- कानपुर के सजेती थाना क्षेत्र में जीतू निषाद ने घरेलू विवाद के कारण की आत्महत्या ।
- पुलिस ने जीतू से ₹20,000 की रिश्वत मांगी, जिसमें से उसने ₹5,000 दिए।
- पैसे की कमी के चलते पुलिस का उत्पीड़न जारी रहा, जिससे जीतू ने की आत्महत्या।
- परिजनों ने पुलिस पर बर्बरता और रिश्वतखोरी का आरोप लगाया है।
- विधायक सरोज कुरील और डीसीपी दीपेंद्र चौधरी ने पहुंचकर परिवार की बात सुनी।
- दरोगा, हेड कांस्टेबल और अन्य के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा व निलंबित
- इलाके में भारी विरोध और सनसनी
Aaj Tak 10 घंटे ·
कानपुर के सजेती थाना क्षेत्र के कोटरा गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. घरेलू विवाद में फंसे जीतू निषाद को पुलिस ने बेरहमी से प्रताड़ित किया और रिश्वत के तौर पर ₹50,000 की मांग की.
अनाज बेचकर जीतू ने ₹20,000 तो दे दिए, लेकिन बाकी रुपये नहीं दे पाया. इसके बाद भी पुलिस का उत्पीड़न जारी रहा. आखिरकार, इस दबाव और अपमान से तंग आकर जीतू ने आत्महत्या कर ली.
परिजनों ने पुलिस पर बर्बरता और रिश्वतखोरी का आरोप लगाया है. घटना की जानकारी मिलने पर विधायक सरोज कुरील और डीसीपी दीपेंद्र चौधरी मौके पर पहुंचे. डीसीपी ने परिवार की बात सुनी और पुलिसकर्मियों की गलती स्वीकार कर ली. पुलिस ने आरोपी दरोगा, हेड कांस्टेबल, ससुर और पत्नी पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है. साथ ही आरोपी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी मचा दी है और ग्रामीणों ने भारी विरोध दर्ज कराया.
11 जून, 2025 कानपुर देहात के सजेती थाना क्षेत्र के कोटरा मकरंदपुर गांव में पति-पत्नी की लड़ाई में कानुपर पुलिस के दरोगा ने रिश्वत में 20 हजार रुपये मांगे । परिजनों ने अनाज बेचकर 5 हजार रुपये जुटाए, बाकी के 15 हजार का जुगाड़ ना होने पर इतना टॉर्चर किया कि पीड़ित ने सुसाइड कर लिया।
कानपुर में पुलिस की पिटाई और टॉर्चर से परेशान होकर एक युवक ने आत्महत्या करली और एक परिवार का चिराग बुझ गया। पुलिस ने युवक को छोड़ने के बदले लिए 20 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी, लेकिन परिवार तमाम कोशिशों के बाद भी रिश्वत देते के लिए 20 हजार रुपये की व्यवस्था नहीं कर सका।
कानपुर देहात के सजेती थाना क्षेत्र के कोटरा मकरंदपुर गांव मे पति जीत कुमार उर्फ जीतू निषाद और पत्नी सुमन के बीच घरेलू विवाद में पुलिस की एंट्री पत्नी सुमन की शिकायत पुलिस सहायता केंद्र पर हुयी। पुलिस चौकी में जीत पर इतना दबाव डाला कि उनसे फंदा लगाकर जान दे दी।
मृतक के परिवार ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने जीत को छोड़ने के बदले 20 रुपये मांगे थे। परिवार ने अपने बेटे को छुड़ाने के लिए हर मुमकिन कोशिश की, लेकिन 20 हजार रुपये को इंतजाम नहीं हो पाया। आखिर में परिजनों ने घर का अनाज बेचकर 5 हजार रुपये जुटाए। आरोप है कि बाकी के 15 हजार रुपये नहीं देने पर पुलिस दारोगा ने इतना टॉर्चर किया कि जीत निषाद को आत्महत्या करने का रास्ता आसान लगा।
गुस्साए परिजनों और ग्रामीणों ने शव रख जमकर हंगामा किया। स्थानीय विधायक सरोज कुरील और डीसीपी परिजनों को समझाने के लिए देर रात ही मौके पर पहुंचे। डीसीपी साउथ ने परिजनों को आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने का भरोसा दिया है। उन्होंने एक दारोगा और एक दीवान सहित 4 लोगों पर मुकदमा हुआ दर्ज करने का आदेश दिया है।
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