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जनसंख्या गणना 1 मार्च 2027 से करने की अधिसूचना भारत सरकार ने की जारी: जनगणना दो चरणों में: पहली बार की जाति आधारित गणना शामिल

जनसंख्या गणना करने की अधिसूचना जारी
जनगणना दो चरणों में
पहला चरण हाउस लिस्टिंग ऑपरेशन
दूसरा चरण में व्यक्तिगत जानकारी नाम, आयु, लिंग, शिक्षा आदि दर्ज
जनगणना पूरी तरह से डिजिटल रूप में
जनगणना वंचित समुदायों के लिए आरक्षण नीति की समीक्षा
वंचित समुदायों  के लिए सरकारी नीतियों के निर्माण और योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण होंगे.


कानपुर 16 जून 2025:
कोलकाता जून 16, 2025 : भारत सरकार ने 1 मार्च 2027 से जनसंख्या गणना करने की अधिसूचना जारी की है। यह जनगणना दो चरणों में संपन्न होगी और इसमें पहली बार जाति आधारित गणना भी शामिल की है। जनगणना की संदर्भ तिथि के अंर्तगत अधिकांश भारत के लिए: 1 मार्च 2027 और बर्फीले क्षेत्रों (जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड आदि) के लिए: 1 अक्टूबर 2026.
जनगणना दो चरणों में होगी पहला चरण हाउस लिस्टिंग ऑपरेशन (HLO), जिसमें प्रत्येक घर की जानकारी इकठ्ठा की जाएगीऔर दूसरा चरण: जनसंख्या गणना , जिसमें व्यक्तिगत जानकारी जैसे नाम, आयु, लिंग, शिक्षा आदि दर्ज की जाएगी.पहली बार यह जनगणना पूरी तरह से डिजिटल रूप में आयोजित की जाएगी। इसमें नागरिकों को अपने जानकारी भरने की सुविधा दी जाएगी, जिसे सेल्फ-एन्यूमरेशन कहा जाएगा। डेटा संग्रहण के लिए एक विशेष मोबाइल ऐप का उपयोग होगा.जनगणना के डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े उपाय किए जाएंगे, ताकि डेटा संग्रहण और ट्रांसफर सुरक्षित रहे. यह जनगणना खासकर वंचित समुदायों के लिए आरक्षण नीति की समीक्षा और विशेष ध्यान देने के लिए सरकारी नीतियों के निर्माण और सामाजिक योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण होंगे.
भारत की जनगणना महत्वपूर्ण राष्ट्रीय प्रक्रिया हर 10 साल में की जाती है। सबसे पहली जनगणना 1872 में ब्रितानी शासन के दौरान कराई गई थी, लेकिन इस जनगणना को पूरा नहीं माना गया। आधुनिक भारत की पहली पूर्ण जनगणना 1881 में हुई थी。
स्वतंत्र भारत में पहली बार जनगणना 1951 में आयोजित की गई थी। उसके बाद, भारत में हर 10 वर्ष में जनगणना का आयोजन किया गया है। 2011 में भारत की 15वीं जनगणना कराई गई, जिसमें कुल जनसंख्या 1,210,854,977 (121 करोड़) थी। यह जनगणना 9 फरवरी 2011 से 28 फरवरी 2011 तक दो चरणों में आयोजित की गई थी।
अगली जनगणना 2021 में होने वाली थी, लेकिन COVID-19 महामारी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया और अब यह 2027 में करने की योजना बनाई गई है।
भारत में जनगणना द्वारा जनसंख्या, सामाजिक स्थिति, और आर्थिक जानकारी एकत्र की जाती है, जो सरकार को विभिन्न नीतियों और योजनाओं के निर्माण में मदद करती है।
जनगणना 2027 भारत में एक महत्वपूर्ण कदम है इसमे पहली बार जातिगत गणना को भी शामिल है और यह पूरी तरह से डिजिटल प्रक्रिया होगी। यह प्रक्रिया न केवल जनसंख्या को समझने में मदद कर सामाजिक और आर्थिक नीतियों के विकास के लिए भी महत्वपूर्ण होगी.

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