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नोबेल भौतिकी पुरस्कार 2025 की घोषणा:जॉन क्लार्क, मिशेल एच. डेवोरेट और जॉन एम. मार्टिनिस तीन अमेरिकी वैज्ञानिक: "इलेक्ट्रिक सर्किट में मैक्रोस्कोपिक क्वांटम टनलिंग और ऊर्जा क्वांटाइजेशन"

  • 2025 का नोबेल भौतिकी पुरस्कार तीन अमेरिकी वैज्ञानिकों को 
  • जॉन क्लार्क, मिशेल एच. डेवोरेट और जॉन एम. मार्टिनिस
  •  "इलेक्ट्रिक सर्किट में मैक्रोस्कोपिक क्वांटम टनलिंग और ऊर्जा क्वांटाइजेशन" की खोज के लिए पुरस्कार क्वांटम कंप्यूटिंग, क्रिप्टोग्राफी और सेंसर के विकास में मदद 
  • पुरस्कार समारोह 10 दिसंबर को स्टॉकहोम में आयोजित
 कानपुर : 4 अक्टूबर 2025
7 अक्टूबर 2025: स्वीडन की रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने मंगलवार (7 अक्टूबर 2025) को नोबेल भौतिकी पुरस्कार 2025 की घोषणा की । विजेता तीन अमेरिकी वैज्ञानिक हैं: जॉन क्लार्क, मिशेल एच. डेवोरेट और जॉन एम. मार्टिनिस। इन्हें "इलेक्ट्रिक सर्किट में मैक्रोस्कोपिक क्वांटम टनलिंग और ऊर्जा क्वांटाइजेशन" की खोज के लिए सम्मानित किया गया है
स्वीडन की रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज द्वारा प्रायोजित यह पुरस्कार 11 मिलियन स्वीडिश क्राउन (लगभग 12 लाख अमेरिकी डॉलर) की धनराशि के साथ दिया गया। पुरस्कार की आधिकारिक घोषणा अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि, 10 दिसंबर को उनके सम्मान में आयोजित एक समारोह में की जाएगी।
जॉन क्लार्क: कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले में प्रोफेसर, जिन्होंने 1980 के दशक में जोसेफसन जंक्शन में क्वांटम टनलिंग की खोज की।
मिशेल एच. डेवोरेट: येल विश्वविद्यालय और कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सांता बारबरा में प्रोफेसर, जिन्होंने सर्किट क्वांटम इलेक्ट्रोडायनामिक्स विकसित की।
जॉन एम. मार्टिनिस: कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सांता बारबरा के प्रोफेसर, जिन्होंने क्वांटम बिट्स (क्यूबिट्स) में ऊर्जा क्वांटाइजेशन को प्रदर्शित किया।
क्वांटम टनलिंग क्या है?
क्वांटम टनलिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कण किसी बाधा को पार करते हैं, जो सामान्य भौतिकी के नियमों के अनुसार असंभव माना जाता है। वैज्ञानिकों ने दिखाया कि ये क्वांटम प्रभाव बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक सर्किट में भी दिखाई दे सकते हैं।
भविष्य के लिए महत्व
खोज से क्वांटम कंप्यूटिंग और नई तकनीकों जैसे क्वांटम क्रिप्टोग्राफी और क्वांटम सेंसर के विकास में सहायता मिलेगी। यह साबित करती है कि बड़े पैमाने पर क्वांटम प्रभाव को नियंत्रित किया जा सकता है, जो भविष्य की तकनीकी में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
2025 का नोबेल भौतिकी पुरस्कार उन खोजों को मान्यता देता है जो दिशा देंगे क्वांटम तकनीक और इसके अनुप्रयोगों में। यह पुरस्कार न केवल भौतिक विज्ञान की सीमाओं को विस्तारित करता है बल्कि मानवता के लिए नई संभावनाएँ खोलता है।
🏆 नोबेल भौतिकी पुरस्कार 2025: क्वांटम युग की नई छलांग
🧠 विजेता वैज्ञानिक
नामसंस्थान राष्ट्रीयता
जॉन क्लार्क कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले ब्रिटिश-अमेरिकी
मिशेल डेवोरेट येल विश्वविद्यालय, Google Quantum AI फ्रांसीसी
जॉन मार्टिनिस कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सांता बारबरा अमेरिकी
🔬 पुरस्कार का कारण
इन वैज्ञानिकों ने दिखाया कि क्वांटम भौतिकी की विचित्रताएं केवल सूक्ष्म कणों तक सीमित नहीं हैं—बल्कि उन्हें हाथ में पकड़े जा सकने वाले इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में भी देखा जा सकता है।टनलिंग: जैसे कोई गेंद दीवार को पार कर जाए—यह क्वांटम दुनिया में संभव है।ऊर्जा क्वांटाइजेशन: सिस्टम केवल विशिष्ट मात्रा में ऊर्जा को अवशोषित या उत्सर्जित करता है।
🧪 प्रयोगों की झलकवर्ष: 1984–85स्थान: UC Berkeleyप्रयोग: सुपरकंडक्टिंग सर्किट में Josephson Junction का उपयोगपरिणाम: क्वांटम प्रभावों को मैक्रोस्कोपिक स्तर पर सिद्ध किया गया
🌐 सामाजिक और तकनीकी प्रभावक्वांटम कंप्यूटर: पारंपरिक कंप्यूटरों की तुलना में लाखों गुना तेज विश्लेषणक्वांटम क्रिप्टोग्राफी: सुरक्षित संचार की नई परिभाषाक्वांटम सेंसर: जलवायु परिवर्तन जैसे वैश्विक मुद्दों के समाधान में संभावित भूमिका
🗣️ वैज्ञानिकों की प्रतिक्रियाएं
— जॉन क्लार्क
— मिशेल डेवोरेट
📊 विजेता और Google का संबंधमार्टिनिस ने 2019 में Google के साथ "क्वांटम वर्चस्व" हासिल कियाडेवोरेट वर्तमान में Google Quantum AI के मुख्य वैज्ञानिक हैंयह लगातार दूसरा वर्ष है जब Google से जुड़े वैज्ञानिकों को नोबेल मिला
🎓 ऐतिहासिक संदर्भभौतिकी नोबेल की शुरुआत 1901 में हुई थीआइंस्टीन, श्रोडिंगर, प्लैंक और बोहर जैसे दिग्गजों की परंपरा में नया अध्याय
📅 आगामी कार्यक्रम पुरस्कार समारोह: 10 दिसंबर, स्टॉकहोम
शांति पुरस्कार: ओस्लो में शुक्रवार को घोषित होगा
"मैक्रोस्कोपिक क्वांटम टनलिंग और ऊर्जा क्वांटाइजेशन की खोज"
"मैं पूरी तरह से स्तब्ध हूं... यह कभी नहीं सोचा था कि यह नोबेल पुरस्कार का आधार बन सकता है।"
"हमारे काम ने क्वांटम कंप्यूटिंग की नींव रखी।"

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