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दोनों पक्षों के बीच सहमति दोनों पक्ष आज भारतीय मानक समयानुसार 1700 बजे से जमीन, हवा और समुद्र में सभी तरह की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद कर देंगे। समझौते को लागू करने के निर्देश

ऑपरेशन सिंदूर के अन्तर्गत नौ आतंकी शिविरों पर रात 1:05 बजे 25 मिनट मे 24 मिसाइलें ।
किसी पाकिस्तानी सैन्य संपत्ति को निशाना नहीं बनाया गया।
वहां से गोली चलेगी, तो यहां से गोला चलेगा।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस व विदेश मंत्री मार्को रुबियो की सक्रिय भागीदारी।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने युद्ध विराम सार्वजनिक घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट की।
दोनों परमाणु-सशस्त्र पड़ोसियों के बीच तनाव रोकने मे वाशिंगटन की सक्रिय भागीदारी ।


कानपुर 11 , मई, 2025:
11 , मई, 2025: वाशिंगटन में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव को प्रायोजित कर अमेरिका के साथ कूटनीतिक जुड़ाव बढा युद्ध विराम के बयान के शब्दों को लेकर दोनों पक्षों के बीच काफी बहस व गहन विचार-विमर्श के बाद दोनों देश अंतिम भाषा पर सहमत हुए ।
भारत ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि अगर सीमा पार आतंकी शिविरों का संचालन जारी रहा तो उकसावे का कड़ा जवाब दिया जाएगा। भारत ने पाकिस्तानी समकक्ष मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला को एक सटीक सैन्य अभियान के समाप्त होने के तुरंत बाद, 7 मई को सुबह 1:30 बजे,फोन करके बताया कि भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर में हमला किया है ।
भारतीय सशस्त्र बलों ने भारत के खिलाफ हमलों के लिए पहचाने गए नौ आतंकी शिविरों पर ऑपरेशन सिंदूर अभियान के अन्तर्गत रात 1:05 बजे शुरू कर 25 मिनट मे 24 मिसाइलें दागीं।व इस बात पर जोर दिया कि केवल आतंकी ढांचे को निशाना बना हमला किया गया व किसी पाकिस्तानी सैन्य संपत्ति को निशाना नहीं बनाया गया।
नई दिल्ली व दुनिया के कई देशो की कई राजधानियों के बीच राजनयिक और नेता संचार लाइनो पर भारत पहलगाम हमले के बाद प्रतिक्रिया जानने के लिए उत्सुक थे । भारत ने स्पष्ट कर दिया था कि अगर सीमा पार आतंकी शिविर संचालित होते रहे तो कड़ा जवाब दिया जाएगा। 1 मई को विदेश मंत्री एस. जयशंकर द्वारा अमेरिकी विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मार्को रुबियो के साथ की गई बातचीत के दौरान इस रुख को दोहराया गया। प्रधानमंत्री का स्पष्ट संदेश था "वहां से गोली चलेगी, तो यहां से गोला चलेगा।"
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मार्को रुबियो और अन्य प्रमुख वार्ताकारों से सैन्य अभियान समाप्त होने के तुरंत बाद बात की। कई देशों ने चिंता जताई कि दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव और बढ़ सकता है। संयुक्त राज्य अमेरिका के अलावा, सऊदी अरब, यूएई, ईरान और मिस्र इस संपर्क का नेतृत्व कर संयम बरतने का आग्रह व स्पष्टता बातचीत को प्रोत्साहित कर रहे।
हम तनाव बढ़ाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं परन्तु प्रत्येक उकसावेबाजी का जवाब दिया जाएगा सैन्य संचालन महानिदेशक चैनल के माध्यम से बातचीत के लिए तैयार हैं और उससे आगे कुछ नहीं। । इस पेशकश के बावजूद, पाकिस्तान की ओर से तुरंत कोई कॉल नहीं आया।
कम से कम बारह देशों ने र भारत के आत्मरक्षा के अधिकार के लिए समर्थन व्यक्त किया।
वाशिंगटन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ कूटनीतिक जुड़ाव तेज हो गया। कई बार बातचीत हुईपाकिस्तान के सुरक्षा परिषद में बैठने के कारण किसी भी संभावना को छोडा नही जा सकता था। सबसे बड़ी सफलता तब मिली जब पाकिस्तान ने आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फोर्स का नाम सूची से बाहर करने की बहुत कोशिश की। हमने हर बातचीत में भारत को निशाना बनाने वाले आतंकी संगठनों को बचाने के पाकिस्तान प्रयास को उजागर किया।वैश्विक नेताओं की चिंता 7 मई के हमलों के 48 घंटों के भीतर स्थिति बिगड़ ने पर बढ़ गई। संयुक्त राज्य अमेरिका ने मध्यस्थता की पेशकश कर भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत का आग्रह किया। यूरोपीय संघ ने भी दोनों देशों से बातचीत में शामिल होने और बढ़ते तनाव के बीच नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आह्वान किया। सऊदी अरब के विदेश मामलों के राज्य मंत्री अदेल अलजुबेर ने भारत की अघोषित यात्रा की और गुरुवार को विदेश मंत्री जयशंकर से मुलाकात कर तनाव कम करने का समर्थन किया। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कूटनीतिक संवाद को बढ़ावा देने के साथ आगे तनाव बढ़ने के जोखिम को कम करने के प्रयासों को आगे बढ़ाया। पाकिस्तान उनमें से किसी की बात नहीं सुन रहा था और तनाव की स्थिति बनी हुई थी 9 मई की रात को पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान में अंतर्राष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर भारी गोलाबारी की। बारामुल्ला से भुज तक फैले संदिग्ध सशस्त्र ड्रोन सहित 26 स्थानों पर ड्रोन देखे गए। अकेले पंजाब के अमृतसर में 15 ड्रोन देखे गए, जिनमें से अधिकांश को रेड अलर्ट जारी होने के बाद निष्प्रभावी कर दिया गया। बारामुल्ला, कुपवाड़ा, पठानकोट और सांबा में विस्फोटों की सूचना मिली, जबकि फिरोजपुर में तीन नागरिक घायल हो गए। राजस्थान के जैसलमेर में कम से कम नौ ड्रोन मार गिराए गए, जबकि बाड़मेर, पोखरण और जम्मू-कश्मीर के उरी और हंदवाड़ा में भी ड्रोन और अवरोधों को रोका गया।
ब्रिटिश विदेश सचिव डेविड लैमी ने जयशंकर से उसी दिन बात कर संयम बरतने और कूटनीतिक रास्ता खोजने के लिए सीधी बातचीत को प्रोत्साहित करने का आग्रह किया साथ ही पाकिस्तानी नेतृत्व के साथ भी बातचीत की।। जयशंकर ने बताया कि पाकिस्तान स्थिति को बढ़ा आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता पर अड़ा हुआ है।
संयुक्त राज्य अमेरिका ने कूटनीतिक प्रयासों को तेज करने के समय पाकिस्तान ने परमाणु बयानबाजी कर वैश्विक चिंता पैदा की जिसे बाद में इस्लामाबाद ने इनकार किया। 10 मई को भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के रफीकी, मुरीद, चकलाला, रहीम यार खान, सुक्कुर, चुनियन, पसरूर और सियालकोट में सैन्य ठिकानों पर हमले किए।
अमेरिका को इन हमलों ने तत्काल सक्रिय होने के लिए प्रेरित किया। कथित तौर पर पाकिस्तान के अनुरोध पर विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से बात कर दोनों पक्षों से तनाव कम करने के तरीके तलाशने का आग्रह किया और "रचनात्मक वार्ता" के लिए अमेरिकी समर्थन की पेशकश की। कुछ घंटों बाद, रुबियो ने जयशंकर को फोन किया, यह संदेश देते हुए कि "पाकिस्तान बातचीत करने को तैयार है" और सुझाव दिया कि "रचनात्मक वार्ता" आवश्यक है।
जयशंकर ने दोहराया कि सैन्य संचालन महानिदेशक संचार चैनल लाइने खुले रहेंगी इसके अतिरिक्त कोई राजनीतिक या कूटनीतिक मार्ग सक्रिय नहीं किया जाएगा।
10 मई की सुबह, अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने प्रधानमंत्री को इसी तरह की अपील के साथ फोन किया। बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने ने दृढ़ता से कहा कि पाकिस्तान द्वारा किए गए किसी भी हमले का कड़ा जवाब दिया जाएगा। संदेश इस्लामाबाद भेजे दोपहर 1:00 बजे, पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक ने अपने भारतीय समकक्ष को फोन किया। बैठकों में उलझे भारतीय सैन्य संचालन महानिदेशक ने दोपहर 3:35 बजे फोन पर जवाब दिया। युद्ध विराम के बयान के शब्दों को लेकर दोनों पक्षों के बीच काफी बहस व गहन विचार-विमर्श के बाद दोनों देश अंतिम भाषा पर सहमत हुए: "दोनों पक्षों के बीच यह सहमति बनी कि दोनों पक्ष आज भारतीय मानक समयानुसार 1700 बजे से जमीन, हवा और समुद्र में सभी तरह की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद कर देंगे। दोनों पक्षों को इस समझौते को लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने युद्ध विराम की सार्वजनिक घोषणा युद्ध विराम समझौते को अंतिम रूप दिए जाने के बाद सोशल मीडिया पर दी । दोनों परमाणु-सशस्त्र पड़ोसियों के बीच तनाव बढ़ाने को रोकने मे वाशिंगटन की सक्रिय भागीदारी है।


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