- भारतीय सेना के सिपाही साइनुद्दीन पीके ने सर्वोच्च बलिदान दिया।
- भारी बारिश के कारण तीस्ता नदी का जलस्तर बढ़ा, जिससे सैन्य शिविर प्रभावित हुआ।
- साइनुद्दीन पीके के अवशेषों को उनके पैतृक गांव लक्षद्वीप तक 2500 किलोमीटर दूर पहुंचाया गया।
- आर्मी, एयरफोर्स और नेवी के संयुक्त प्रयासों से उनकी अंतिम यात्रा पूरी की गई।
- भूस्खलन में तीन जवानों की जान गई और चार अन्य घायल हुए हैं, जबकि पांच जवानों की खोज जारी है।
- भारतीय सेना और एनडीआरएफ की टीमें ने लगभग 48 लोगों को एयरलिफ्ट
- प्राकृतिक आपदाओं के लिए त्वरित सहायता और कार्रवाई की आवश्यकता
EasternCommand_IA@easterncomd 7h
लेफ्टिनेंट जनरल आर सी तिवारी, #आर्मीकमांडर, #पूर्वीकमान और सभी रैंक, 01 जून 2025 को #छातेन, #उत्तर_सिक्किम में भारी बारिश के कारण आए भीषण भूस्खलन में सिपाही सैनुधीन पी के, के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। उनका पार्थिव शरीर, 08 जून 2025 को रिकवर किया गया और पूरे सैन्य सम्मान के साथ #लक्षद्वीप पहुंचाया गया।
#भारतीयसेना दुख की इस घड़ी में परिवार के साथ है।
ओम प्रकाश माथुर (Om Prakash Mathur ) @OmMathur_Raj5h
उत्तरी सिक्किम के छातेन में हुए विनाशकारी भूस्खलन में सर्वोच्च बलिदान देने वाले भारतीय सेना के सिपाही सैनुद्दीन पीके को अंतिम विदाई, सिक्किम प्रदेश की ओर से आपके बलिदान को मैं नमन करता हूँ ।
AajTakआजक @aajtak 3 जून
सिक्किम के छातेन में 1 जून 2025 को भूस्खलन से सैन्य शिविर प्रभावित हुआ। भारी बारिश ने तीस्ता नदी का जलस्तर बढ़ा दिया है। सिक्किम के छातेन में फंसे लोगों को पहले समूह को आज सुबह सफलतापूर्वक एयरलिफ्ट कर सुरक्षित निकाला गया। MI-17 V5 हेलिकॉप्टरों की दो उड़ानों ने इस रेस्क्यू मिशन को अंजाम दिया और 34 लोगों को लेकर पाकयोंग ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट पर सुरक्षित लैंडिंग की। बचाए गए लोगों में घायल सेना के जवान, उनके परिवार के सदस्य और क्षेत्र में फंसे पर्यटक शामिल हैं। घायलों का फिलहाल चिकित्सकीय इलाज जारी है।
सीमा संघोषतंग @SeemaSanghosh 6 जून
भारतीय सेना सिक्किम में कर रही राहत कार्य उत्तर सिक्किम में आए भीषण भूस्खलन के बाद भारतीयसेना अत्यंत कठिन मौसम और खतरनाक पहाड़ी इलाके में लगातार खोज और बचाव अभियान चला रही है। लाचेन गांव, जो पूरी तरह से संपर्क से कट गया था सेना की मदद से सम्पर्क बना लिया गया है। वहां 113 फंसे हुए पर्यटकों का पता लगाया गया है, जिनमें से 30 लोगों 3 जून को एयरलिफ्ट कर लिया गया है, जिनमें विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। अभी भी 6 लापता व्यक्तियों की तलाश जारी है.
सीमा संघोषतंग @SeemaSanghosh 6 जून
भारतीय सेना सिक्किम में कर रही राहत कार्य उत्तर सिक्किम में आए भीषण भूस्खलन के बाद भारतीयसेना अत्यंत कठिन मौसम और खतरनाक पहाड़ी इलाके में लगातार खोज और बचाव अभियान चला रही है। लाचेन गांव, जो पूरी तरह से संपर्क से कट गया था सेना की मदद से सम्पर्क बना लिया गया है। वहां 113 फंसे हुए पर्यटकों का पता लगाया गया है, जिनमें से 30 लोगों 3 जून को एयरलिफ्ट कर लिया गया है, जिनमें विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। अभी भी 6 लापता व्यक्तियों की तलाश जारी है.
नई दिल्ली: 9 जून, 2025: देश की सरहदों की हिफाजत करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सिपाही साइनुद्दीन पीके के अवशेषों को करीब 2500 किलोमीटर दूर उनके पैतृक गांव पहुंचाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। साइनुद्दीन पीके का ये अंतिम सफर बलिदान और कर्तव्य के प्रति निष्ठा को सेना और देश की तरफ से सम्मान था।उत्तरी सिक्किम में भूस्खलन में शहीद हुए सिपाही साइनुद्दीन पीके के अवशेषों को सेना ने 2500 किलोमीटर दूर उनके पैतृक गांव लक्षद्वीप पहुंचाया। आर्मी, एयरफोर्स और नेवी के संयुक्त प्रयास से यह मुश्किल यात्रा संभव हो हो पाया। आर्मी के हेलीकॉप्टर और एयरफोर्स के C-295 विमान की मदद से यह लंबी और जटिल अंतिम यात्रा चरणबद्ध तरीके से पूरी की गई।
सिक्किम में हुए भूस्खलन ने भारतीय सेना के एक जवान का जीवन समाप्त कर दिया और अब पांच अन्य जवानों की खोज जारी है। यह घटना उत्तरी सिक्किम के छातेन क्षेत्र में एक सैन्य शिविर में 1 जून को हुई थी। भारी बारिश के चलते आई इस प्राकृतिक आपदा में तीन जवानों की जान चली गई थी और चार अन्य घायल हुए थे.
सैनिकों की खोज और बचाव कार्यों में भारतीय सेना और एनडीआरएफ की टीमें लगी हुई हैं, और भूस्खलन के कारण प्रभावित क्षेत्रों से लगभग 48 लोगों को एयरलिफ्ट भी किया गया है. सिलसिलेवार बचाव अभियानों के तहत, प्रभावित स्थानों में भूस्खलन की घटनाओं के कारण संपर्क बाधित हो गया है, जिससे स्थानीय निवासियों और पर्यटकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
प्राकृतिक आपदाएँ कितनी भयानक हो सकती हैं और इनसे निपटने के लिए त्वरित सहायता और कार्रवाई की आवश्यकता होती है।
सिक्किम में हुए भूस्खलन ने भारतीय सेना के एक जवान का जीवन समाप्त कर दिया और अब पांच अन्य जवानों की खोज जारी है। यह घटना उत्तरी सिक्किम के छातेन क्षेत्र में एक सैन्य शिविर में 1 जून को हुई थी। भारी बारिश के चलते आई इस प्राकृतिक आपदा में तीन जवानों की जान चली गई थी और चार अन्य घायल हुए थे.
सैनिकों की खोज और बचाव कार्यों में भारतीय सेना और एनडीआरएफ की टीमें लगी हुई हैं, और भूस्खलन के कारण प्रभावित क्षेत्रों से लगभग 48 लोगों को एयरलिफ्ट भी किया गया है. सिलसिलेवार बचाव अभियानों के तहत, प्रभावित स्थानों में भूस्खलन की घटनाओं के कारण संपर्क बाधित हो गया है, जिससे स्थानीय निवासियों और पर्यटकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
प्राकृतिक आपदाएँ कितनी भयानक हो सकती हैं और इनसे निपटने के लिए त्वरित सहायता और कार्रवाई की आवश्यकता होती है।
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