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गाय व भैस को ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन का इस्तेमाल करने के आरोप में दूध डेयरी संचालक गिरफ्तार ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन लगा दूध मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक

ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन लगा दूध मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक
पुलिस को गाय व भैस को इंजेक्शन लगाते वीडियो साक्ष्य मुहैया कराए
गाय-भैंसो या अन्य दुधारु पशुओं की दूध ग्रंथियों में उत्तेजना बढ़ जाती
पशु क्रूरता अधिनियम, 1960 अधिनियम पशुओं की रक्षा के लिए
ऑक्सीटोसिन का इस्तेमाल आईपीसी की धारा-429 और अधिनियम सेक्शन-12 में दंडनीय अपराध


कानपुर 18, फरवरी, 2025
कानपुर: 18, फरवरी, 2025 पुलिस ने दूध डेयरी संचालकों को गिरफ्तार किया है जो गाय व भैस को ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन लगा कर अधिक दूध निकाल रहे थे । संचालकों से पूछताछ मे ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन का प्रयोग स्वीकार किया हैं। दोनों भाइयों पर शांति भंग करने का आरोप लगाया गया है।
बंगाली मोहाल में शानू घोसी डेयरी की दुकान चलाते हैं। बंगाली मोहाल निवासी शंभू प्रसाद ने रविवार को कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई कि दूध डेयरी संचालक गाय व भैस को ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन लगाकर दूध निकाल रहा है, जो मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
शंभू ने पुलिस को वीडियो साक्ष्य मुहैया कराए, जिसमें दूध निकालने के लिए गाय व भैस को इंजेक्शन लगाते दिखाया गया है। जिसके बाद पुलिस ने शानू घोसी और उसके भाई शाहिद के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। इंस्पेक्टर कोतवाली जगदीश प्रसाद पांडे के अनुसार दूध डेयरी संचालक शानू घोसी और उसके भाई शाहिद को शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। "दोनों को एसीपी कोर्ट में पेश किया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस अब आरोपियों से मिली जानकारी के आधार पर प्रतिबंधित इंजेक्शन बरामद करने की कोशिश कर रही है।"
पशु क्रूरता अधिनियम, 1960 अधिनियम पशुओं की रक्षा के लिए है। यह अधिनियम पशुओं के प्रति क्रूरता को रोकने और उन्हें सुखद जीवन प्रदान करने के लिए विभिन्न प्रावधानों का वर्णन करता है। इसके अंतर्गत पशुओं को नाजायज़ दुख पहुँचाने, उनकी हत्या, या उन्हें जानबूझकर चोट पहुँचाने पर दंड का प्रावधान है।
पशु क्रूरता अधिनियम, 1960 के तहत, पशु क्रूरता के मामलों में दंड कुछ इस प्रकार होता है:
1. अधिनियम के अंतर्गत, यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर संकट या दुख पहुँचाता है, तो उसे अधिकतम तीन साल की जेल या ग्रंथिका (फाइन) या दोनों सजाएँ हो सकती हैं।
2. यदि कोई व्यक्ति पशु की हत्या से संबंधित अपराध करता है, तो उसे एक वर्ष तक की कैद और जुर्माना या दोनों हो सकता है।
3. गंभीर मामलों में, जैसे कि जानवरों के अत्याचार, के लिए दंड बढ़ाया जा सकता है।
4. किसी भी प्रकरण में पुलिस औपचारिक रूप से मामला दर्ज कर सकती है और जांच की प्रक्रिया शुरू कर सकती है।
कई बार डेयरी संचालक मवेशियों से ज्यादा दुग्ध उत्पादन लेने के लालच में अपने पशुओं को ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन लगा देते हैं. इससे गाय-भैंसो या अन्य दुधारु पशुओं की दूध ग्रंथियों में उत्तेजना बढ़ जाती है.
इससे अप्राकृतिक रूप से इन पशुओं के थनों से दूध बहने लगता है. इसके साथ ही इंजेक्शन के बार-बार प्रयोग से पशु ऑक्सीटोसिन दवा के आदी हो जाते हैं. इसके बाद गाय-भैंस बिना इंजेक्शन के दूध नहीं दे पातीं हैं.
गाय-भैंसों पर ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन का इस्तेमाल करना कानूनन अपराध है. आईपीसी की धारा-429 और पशु क्रुरता अधिनियम 1960 के सेक्शन-12 में इसे दंडनीय अपराध कहा गया है. इस प्रावधान के तहत पशुपालकों को इस टीके का प्रयोग हवालात ले जा सकता है.

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