लाहौर के प्राचीन किले में स्थित प्रभु राम के पुत्र लव की समाधि
पाकिस्तान में स्थित लाहौर का प्राचीन नाम 'लवपुरीहिन्दू संस्कृति का केंद्र लाहौर था और इसे लघु काशी के रूप में जाना जाता था
भगवान राम के बेटे लव ने बसाया था
पाकिस्तान में कसूर की स्थापना उनके जुड़वां भाई कुश ने की थी।
कानपुर 8, मार्च, 2025
नई दिल्ली, 8, मार्च, 2025 बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया (BCCI) वाइस प्रेसिडेंट राजीव शुक्ला पाकिस्तान में आयोजित चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान लाहौर दौरे पर थे, जहां उन्होंने प्रभु राम के पुत्र लव की समाधि पर जाकर दर्शन किए। इस बात की जानकारी उन्होंने खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर तस्वीरें पोस्ट करते हुए शेयर की है। उन्होंने लिखा, 'लाहौर के प्राचीन किले में प्रभु राम के पुत्र लव की प्राचीन समाधि है। लाहौर नाम भी उन्ही के नाम से है। वहां प्रार्थना का अवसर मिला था।
पाकिस्तान में स्थित लाहौर का प्राचीन नाम 'लवपुरी' था। इसे भगवान राम के बेटे लव ने बसाया था। भारतीय पौराणिक कथाओं के अनुसार, लव और कुश भगवान राम और सीता के जुड़वां बेटे थे। लव को उत्तर कोशल की भूमि दी गई, जिसमें लवपुरी (लाहौर) की स्थापना की गई, जबकि उनके भाई कुश को दक्षिण कोशल में कुशावती (वर्तमान में कुश का नगर, कसूर) की गद्दी दी गई.
लाहौर का यह ऐतिहासिक महत्व आज भी संरक्षित है, जहाँ लव की समाधि है[. लवपुरी को बाद में 'लौहपुरी' भी कहा जाने लगा। यहाँ के किले में लव का मंदिर भी बना हुआ है, जिसे अरब-तुर्की आक्रमणों के दौरान ध्वस्त कर दिया गया था.
एक समय में हिन्दू संस्कृति का केंद्र लाहौर था और इसे लघु काशी के रूप में जाना जाता था। इसकी भव्यता का वर्णन विभिन्न ऐतिहासिक ग्रंथों में मिलता है, जहाँ इसे एक समृद्ध और विकसित नगर के रूप में वर्णित किया गया है. यहां कई उल्लेखनीय मन्दिर थे, जो आक्रमण के कारण नष्ट हो गए।
लाहौर विभाजन के समय यह हिन्दू और सिखों की एक प्रमुख आबादी वाला शहर था। विभाजन के बाद इस शहर का साक्षी भी बना जब यहां बहुत अधिक हिन्दू और सिख निवासियों का नरसंहार हुआ और वे भारत आ गए. लाहौर अर्थात लवपुरी का नाम न केवल भारतीय पौराणिक कथाओं में बल्कि इसके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व में भी गहराई से जुड़ा हुआ है। यह नगर राम के पुत्र लव की विरासत को दर्शाता है और इसके नाम के पीछे एक महान ऐतिहासिक कथा है।
उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने बताया लव की समाधि लाहौर के किले में है। यही नहीं लाहौर के म्युनिसिपल रिकॉर्ड में दर्ज है कि यह नगर (लाहौर) भगवान राम के पुत्र लव के नाम से बसाया गया था और कसूर शहर उनके दूसरे पुत्र कुश के नाम से बसा था। उन्होंने आगे कहा इस बात को पाकिस्तान सरकार भी मानती है।
पाकिस्तान में बंटवारे से पहले कई प्राचीन मंदिर हुआ करते थे, जिनमें से कुछ ही बचे हैं। जानकारी के अनुसार, अभी भी पाकिस्तान के लाहौर किले में लव के नाम पर एक मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण सिख साम्राज्य के दौरान किया गया था। लव मंदिर में आम मंदिरों की तरह पूजा-पाठ नही की जाती है। ये मंदिर आज खाली पड़ा है और इसकी देखरेख के लिए भी कोई नहीं है। दुख की बात है कि मंदिर धर्मस्थल की तरह संरक्षित नहीं ।
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, लाहौर का प्राचीन नाम लवपुरी हुआ था, जिसे भगवान राम के पुत्र लव ने बसाया था। ऐसा माना जाता है, जब भगवान राम ने वनप्रस्थ जाने का निर्णय लिया था, उस समय उन्होंने अपने बेटों लव और कुश को शासन सौंप दिया था। जिसके बाद लव ने पंजाब के क्षेत्र में शासन करते हुए लवपुरी को बसाया था, जो आज लाहौर के नाम से जाना था। वहीं पाकिस्तान में कसूर की स्थापना उनके जुड़वां भाई कुश ने की थी।
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