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नए आयकर विधेयक में आभासी डिजिटल संपत्ति की परिभाषा का विस्तार "किसी भी क्रिप्टो-संपत्ति" को शामिल किया जाएगा

क्रिप्टो भी अब आई-टी सर्च नियमों के तहत 

परिवर्तनों की घोषणा 2025 के केंद्रीय बजट में 
वित्त मंत्री ने आयकर अधिनियम, 1961 में धारा 285BAA जोड़ने का प्रस्ताव 
1 अप्रैल, 2026 से प्रभावी होने वाले संशोधनों का उद्देश्य भारत में डिजिटल परिसंपत्ति लेनदेन के अनुपालन और निगरानी को मजबूत करना
वीडीए से आय का खुलासा न करने से करदाता को तलाशी  का सामना करना पड़ सकता 



कानपुर 13 फरवरी, 2025
नई दिल्ली: फरवरी 13, 2025 आयकर विधेयक, 2025 में वीडीए के संबंध में कोई बदलाव नहीं किया गया है। नए आयकर विधेयक में "आभासी डिजिटल संपत्ति" (वीडीए ) की परिभाषा का विस्तार किया गया है। इसमें अब "किसी भी क्रिप्टो-संपत्ति" को शामिल किया जाएगा क्योंकि ये मूल्य का डिजिटल प्रतिनिधित्व हैं जो क्रिप्टोग्राफिक रूप से सुरक्षित करता है।तलाशी और जब्ती कार्यवाहियों के प्रयोजनार्थ अघोषित आय की परिभाषा का विस्तार करते हुए वीडीए को शामिल किया गया है। इन परिवर्तनों की घोषणा 2025 के केंद्रीय बजट में की गई थी।
क्रिप्टोकरेंसी के व्यापार से अर्जित लाभ पर 30 प्रतिशत कर लगता रहेगा क्योंकि बजट घोषणा में इस पर पर कोई राहत नहीं दी गई, जबकि सरकार ने आयकर अधिनियम, 1961 में एक नया खंड पेश किया है, जिससे निवेशकों के लिए “क्रिप्टो-परिसंपत्ति लेनदेन पर जानकारी प्रस्तुत करना” अनिवार्य हो गया है।
आयकर विधेयक, 2025 में वीडीए के संबंध में कोई बदलाव नहीं किया गया है।वित्त मंत्री ने आयकर अधिनियम, 1961 में धारा 285BAA जोड़ने का प्रस्ताव रखा है, जिससे लेनदेन का विवरण प्रस्तुत करना अनिवार्य हो जाएगा। अघोषित आय को परिभाषित करने में “वर्चुअल डिजिटल संपत्ति” को भी शामिल किया जाना चाहिए, जिसके तहत अब तक जुआ, घुड़दौड़, क्रिप्टो ट्रेडिंग से होने वाली आय को रिपोर्ट किया जाता था।
इसके अतिरिक्त, सरकार ने धारा 2(47ए) के तहत वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्तियों (वीडीए) की परिभाषा का विस्तार किया है, जिसमें “क्रिप्टोग्राफिक सुरक्षा और वितरित लेज़र तकनीक पर निर्भर क्रिप्टो-परिसंपत्तियां” शामिल हैं, जिससे व्यापक नियामक कवरेज सुनिश्चित होता है।
वीडीए की परिभाषा को OECD द्वारा डिज़ाइन किए गए क्रिप्टो-एसेट रिपोर्टिंग फ्रेमवर्क में क्रिप्टो-एसेट की परिभाषा के साथ संरेखित करने के लिए विस्तारित की गई है। ऐसा डिजिटल परिसंपत्तियों जैसे उपयोगिता टोकन, सुरक्षा टोकन, क्रिप्ट डेरिवेट्स आदि की विस्तृत श्रृंखला पर नियन्त्रण करने का प्रयास है, जो भारत में औपचारिक रूप से विनियमित क्षेत्र में अपना रास्ता बना रहे हैं। क्रिप्टो स्पेस में गतिविधियों को ट्रैक करने के लिए एक मजबूत नियामक ढांचे की कमी के कारण सरकार द्वारा सामना की जाने वाली वर्तमान कमी को दूर करने के लिये वित्त विधेयक 2025 वित्तीय लेनदेन के विवरण के समान क्रिप्टो-परिसंपत्तियों की रिपोर्टिंग के दायित्व का प्रस्ताव है। नियमों की अधिसूचना के अनुरूप सभी तथ्यो की जानकारी और मौद्रिक थ्रेसहोल्ड को प्रस्तुत करेगी। वित्त अधिनियम में पेश की गई व्यवस्था के तहत वीडीए से आय का खुलासा न करने से करदाता को तलाशी कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है।
1 अप्रैल, 2026 से प्रभावी होने वाले संशोधनों का उद्देश्य भारत में डिजिटल परिसंपत्ति लेनदेन के अनुपालन और निगरानी को मजबूत करना है।

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