-2025 में ब्याज दरों में 0.25% की कटौती
-दर 4% से 4.25% के दायरे में
-कटौती अमेरिकी श्रम बाजार में कमजोरी और बढ़ती महंगाई की चिंताओं के बीच
- आर्थिक वृद्धि धीमी और बेरोजगारी दर बढ़ी है।
-फेडरल रिजर्व ने वर्ष के अंत तक दो और कटौती की संभावना का संकेत दिया
- अक्टूबर और दिसंबर में और कटौती की उम्मीद है।
-ब्याज दरों में कटौती से ऋण लेना सस्ता
-बचत खातों पर ब्याज कम
-भारतीय बाजार पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता
- कदम आर्थिक स्वास्थ्य में सुधार का प्रयास
- अधिकतम रोजगार और महंगाई के बीच संतुलन बनाना चुनौतीपूर्ण
कानपुर :18 सितम्बर, 2025
18 सितम्बर, 2025: वाशिंगटन (अमेरिका) : अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने कटौती जारी रखते हुए ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की है, प्रमुख FOMC बैठक के बाद एक आधिकारिक बयान जारी किया है.अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने वर्ष 2025 की पहली बार ब्याज दरों में 0.25% (25 आधार अंकों) की कटौती की है, जिससे यह दर 4% से 4.25% के दायरे में चली गई है। यह कटौती 17 सितंबर 2025 को एक महत्वपूर्ण निर्णय के रूप में आई, और इसकी उम्मीद बाजारों में पहले से थी। कटौती मुख्यतः अमेरिकी श्रम बाजार में दिख रही कमजोरी और महंगाई की बढ़ती चिंताओं के बीच की गई। स्थिति यह है कि आर्थिक गतिविधियों की वृद्धि धीमी हो गई है, और बेरोजगारी दर थोड़ी बढ़ी है। हालांकि, महंगाई अब भी उच्च स्तर पर बनी हुई है।
फेडरल रिजर्व नेसंकेत दिए हैं कि वर्ष के अंत तक दो और कटोतियों की संभावना है, ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाली नीति बैठक में (जो अक्टूबर और दिसंबर में निर्धारित हैं) और कटौती के निर्णय लिए जा सकते हैं।
ब्याज दरों की यह कटौती विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों पर प्रभाव डालेगी। कंपनियों और व्यक्तियों के लिए ऋण लेना सस्ता होगा, जिससे होम लोन, कार लोन, और क्रेडिट कार्ड ब्याज में कमी आएगी। हालांकि, यह भी ध्यान देने योग्य है कि बचत खातों पर मिलने वाला ब्याज कम हो सकता है। भारतीय बाजार पर इसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है, क्योंकि विदेशी निवेशक अमेरिका की सस्ती दरों के कारण भारत जैसे उभरते बाजारों की ओर आकर्षित हो सकते हैं।
फेडरल रिजर्व के इस कदम को व्यापक आर्थिक स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है, हालांकि अधिकतम रोजगार और महंगाई के बीच संतुलन बनाना चुनौतीपूर्ण रहेगा। आगे की कटौती की संभावनाएं दर्शाती हैं कि फेड कमजोर आर्थिक संकेतों के प्रति अधिक संवेदनशील हो रहा है।
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