधान संपादक भी शामिल हो गए. बहस का मामला यह है कि उक्त प्रधान संपादक ने सार्वजनिक तौर पर कह दिया कि रक्षा सचिव ने चैट में यमन पर हमले की योजना दर्शाता पन्ना साझा कर दिया. इस आरोप से रक्षा सचिव ने इनकार किया है. ट्रम्प के आलोचक पत्रकार और टिप्पणीकार कह रहे हैं कि ऐसा नहीं करना था तथा संपादक ने तुरंत इस बड़ी चूक के बारे में प्रशासन को सूचित कर दिया था. यह उसकी देशभक्ति का प्रमाण है. ट्रम्प समर्थक मीडिया संपादक को भला-बुरा कह रही है. मामला जो भी हो, इससे अमेरिकी मीडिया, चाहे वह रिपब्लिकन हो या डेमोक्रेटिक समर्थक, का असली चेहरा फिर सामने आया है. उनके लिए हमलों के बारे ऐसे ग्रुप चैट करना या उसके बारे में बताना ग़लत है, लेकिन असली हमलों से उन सभी को कोई परेशानी नहीं है. नैतिकता जैसी कोई चीज़ उनके शब्दकोश में नहीं है.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने हाल ही में एक लीक हुए सिग्नल ग्रुप चैट के संबंध में कई सवालों का जवाब दिया। इस चैट में वाशिंगटन के शीर्ष अधिकारियों ने यमन में हूथी विद्रोहियों पर हमलों की योजना पर चर्चा की थी, जिसमें गलती से 'द अटलांटिक' के संपादक जेफरी गोल्डबर्ग को जोड़ दिया गया था। यह चैट 11 मार्च को शुरू हुई थी और 18 वरिष्ठ पदाधिकारियों, जैसे कि उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, रक्षा सचिव पीट हेगसेथ और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल वॉल्ट्ज़, को इसमें शामिल किया गया था।
लेविट ने यह स्पष्ट किया कि सरकार के किसी भी अधिकारी ने कोई न्यायिक जानकारी साझा नहीं की थी और यह कि अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा पर कोई खतरा नहीं था। हालांकि, कई डेमोक्रेटिक सांसदों ने इस लीक को अत्यधिक गंभीरता से लिया है और इसकी जांच की मांग की है। अल्पसंख्यक नेता चक शूमर ने इसे "सैन्य खुफिया की सबसे चौंकाने वाली हानि" बताया, जबकि अन्य सांसदों ने इसे "राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा" कहा।
यह घटना मीडिया में व्यापक रूप से रिपोर्ट की गई, जिसमें गोल्डबर्ग ने बताया कि वह चैट में जोड़ने के बाद चौंक गए थे और इसे एक बड़ा सुरक्षा उल्लंघन माना।
लेविट ने गोल्डबर्ग के प्रति आलोचनात्मक टिप्पणी की है, उन्हें "सेंसेशनलिस्ट" कहते हुए, दावा किया कि उनकी रिपोर्ट में कोई सच्चाई नहीं है। यह लीक सुरक्षा और गोपनीयता के महत्वपूर्ण सवाल उत्पन्न करता है, विशेषकर जब संवेदनशील जानकारी को बिना उचित जाँच के सिग्नल चैट में साझा किया गया था।
इन मुद्दों पर पार्टी के अनेक सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया है कि यह घटना उन कार्यों के प्रति अत्यंत गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता को रेखांकित करती है, जो अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा को प्रभावित कर सकती है।यह लीक एक व्यक्तिगत चूक के अतिरिक्त वे समस्याएं वर्तमान प्रशासन के सुरक्षा मानकों और संचार प्रक्रियाओं में विद्यमान समस्याएं उजागर करता है ।
0 Comment:
Post a Comment