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जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कानपुर में दो डॉक्टर बर्खास्त कई के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई कमिश्नर कानपुर मंडल को जांच अधिकारी नामित

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कानपुर में दो डॉक्टर बर्खास्त 
डॉ.वैभव श्रीवास्तव ने मार्च 2014 में प्रवक्ता का पद पर नियुक्ति प्राप्त
डॉ.सौरभ दुबे न्यूरो सर्जरी विभाग के सहायक आचार्य नवंबर 2023 से  अनुपस्थित
डॉ. नायला आफसीन, डॉ. अजय आनंद  डॉ. उत्कर्ष कुमार श्रीवास्तव डॉ. राघवेंद्र गुप्ता के विरुद्ध विभागीय  कार्रवाई के आदेश ।


कानपुर 8 फरवरी, 2025
गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज कानपुर जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के दो डॉक्टर कॉलेज में ज्वाइनिंग लेने के बाद बगैर सूचना गायब हो गए थे। दोनों कॉलेज प्रशासन और शासन से मिली नोटिसों का जवाब नहीं दे रहे थे । डॉ.वैभव श्रीवास्तव ने मार्च 2014 में प्रवक्ता का पद पर नियुक्ति प्राप्त की थी । वर्ष 2017 में शासन की अनापत्ति के बिना डीएम पाठ्यक्रम में अघ्ययन के लिए जाने व अनाधिकृत रूप से ड्यूटी से अनुपस्थित रहने के दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की गई है। वहीं डॉ.सौरभ दुबे न्यूरो सर्जरी विभाग के सहायक आचार्य नवंबर 2023 से लगातार अनाधिकृत रूप से बिना सूचना के अनुपस्थित रहने पर उन पर कार्रवाई की गई है।
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में प्रतिष्ठित संस्थान है शासन द्वारा कॉलेज में कार्यरत दो डॉक्टरों की बर्खास्त करने की कार्रवाई से स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता और चिकित्सा शिक्षा के अनुशासन प्रभावित करेगा ।
प्रदेश में कई चिकित्साधिकारियों के खिलाफ भी अनुशासनिक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इसमें अंबेडकर नगर में कार्यरत डॉ. नायला आफसीन, श्रावस्ती में कार्यरत डॉ. अजय आनंद के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। राजकीय मेडिकल कॉलेज आगरा से डॉ. राममनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ में प्रतिनियुक्ति पर इमरजेंसी मेडिसिन विभाग में तैनात सहायक आचार्य डॉ. उत्कर्ष कुमार श्रीवास्तव की प्रतिनियुक्ति अविध भी दो वर्ष के लिए बढ़ा दी गई है।
जीएसवीएम मेडिकल कालेज में कार्यरत सह आचार्य डॉ. राघवेंद्र गुप्ता द्वारा कानपुर एवं फतेहपुर में प्राइवेट प्रैक्टिस करने का मामला सामने आया था। इन्हें झांसी स्थित मेडिकल कॉलेज स्थानांतरित किया गया। डॉ. गुप्ता के विरुद्ध विभागीय अनुशासनिक कार्रवाई किए जाने के आदेश दिए गए हैं। साथ ही कमिश्नर कानपुर मंडल को जांच अधिकारी भी नामित किया गया है।
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज नियुक्ति के पश्चात चिकित्सकों का गायब होना गंभीर समस्या है जो चिकित्सा संस्थानों की कार्यप्रणाली विद्यार्थियों और अन्य स्टाफ के मनोबल को प्रभावित करती है।
दोनों डॉक्टरों ने कॉलेज में नियुक्तियों के बाद बिना सूचना के कार्यस्थल से गायब होने का दुस्साहस उनकी व्यक्तिगत जिम्मेदारी का उल्लंघन चिकित्सा पेशे के लिए शर्मनाक है । चिकित्सा पेशे में अनुशासन और समर्पण आवश्यक है और ऐसे उदाहरण चिकित्सा सेवाओ को बदनाम करते है।
शासन द्वारा की गई बर्खास्त करने की कार्रवाई अनियमितताओं और अनैतिकता को बर्दाश्त न करने के संकेत है । यह हालात के नियंत्रण का प्रयास व भविष्य में अन्य संभावित चिकित्सकों के लिए एक सबक है। यह कदम अन्य चिकित्सा संस्थानों के लिए एक उदाहरण और अनुशासन व जिम्मेदारी से कार्य करने के निर्देश हैं।
चिकित्सा क्षेत्र में कार्यरत कार्मिको को जिम्मेदारी का आभास होना चाहिए। स्वास्थ्य सेवाएं समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं डॉक्टरों को समझना और सही सही तरीके से निभाना आवश्यक है। बर्खास्त करने की कार्रवाई भविष्य में पेशेवर और समर्पित चिकित्सा सेवाओं को अग्रसर करने की सकारात्मक पहल है ।
मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की बर्खास्ती का निर्णय स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में अनुशासन और समर्पण को प्रोत्साहित करना सुनिश्चित करता है कि योग्य और प्रतिबद्ध चिकित्सक अपनी सेवाएँ प्रदान करें, जिससे समाज को उच्च स्तर की स्वास्थ्य सेवाएँ प्राप्त हो ।

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