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विदेशी अनुदान से भारत के चुनाव व लोकतन्त्र को प्रभावित करने का प्रयास निन्दनीय है । भारत के लोकतन्त्र की जडे चुनाव मे है व चुनाव के लिये विदेशी अनुदान निन्दानीय व चिन्ता का विषय

 वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए  21 मिलियन डॉलर अमेरिकी अनुदान

विदेशी अनुदान से भारत के चुनाव व लोकतन्त्र को प्रभावित करने का प्रयास निन्दनीय 
भारत  के लोकतन्त्र की जडे चुनाव मे है  
चुनाव   के लिये  विदेशी अनुदान निन्दानीय व चिन्ता का विषय
बीजेपी प्रवक्ता ने  इसे रिश्वत योजना कहा
कांग्रेस पार्टी सारी जानकारी साझा पर श्वेत पत्र की मांग करती है।

कानपुर 22, फरवरी, 2025   
फरवरी 21, 2025 नई दिल्ली:  विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत की स्थिति का उसकी अंतर्राष्ट्रीय भूमिका, वैश्विक नेतृत्व के दावे और संबंधों पर विदेशी अनुदान का प्रभाव है भारत की राष्ट्रीय पहचान भारतीय लोकतन्त्र को बदलती प्रकृति और 'रणनीतिक स्वायत्तता' के प्रति उसकी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना और प्रौद्योगिकी के लोकतंत्रीकरण विदेशी अनुदान प्रभावित करता है।
सोशल मीडिया पोस्ट के अनुसार डोनाल्ड ट्रंप ने आज कहा कि 21 मिलियन डॉलर अमेरिकी अनुदान मैंने अपने दोस्त नरेंद्र मोदी को वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए दिए हैं। इस बयान के बाद आज चारों तरफ चुप्पी है। इसलिए हम नरेंद्र मोदी से जानना चाहते हैं कि ये 21 मिलियन डॉलर कहां गए? क्योंकि ट्रंप के बयान से साबित हो गया है कि उन्होंने 21 मिलियन डॉलर मोदी को चुनावों को प्रभावित करने और वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए दिए थे। क्योंकि हम लगातार वोटर टर्नआउट के बारे में सवाल पूछ रहे हैं, तो क्या इसी पैसे से वोटर टर्नआउट बढ़ रहा है? नरेंद्र मोदी कितना भी विदेशी फंड ले आएं, वो भारत के लोकतंत्र को कमजोर नहीं कर पाएंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने गुरुवार को भारत में मतदान के लिए अमेरिकी सरकार द्वारा 21 मिलियन डॉलर अमेरिकी अनुदान के आवंटन पर सवाल उठाते हुए इसे रिश्वत योजना बताया था। उन्होंने बांग्लादेश में राजनीतिक परिदृश्य को मजबूत करने के लिए 21 मिलियन डॉलर और नेपाल में जैव विविधता के लिए 19 मिलियन डॉलर के बारे में भी बात की थी।
बीजेपी प्रवक्ता ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा डोनाल्ड ट्रंप ने दूसरी बार कहा है कि भारत में मतदान के लिए 21 मिलियन डॉलर अमेरिकी अनुदान खर्च किए गए हैं। इसे रिश्वत योजना कहा गया है। यह पता लगाने के लिए जांच जरूरी है कि क्या राहुल गांधी और कांग्रेस तंत्र इस रिश्वत योजना के लाभार्थी थे।
भारत के लोकतंत्र की दिशा को लेकर पश्चिमी सरकारों की चिंताएं अब तक गौण रही हैं। लेकिन भारत की लोकतांत्रिक साख के क्षरण का असर को वैश्विक स्तर पर देखा जा रहा है, और यह पश्चिम को भारत के साथ अपने सहयोग की प्रकृति और सीमाओं की समीक्षा करने के लिए प्रेरित कर रहा है।
सोशल मीडिया पोस्ट के अनुसार डोनाल्ड ट्रंप ने आज कहा कि 21 मिलियन डॉलर अमेरिकी अनुदान मैंने अपने दोस्त नरेंद्र मोदी को वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए दिए हैं। इस बयान के बाद आज चारों तरफ चुप्पी है। इसलिए हम नरेंद्र मोदी से जानना चाहते हैं कि ये 21 मिलियन डॉलर कहां गए? क्योंकि ट्रंप के बयान से साबित हो गया है कि उन्होंने 21 मिलियन डॉलर मोदी को चुनावों को प्रभावित करने और वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए दिए थे। क्योंकि हम लगातार वोटर टर्नआउट के बारे में सवाल पूछ रहे हैं, तो क्या इसी पैसे से वोटर टर्नआउट बढ़ रहा है? नरेंद्र मोदी कितना भी विदेशी फंड ले आएं, वो भारत के लोकतंत्र को कमजोर नहीं कर पाएंगे।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा डोनाल्ड ट्रंप ने आज कहा कि 21 मिलियन डॉलर अमेरिकी अनुदान मैंने अपने दोस्त नरेंद्र मोदी को वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए दिए हैं। लेकिन ट्रंप के इस बयान के बाद आज चारों तरफ चुप्पी है। इसलिए हम व देश नरेंद्र मोदी से जानना चाहते हैं कि ये 21 मिलियन डॉलर अमेरिकी अनुदान कहां गए?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोलान्ड ट्रंप ने चुनाव में भारत को फंडिंग मामले में सवाल उठाया है। चुनाव में फंडिंग मामले को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा है, वहीं बीजेपी ने इस पर जांच की मांग की है। बीजेपी ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया जिनमें 21 मिलियन डॉलर का आवंटन ‘बांग्लादेश के लिए था न कि भारत के लिए’ का दावा किया गया था।

पवन खेड़ा ने आगे कहा कि क्योंकि ट्रंप के बयान से साबित हो गया है कि उन्होंने 21 मिलियन डॉलर अमेरिकी अनुदान मोदी को चुनावों को प्रभावित करने और वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए दिए थे। क्योंकि हम लगातार पूछ रहे हैं  क्या इसी पैसे से वोटर टर्नआउट बढ़ रहा है?  
कांग्रेस नेता कांग्रेस नेता ने कहा भारत को 2001-24 के बीच 2.9 बिलियन डॉलर अमेरिकी अनुदान ने दिए हैं। मोदी सरकार में  इस राशि का 44.4% पैसा व कुल का एक चौथाई हिस्सा पिछले 4 साल  में आया। इसीलिए हम श्वेत पत्र की मांग कर रहे हैं सबके सामने आना चाहिए कि ये पैसा किसको-किसको व कहां गया? 
पवन खेड़ा ने कहा जब 2012 के दौरान अन्ना हजारे का आंदोलन चरम पर था, केजरीवाल पार्टी बना रहे थे। तब नरेंद्र मोदी, आडवाणी के खिलाफ षड्यंत्र रच रहे थे। उस वक्त भीअमेरिकी अनुदान से कितना पैसा आया और किसे गया- ये सब हमें श्वेत पत्र में जानना है?
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने मांग करते हुए कहा कि अमेरिकी अनुदान से भारत के किन राजनीतिक दलों, राजनीतिक व्यक्तियों, गैर-सरकारी राजनीतिक संगठनों और सांस्कृतिक संगठनों को पैसा मिला और कब-कब मिला- ये जानकारी दी जाए? नरेंद्र मोदी ने चुनावों को प्रभावित करने और वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए 21 मिलियन डॉलर अमेरिकी अनुदान लिए या नहीं- ये भी देश को बताएं? कांग्रेस पार्टी सारी जानकारी साझा पर श्वेत पत्र की मांग करती है।

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