भारत का व्यापार निर्यात पहुंचा 10 साल के उच्चतम स्तर पर
चीन, यूएई और स्पेन जैसे देशों को किया गया निर्यात बढ़ा
इस वर्ष के नवंबर में आयात में 1.88% की कमी
भारत का व्यापार घाटा नवंबर में कम होकर 6.6 बिलियन डॉलर
नवंबर में व्यापार घाटा घटकर 24.53 अरब डॉलर, एक्सपोर्ट में 19% का उछालकानपुर 15 दिसम्बर 2025
पीआईबी हिंदी@PIBHindi ·2h
भारत के प्रमुख निर्यात क्षेत्रों में मजबूत वृद्धि भारत के प्रमुख निर्यात क्षेत्रों में मजबूत वृद्धि कुल निर्यात (वस्तु एवं सेवाएं) अप्रैल–नवंबर 2025 – US$ 562.13 बिलियन अप्रैल–नवंबर 2024 – US$ 533.16 बिलियन #ExportGrowth #IndiaExportsभारतके प्रमुख निर्यात क्षेत्रों में मजबूत वृद्धि भारतके प्रमुख निर्यात क्षेत्रों में मजबूत वृद्धि कुल निर्यात (वस्तु एवं सेवाएं) अप्रैल–नवंबर 2025 – US$ 562.13 बिलियनअप्रैल–नवंबर 2024 – US$ 533.16 बिलियन#ExportGrowth#IndiaExports
Sputnik @SputnikHindi 51m
अमेरिकी टैरिफ के बावजूद भारत का व्यापार निर्यात पहुंचा 10 साल के उच्चतम स्तर पर नवंबर 2025 में भारत का व्यापार निर्यात बढ़कर $38.13 बिलियन हो गया, जो एक दशक से ज़्यादा समय में सबसे ज़्यादा है। कुल निर्यात $73.99 बिलियन रहा, जिसमें $17.9 बिलियन का व्यापार अधिशेष हुआ।
Moneycontrol Hindi@MoneycontrolH 6h
#TradeDeficit: नवंबर में व्यापार घाटा घटकर 24.53 अरब डॉलर, एक्सपोर्ट में 19% का उछाल
नई दिल्ली: 15 दिसम्बर 2025
नवंबर में भारत का व्यापार घाटा तेजी से कम होकर 6.6 बिलियन डॉलर हो गया है, जो निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि के कारण संभव हो पाया। नवंबर में भारत का निर्यात 19.37% बढ़कर 38.13 अरब डॉलर पहुँच गया, जो पिछले 10 वर्षों में सबसे उच्चतम स्तर है।
पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष के नवंबर में आयात में 1.88% की कमी आई, जिससे व्यापार घाटे में यह सुधार आया। आयात इस माह में घटकर 62.66 अरब डॉलर रह गया। वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने बताया कि इस वृद्धि ने अक्टूबर में हुई निर्यात की कमी की भरपाई की और व्यापार संतुलन को सुधारने में मदद की।
इसके अलावा, विभिन्न देशों के साथ व्यापार और बाजारों में विविधता लाने के कारण भी भारत ने अपने निर्यात को बढ़ाने में सफलता प्राप्त की है। विशेषकर चीन, यूएई और स्पेन जैसे देशों को किया गया निर्यात बढ़ा है, जिससे अमेरिकी बाजार में हुए नुकसान की भरपाई भी हुई है।भारत का व्यापार घाटा नवंबर में कम होकर 6.6 बिलियन डॉलर होने के पीछे मुख्यतः निर्यात में वृद्धि और आयात में कमी रही, जो कि देश की आर्थिक स्थिति के लिए सकारात्मक संकेत है।








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