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ब्रिटेन में भारतीय मूल की प्रोफेसर निताशा कौल ने कहा कि भारत सरकार ने 'भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त' होने के कारण उनका ओवरसीज सिटीजनशिप ऑफ इंडिया (ओसीआई) दर्जा रद्द

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के लिए विदेशों में झूठा जहर घोल रही
"मोदी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाने की सज़ा मिली
राज्य में लोकतांत्रिक चुने गए मुख्यमंत्री के बावजूद कश्मीरियों को कोई स्वायत्तता नहीं
कौल को बेंगलुरु हवाई अड्डे से उतरने के कुछ घंटों के भीतर वापस भेज दिया गया था
सरकार की "अल्पसंख्यक और लोकतंत्र विरोधी नीतियों" पर पर चर्चा के कारण की गई है
कानपुर 19 मई 2025
19 मई 2025 सोशल मीडिया पोस्ट से
श्रवण बिश्नोई (किसान) @SharwanKumarBi7 9h
मिलिए एक ओर Traitor से प्रोफ़ेसर निताशा कौल, Nitasha Kaul #OIC भारत सरकार द्वारा रद्द कर दिया है। पूराने वीडियो से समझिए RSS और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के लिए विदेशों में झूठा जहर घोल रही है। इसने हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले पर कहा: - दावा किया कि भारत में मौजूद ताकतें इसे हिंदू-मुस्लिम संघर्ष में बदलने की कोशिश कर रही हैं - दावा किया कि कश्मीरी मुसलमानों पर हिंदू राष्ट्रवादी समूहों द्वारा हिंसक हमला किया जा रहा है -पाकिस्तान को सभी ज़िम्मेदारियों से मुक्त करते हुए भारत पर दोष मढ़ दिया। - कहा कि टीआरएफ, एक ऐसा नाम है जिसका इस्तेमाल लश्कर-ए-तैयबा द्वारा प्रचार के लिए किया जाता है, एक 'कम जाना-पहचाना समूह' है - टीआरएफ, एक ऐसा नाम है जिसका इस्तेमाल लश्कर-ए-तैयबा द्वारा प्रचार के लिए किया जाता है, एक 'कम जाना-पहचाना समूह' है -दावा किया कि राज्य में लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए मुख्यमंत्री के बावजूद कश्मीरियों को कोई स्वायत्तता नहीं है
"मोदी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाने की सज़ा मिली" -OCI स्टेटस रद्द होने पर बोलीं ब्रिटिश स्कॉलर निताशा कौल भारतीय मूल की ब्रिटिश स्कॉलर निताशा कौल ने रविवार को कहा कि उनका ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया (OCI) का दर्जा रद्द कर दिया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई नरेंद्र मोदी सरकार की "अल्पसंख्यक विरोधी और लोकतंत्र विरोधी नीतियों" पर उनके शैक्षणिक कार्य के कारण की गई है.
निताशा कौल का OCI कार्ड भारत सरकार ने भारत विरोधी गतिविधियों के लिए रद्द कर दिया है। उसने अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों के हनन की कहानियाँ गढ़ी हैं। पिछले साल कर्नाटक कांग्रेस सरकार ने उसे सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन अधिकारियों ने उसे सम्मेलन को बंद कर दिया। अब हाय मोदी हाय बीजेपी करते हुए बच्चे की तरह रो रही है
ब्रिटेन में भारतीय मूल की प्रोफेसर निताशा कौल ने कहा कि भारत सरकार ने 'भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त' होने के कारण उनका ओवरसीज सिटीजनशिप ऑफ इंडिया (ओसीआई) दर्जा रद्द कर दिया है। कौल को पिछले साल बेंगलुरु हवाई अड्डे से वहां उतरने के कुछ घंटों के भीतर वापस भेज दिया गया था।कौल ने 18 मई को सोशल मीडिया पर अपना ओसीआई स्टेटस रद्द करने के संबंध में नोटिस साझा किया था।
कौल ने ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में कहा, ‘‘जानती हूं कि नफरत के खिलाफ बोलने पर भारत में शिक्षाविदों को गिरफ्तार करना भारत के बाहर के शिक्षाविदों के लिए देश और परिवार तक पहुंच को खत्म करने से जुड़ा हुआ है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘विचार यह है कि एक संकेत दिया जाए – हमें अंदर से चुनौती देने की हिम्मत मत करो और बाहर के लोगों को संदेश देने के लिए जो कुछ हो रहा है उसका विश्लेषण करने की हिम्मत मत करो।’’
लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग द्वारा निर्धारित ओसीआई नियमों के तहत भारत सरकार कानून द्वारा स्थापित भारतीय संविधान के प्रति प्रवासी नागरिक की ओर से दुर्भावना व्यक्त किए जाने जैसे कुछ विशिष्ट आधारों पर किसी भी व्यक्ति का ओसीआई पंजीकरण रद्द कर सकती है।
भारत सरकार से कथित रूप से प्राप्त निरस्तीकरण दस्तावेज़ के एक अंश में कौल पर ‘‘विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई शत्रुतापूर्ण लेखन, भाषण और पत्रकारिता गतिविधियों” का आरोप लगाया गया है, जो “भारत की संप्रभुता के मामलों में भारत और उसके संस्थानों को निशाना बनाते हैं”।
वेस्टमिंस्टर विश्वविद्यालय में ‘सेंटर फॉर स्टडी ऑफ डेमोक्रेसी’ की निदेशक कौल ने ओसीआई रद्द किए जाने की निंदा करते हुए इसे “बुरा इरादा, प्रतिशोधी, अंतरराष्ट्रीय दमन का क्रूर उदाहरण” बताया और दावा किया कि उन्हें “अल्पसंख्यक विरोधी और लोकतंत्र विरोधी नीतियों पर विद्वतापूर्ण कार्य” के लिए दंडित किया गया है।
ब्रिटेन में भारतीय मूल की प्रोफेसर निताशा कौल ने दावा किया है कि उनका ओवरसीज सिटीजनशिप ऑफ इंडिया का दर्जा भारत सरकार द्वारा रद्द कर दिया गया है। निताशा कौल, जो लंदन के वेस्टमिंस्टर विश्वविद्यालय में पढ़ाती हैं, ने अपनी ओसीआई स्थिति को रद्द करने के पीछे का कारण बताया कि उन्होंने मोदी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए थे। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर एक आधिकारिक पत्र का एक स्नैपशॉट साझा किया, जिसमें भारत की संप्रभुता पर चिंता जताते हुए उनकी भारत विरोधी गतिविधियों का उल्लेख किया गया था।इस पत्र में यह भी कहा गया था कि निताशा कौल विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों और सोशल मीडिया पर नियमित रूप से भारत को निशाना बनाती रहीं हैं। उनके खिलाफ आरोप था कि उन्होंने भारत और उसकी संस्थाओं पर नकारात्मक टिप्पणी की थी। इस तरह के आरोपों के कारण उन्हें फरवरी 2024 में भारत में एक कार्यक्रम में बोलने से रोक दिया गया था।इसके अतिरिक्त, ओसीआई कार्ड को रद्द करने के सिलसिले में भारत सरकार के खिलाफ कुछ अन्य प्रवासी भारतीयों ने भी अदालतों में याचिकाएं दायर की हैं, जिसमें यह तर्क दिया जा रहा है कि उनके कार्ड को रद्द करने का आदेश मनमाना और अवैध है।अल्पसंख्यकों और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति हो रहे कथित हमलों के संदर्भ में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत सरकार की नीतियों की आलोचना के समय निताशा कौल की स्थिति सामने आई है ।

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