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थाईलैंड की 21 वर्षीय ओपल सुचाता चुआंगश्री ने 31 मई 2025 को भारत के हैदराबाद में आयोजित 72वें मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में 'मिस वर्ल्ड 2025' का ताज अपने नाम किया

थाईलैंड की ओपल सुचाता ने 72वां मिस वर्ल्ड खिताब जीता
मिस वर्ल्ड 2025 के इवेंट में 110 देशों की प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया
सुचाता का जन्म थाईलैंड के फुकेत शहर में 20 मार्च 2003 को
थामसैट यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल रिलेशन की स्टूडेंट
थाई, अंग्रेजी और चीनी भाषा अच्छे से पढ़ती और बोलती
भारत की नंदिनी गुप्ता टॉप 8 में जगह नहीं बना पाईं.
इथियोपिया की हस्सेट डेरेजे अदमासु को मिस वर्ल्ड 2025 का रनर-अप घोषित
मिस पोलैंड को तीसरा स्थान
मिस मार्टिनिक को चौथे स्थान


सूर्याश स्वरुप अन्तरराष्ट्रीय कन्टेन्ट क्रियेटर इस्लामिक रिपब्लिक न्यूज एजेंसी
कानपुर जून 1, 2025
सोशल मीडिया पोस्ट सेआकाशवाणी समाचार @AIRNewsHindi 5h थाईलैंड की ओपल सुचाता ने 72वां मिस वर्ल्ड खिताब जीता ! ओपल सुचाता को मिस वर्ल्ड 2024 Krystyna Pyszkova ने ताज पहनाया। #MissWorld2025 |#OpalSuchata | #Thailand | #MissWorld72 | #MissWorldथाईलैंड की ओपलसुचाताने 72वां मिसवर्ल्ड खिताब जीता !
ओपलसुचाताकोमिसवर्ल्ड 2024 Krystyna Pyszkova नेताज पहनाया।
Vivek K. Tripathi @meevkt 3h
दुनिया को नई मिस वर्ल्ड मिल गई है.. ये हैं थाईलैंड की 21 साल की सुचाता चुआंगस्त्री.. लोग इन्हें प्यार से “ओपल” कहते हैं. सुचाता का जन्म थाईलैंड के फुकेत शहर में 20 मार्च 2003 को हुआ. वो थामसैट यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल रिलेशन की स्टूडेंट हैं.. थाई, अंग्रेजी और चीनी भाषा अच्छे से पढ़ती और बोलती हैं.. उनकी सामाजिक पहल “ओपल फॉर हर” महिलाओं के ब्रेस्ट हेल्थ के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए समर्पित है. सुचाता जब 16 साल की थीं, तब एक ब्रेस्ट सिस्ट के ऑपरेशन के अनुभव से प्रेरित होकर उन्होंने “ओपल फॉर हर” की शुरुआत की थी. मिस वर्ल्ड 2025 के इवेंट में 110 देशों की प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, लेकिन सुचाता ने अपनी प्रतिभा, आत्मविश्वास और सामाजिक योगदान के बूते सबको पीछे छोड़ते हुए दुनिया की सबसे खूबसूरत युवती का ताज हासिल किया. आज रात 72वीं मिस वर्ल्ड 2025 के भव्य समापन समारोह में सुचाता को ताज पहनाया गया. मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता का आयोजन हैदराबाद के हाईटेक्स एग्जीबिशन सेंटर में हुआ. इस सौंदर्य प्रतियोगिता में 108 देशों की सुंदरियों ने हिस्सा लिया. भारत की नंदिनी गुप्ता भी इस प्रतियोगिता में शामिल हुई थीं लेकिन वो टॉप 8 में जगह नहीं बना पाईं. इथियोपिया की हस्सेट डेरेजे अदमासु को मिस वर्ल्ड 2025 का रनर-अप घोषित किया गया. मिस पोलैंड को इस प्रतियोगिता में तीसरा स्थान मिला जबकि मिस मार्टिनिक चौथे स्थान पर रहीं. सुचाता चुआंगस्त्री को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं
UPSC SCOREयूपीएससी स्कोर @UPSCSCORE · 5h Dharmendra Singh@dharmendra135 5h
थाईलैंड की ओपल सुचाता चुआंग्सरी बनीं मिस वर्ल्ड 2025, भारत की नंदिनी गुप्ता की हुई हार, थाईलैंड की इस सुंदरी ने पहना 72वीं मिस वर्ल्ड पेजेंट का ताज
थाईलैंड की ओपल सुचाता चुआंगश्री बनीं मिस वर्ल्ड 2025 की विजेता
News24 @news24tvchannel 5h
थाईलैंड की ओपल सुचाता चुआंग्सरी रचा इतिहास, बनीं Miss World 2025 ◆ कार्यक्रम में 108 देशों की प्रतिभागियों ने भाग लिया
AajTakआजक @aajtak 5h
31 मई 2025 को हैदराबाद के HITEX कन्वेन्शन सेंटर में 'मिस वर्ल्ड 2025' आयोजित हुआ. थाईलैंड की ओपल सुचाता चुआंग्सरी ने 'मिस वर्ल्ड 2025' का क्राउन अपने नाम किया. बता दें कि इसमें दुनियाभर से आईं कंटेस्टेंट्स ने पार्टिसिपेट किया था. टॉप 8 से भारत की नंदिनी गुप्ता बाहर हो गई थीं.
हैदराबाद , मई 31, 2025
थाईलैंड की 21 वर्षीय ओपल सुचाता चुआंगश्री ने 31 मई 2025 को भारत के हैदराबाद में आयोजित 72वें मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में 'मिस वर्ल्ड 2025' का ताज अपने नाम किया। यह 
थाईलैंड  के लिए इस प्रतियोगिता का पहला खिताब है, जिसमें 110  देशों की प्रतियोगियों ने भाग लिया.
ओपल सुचाता ने अपनी प्रतिभा और खूबसूरती से सभी को प्रभावित कर न केवल खिताब जीता बल्कि मिस वर्ल्ड 2024 की क्रिस्टिना पिजकोवा से ताज पहनने का भी अवसर पाया.
 प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली नंदिनी गुप्ता  कोटा राजस्थान निवासी ने   मजबूत प्रदर्शन कर टॉप 20 में  जगह बनाई, लेकिन अंतिम टॉप 8 के राउंड में जगह बनाने में असफल रहीं. नंदिनी ने 2023 में फेमिना मिस इंडिया वर्ल्ड का खिताब जीता था और समाजिक मुद्दों पर भी सक्रिय हैं.
 प्रतियोगिता में  मिस विश्व 2025 का खिताब  के अलावा, एथियोपिया की हासेट डेरेजे पहले उपविजेता बनीं, पोलैंड की माजा क्लाज्दा दूसरे उपविजेता रहीं, और मार्टिनिक की ऑरली जोआचिम तीसरे उपविजेता के रूप में उभरीं.
 ओपल की जीत ने  थाईलैंड का गौरव के साथ एशिया में भी मिस वर्ल्ड विजेता के उदय का संकेत दिया 
हैं.

भोपाल के मुस्लिम धर्मगुरुओं से ईको फ्रेंडली ईद मनाने की अपील शीश काट देने तथा शास्त्रविरुद्ध भक्ति करने से मुक्ति नहीं होती। अल्लाह कभी प्रसन्न नहीं होता

मिट्टी के ईको फ्रेंडली बकरों का निर्माण
मज़हब में 'अक्ल का दखल' मना
सब सुनो एवं सबको सुनाओ! बकरा ईद के प्रदूषण से देश बचाओ
पर्यावरण की रक्षा कर समाज में सहिष्णुता और शांतिपूर्ण सह-अवस्था को बढ़ावा देता है

कानपुर जून 1, 2025
सोशल मीडिया पोस्ट से
मध्यप्रदेश भोपाल बकरा ईद से पहले संस्कृति बचाओ मंच ने इको-फ्रेंडली ईद की मांग की है मिट्टी के बकरों की कुर्बानी देकर जानवरों की जान बचाई जा सकती है।
कुर्बानी अपनी करनी चाहिए। अल्लाह के नाम पर बकरे गाय या मुर्गे की नहीं । वास्तव में कुर्बानी प्रभु चरणों में समर्पण तथा सत्य भक्ति होती है। शीश काट देने तथा शास्त्रविरुद्ध भक्ति करने से मुक्ति नहीं होती। अल्लाह कभी प्रसन्न नहीं होता।
भोपाल के मुस्लिम धर्मगुरुओं से बड़ी अपील, ईको फ्रेंडली ईद मनाने की अपील, मुस्लिम धर्मगुरुओं को पत्र लिखकर ईद से पहले संस्कृति बचाओं मंच की अपील, मिट्टी के ईको फ्रेंडली बकरों का निर्माण करवाया गया
@indiatvnews *संस्कृति बचाओ मंच की अपील मुस्लिम धर्मावलंबी प्रतीकात्मक ईद मना कर इको फ्रेंडली बकरों को कुर्बानी दे* *आओ सब मिल कर इस बार मिट्टी का बकरा क़ुर्बान करे* एक क़ुर्बानी के बाद लाखों लीटर पानीसफ़ाई में बर्बाद हो जाता है* !!इसलिए इको फ्रेंडली बकरों की कुर्बानी करें
होली-दिवाली की तरह ईद भी 'ईको फ्रेंडली'? | LIVE भाईजान मानेंगे मिट्टी के बकरों की कुर्बानी? क्या मज़हब में 'अक्ल का दखल' मना है?
बकरीद पर भोपाल में मिलेंगे ईको फ्रेंडली बकरे। संस्कृति बचाओ मंच द्वारा जो लोग सांकेतिक कुर्बानी देना चाहते हैं उन्हें मिट्टी के बने ईको फ्रेंडली बकरे उपलब्ध करवाए। आजतक
*हैदराबाद में ईदुलजुहा (बकरीद) पर सैंकड़ों, हजारों गायों, बछड़ों की कुर्बानी दी जायेगी। ये कौनसी संस्कृति है, ये कौनसी धार्मिक पुस्तक में लिखा है। जब त्यौहार का नाम बकरीद है तो बकरों की कुर्बानी होनी चाहिए, वो भी प्रतिकात्मक ईको फ्रेंडली, केक काटकर भी हो सकती है।*
*हैदराबाद में ईदुलजुहा (बकरीद) पर सैंकड़ों, हजारों गायों, बछड़ों की कुर्बानी दी जायेगी। ये कौनसी संस्कृति है, ये कौनसी धार्मिक पुस्तक में लिखा है। जब त्यौहार का नाम बकरीद है तो बकरों की कुर्बानी होनी चाहिए, वो भी प्रतिकात्मक ईको फ्रेंडली, केक काटकर भी हो सकती है।
नई दिल्ली, 31 मई . विश्व हिन्दू परिषद (वीएचपी) के संयुक्त महामंत्री डॉ सुरेंद्र जैन ने ईद उल अजहा पर की जाने वाली कुर्बानी को लेकर मुस्लिम समुदाय से अपील है कि वह भी संवेदनशीलता का परिचय दें और ईको-फ्रेंडली ईद मनाएं. डॉ सुरेंद्र जैन ने शनिवार को बकरीद के नाम पर होने वाली हिंसा, क्रूरता व अवैध गतिविधियों पर विराम लगाने की मांग करते हुए कथित पर्यावरण प्रेमियों के साथ उसके पूरे ईको सिस्टम की इस मामले में चुप्पी पर भी गंभीर सवाल खड़े किए....
Tufail Chaturvedi टफेल चतुर्वेदी @TufailChaturve
मुस्लिम बालिका अलीशा खान का ये संदेश
'जिस साल बकरा ईद बिना बकरे की मनेगी, उस साल दीपावली बिना पटाखों के मनाएंगे।'
सब सुनो एवं सबको सुनाओ! बकरा ईद के प्रदूषण से देश बचाओ!!
मध्य प्रदेश भोपाल मई 31, 2025
बकरीद का त्योहार मनाया 7 जून को जाएगा। इस्लामिक कैलंडर के आखिरी माह जिलहिज्जा का पहला दिन गुरुवार यानी 29 मई से शुरू हो गया है। 7 जून की सुबह बकरीद की नमाज अदा की जाएगी। संस्कृति बचाओ मंच ने इको फ्रेंडली बकरा ईद मनाने की मांग की है। अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने मुस्लिम धर्म गुरुओं से मांग की है कि इस बकरा ईद पर खून खच्चर ना करते हुए मिट्टी के इको फ्रेंडली बकरों की कुर्बानी दी जाए।
बकरीद ईद-उल-अजहा पर्व विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक संदर्भों में मनाया जाता है। भारत के मध्य प्रदेश में, बकरीद को "इको-फ्रेंडली" तरीके से मनाने की अपील को लोकप्रियता मिल रही है। यह पहल पर्यावरण की सुरक्षा को ध्यान में रख पशुओं की देखभाल और मानवता के प्रति संवेदनशीलता को सामने लाने का प्रयास है। मध्य प्रदेश के रायसेन के संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने इको-फ्रेंडली कुर्बानी की अपील की है। उन्होंने मुस्लिम धर्मगुरुओं से अनुरोध किया है कि इस बार बकरीद पर मिट्टी से बने बकरों की प्रतीकात्मक कुर्बानी दी जाए। इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण होगा, बल्कि यह पशु हत्याओं से भी बचाएगा। बकरीद के पर्व को मनाने के लिए इको-फ्रेंडली तरीके को अपनाने की मांग बढ़ रही है। इसके अंतर्गत यह सुझाव दिया जा रहा है कि जैसे हम होली, दीपावली में कम पटाखे और मिट्टी की प्रतिमाएं उपयोग में लाते हैं, उसी प्रकार बकरीद पर भी प्रतीकात्मक कुर्बानी दें। पर्यावरण प्रेमी और विभिन्न संगठनों ने इस विषय पर जन जागरूकता बढ़ाने के लिए अपनी कोशिशें तेज की हैं और सुझाव दिया है कि बकरीद को मनाने का तरीका पर्यावरण के अनुकूल होना चाहिए। इस दिशा में एक सकारात्मक बदलाव लाने के लिए, कई स्थानों पर पोस्टर अभियान चलाया जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी बकरीद को इको-फ्रेंडली तरीके से मनाने की आवश्यकता पर चर्चा की है। उनका मानना है कि यह एक सामाजिक मुद्दा है और इस पर समाज के बुद्धिजीवियों को विचार करना चाहिए, ताकि जानवरों की कुर्बानी में जो पर्यावरणीय प्रभाव होता है, उसे कम किया जा सके। परंपरागत धार्मिक मान्यताओं के साथ-साथ, इको-फ्रेंडली कुर्बानी के प्रस्ताव को लोग संतोषजनक मानते हैं, यह पर्यावरण की रक्षा कर समाज में सहिष्णुता और शांतिपूर्ण सह-अवस्था को भी बढ़ावा देता है।
बकरीद को इको-फ्रेंड्ली तरीके से मनाने की मुहीम पर्यावरणीय आवश्यकता के साथ समाज में संवेदनशीलता और सहिष्णुता की भावना को प्रोत्साहित करती है।

उत्तर प्रदेश का पहला फुटवियर पार्क कानपुर के रमईपुर में कुल 131.69 एकड़ भूमि में स्थापित किया जा रहा है। आवंटन दर 4,600 रुपये प्रति वर्ग मीटर निर्धारित

फुटवियर पार्क  क्षेत्रीय  विकास को बढ़ावा दे रोजगार केअवसर पैदा करेगा
पहले चरण में 75 औद्योगिक भूखंडों की योजना
26 भूखंड अब राज्य के एकल-खिड़की पोर्टल, निवेश मित्र के माध्यम से
आवेदन के समय भूमि की लागत का 5% जमा आवश्यक
आवंटन पत्र के 60 दिनों के भीतर अतिरिक्त 20% का भुगतान
भूमि लागत का शेष 75%भुगतान तीन वर्षों में समान किस्तों में
 वार्षिक ब्याज दर 10%
कानपुर 31 मई 2025
31 मई 2025 लखनऊ उत्तर प्रदेश का पहला फुटवियर पार्क उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण कानपुर के रमईपुर क्षेत्र में कुल 131.69 एकड़ भूमि में स्थापित किया जा रहा है। यह परियोजना उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को बढ़ावा देने के लिये ₹80 करोड़ की परियोजना प्लग एंड प्ले मॉडल के तहत एकीकृत बुनियादी ढांचा विकसित की जा रही है .
पहले चरण में 75 औद्योगिक भूखंडों की योजना बनाई गई है, जिनमें से 26 भूखंड अब राज्य के एकल-खिड़की पोर्टल, निवेश मित्र के माध्यम से आवंटन के लिए उपलब्ध हैं। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि आवंटन दर 4,600 रुपये प्रति वर्ग मीटर निर्धारित की गई है।
पार्क में यूनिफॉर्म शूज, स्पोर्ट्स शूज, कैजुअल शूज, मोकासिन्स, बैलेरिनास, सैंडल्स, पीवीसी शूज और फिनिश्ड लेदर उत्पादों का निर्माण होगा.
पार्क में 5 किलोमीटर लंबा सड़क नेटवर्क, 10 किलोमीटर सख्त जल निकासी, 5 टन प्रतिदिन ठोस अपशिष्ट प्रबंधन क्षमता और 220 केवी का सबस्टेशन होगा.
यह पार्क स्थानीय उद्योग को सशक्त बना कानपुर और कानपुर के आसपास के क्षेत्रों के हजारों युवाओं के लिए भी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएगा। परियोजना का उद्देश्य कानपुर के पारंपरिक चमड़ा उद्योग को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए क्षेत्र के विकास को गति देना है .
पार्क में उद्योग लगाने के लिए एक "प्लग एंड प्ले" मॉडल का उपयोग किया जा रहा है, जो उद्यमियों को पहले से स्थापित बुनियादी सुविधाएं प्रदान करेगा। इस प्रक्रिया को डिजिटल बनाया गया है, जिससे निवेशकों के लिए आवेदन करना आसान हो जाएगा.
कानपुर के रमईपुर में बनने वाला यह फुटवियर पार्क औद्योगिक विकास के साथ क्षेत्र की युवा जनसंख्या के लिए रोजगार के नए अवसर भी प्रस्तुत करता है।”यूपीसीडा के सीईओ मयूर माहेश्वरी ने कहा, "कानपुर में प्रस्तावित फुटवियर पार्क  क्षेत्रीय औद्योगिक विकास को बढ़ावा दे रोजगार के हजारों अवसर भी पैदा करेगा।
आवेदन में, निवेशकों को जमा करने के समय भूमि की लागत का 5% जमा करना आवश्यक है। आवंटन पत्र के 60 दिनों के भीतर अतिरिक्त 20% का भुगतान किया जाना है। भूमि की लागत का शेष 75%भुगतान तीन वर्षों में समान किस्तों में किया जा सकता है, जिसमें वार्षिक ब्याज दर 10% है।
निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए, यूपीएसआईडीए उन लोगों के लिए भूमि लागत पर 2% छूट की पेशकश कर रहा है जो 60 दिनों के भीतर पूर्ण भुगतान पूरा करते हैं। अधिकारियों ने कहा कि पार्क में निवेश करने वाली एंकर इकाइयां भी 10% विशेष छूट के लिए पात्र हैं।
औद्योगिक पार्क  प्लग एंड प्ले मॉडल  बिजली, पानी और सड़कों जैसे आवश्यक बुनियादी ढांचे से लैस भूखंडों की पेशकश कर निवेशकों को सेटअप समय और परिचालन देरी को कम करते हुए तेज गति से उत्पादन शुरू करने में सक्षम करेगा ।

What’s in a name? Just ask Nitish, and Nitesh: How a name twin fooled jail officials in Faridabad

In Faridabad, a rape accused named Nitish Kumar Pandey escaped from district jail. He exploited a name similarity with another inmate, Nitesh, who had secured bail. Both inmates had the same father's name in records. Jail officials failed to verify identities properly. Two officials were suspended, and an inquiry was ordered. Police are searching for Pandey in Patna.

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‘Slapped, beaten with baton’: CCSU warden removed for thrashing hostellers in Meerut

Chaudhary Charan Singh University's Kailash Prakash Hostel warden, DK Chauhan, was removed after students protested his alleged assault on hostellers for a minor infraction. A video surfaced showing Chauhan beating students with a baton, sparking outrage and demands for his removal.

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जकार्ता में बेहतर व्यवसाय, बेहतर विश्व और सतत विकास लक्ष्यों के लिए निवेश पर वैश्विक व्यापार शिखर सम्मेलन का समापन

वैश्विक व्यापार समुदाय के नेताओं और नीति निर्माताओं के लिए एक मंच
विज्ञान-आधारित डीकार्बोनाइजेशन लक्ष्यों को अपनाना,
परिपत्र अर्थव्यवस्था सिद्धांतों को प्राथमिकता देना,
स्थानीय समुदायों को शामिल करना
मिश्रित वित्त का लाभ उठाना।
सतत विकास मे विमानन कनेक्टिविटी की महत्वपूर्ण भूमिका
भारत शांतिप्रिय देश प्रगति के मार्ग पर अशांति, आतंकवाद या हिंसा नहीं चाहते
सूर्याश स्वरुप अन्तरराष्ट्रीय कन्टेन्ट क्रियेटर
कानपुर मई 31, 2025
जकार्ता, इंडोनेशिया, शुक्रवार, मई 30, 2025 वैश्विक व्यापार  शिखर सम्मेलन का समापन एक एकीकृत आह्वान के साथ हुआ, जिसमें मजबूत BRI सहयोग के माध्यम से समावेशी, जलवायु-लचीले भविष्य के निर्माण में साझा जिम्मेदारी पर जोर दिया गया। इस प्रथम आयोजन ने सतत बुनियादी ढांचा विकास में सार्वजनिक-निजी भागीदारियों के लिए एक नया मॉडल स्थापित किया, जो दीर्घकालिक, सैद्धांतिक रूप से आधारित सहयोग की नींव रखता है।"बेहतर व्यवसाय, बेहतर विश्व और सतत विकास लक्ष्यों के लिए बेल्ट एंड रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश पर उद्घाटन वैश्विक व्यापार शिखर सम्मेलन" (शिखर सम्मेलन) आधिकारिक तौर पर जकार्ता में 25 मई को हुया। शिखर सम्मेलन की सह-मेजबानी इंडोनेशिया सरकार, संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल कॉम्पैक्ट "एसडीजी में तेजी लाने के लिए बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के लिए सतत बुनियादी ढांचा" एक्शन प्लेटफॉर्म (एसडीजी एक्शन प्लेटफॉर्म के लिए यूएन ग्लोबल कॉम्पैक्ट बीआरआई), टीएचके फोरम, यूनाइटेड इन डायवर्सिटी फाउंडेशन (यूआईडी), इंडोनेशियाई चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (केएडीआईएन), यूएन ग्लोबल कॉम्पैक्ट नेटवर्क इंडोनेशिया (आईजीसीएन) द्वारा की गई है।
वैश्विक व्यापार शिखर सम्मेलन का उद्देश्य सतत विकास लक्ष्यों के लिए स्थायी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के बुनियादी ढांचे के सहयोग को बढ़ावा देना है। यह सम्मेलन वैश्विक व्यापार समुदाय के नेताओं और नीति निर्माताओं के लिए एक मंच प्रदान करता है, जहां वे विकासशील देशों के बीच सहयोग को मजबूत करने के लिए रणनीतियों और अवसरों पर चर्चा कर सकते हैं।
सम्मेलन में सतत विकास, जलवायु परिवर्तन, एवं अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में सहयोग प्रमुख मुद्दों में शामिल हैं। आयोजनों का उद्देश्य प्रतिभागी संसाधनों को साझा कर नई तकनीकों को अपना समावेशी विकास को प्राथमिकता के रूप में स्थापित करने का है । सम्मेलन में विभिन्न सत्रों में हरी प्रौद्योगिकियों, डिजिटल नवाचार, और विकासशील देशों के लिए वित्तीय सहयोग पर विशेष जोर दिया जाएगा.
भारत की ओर से भी इस सम्मेलन में भागीदारी एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जिसमें देश की जलवायु परिवर्तन से निपटने की प्रतिबद्धता और हरी प्रौद्योगिकी में नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए अपने प्रयासों को साझा किया जाएगा.
भारत का इस प्रकार का सहयोग विकासशील देशों के लिए आर्थिक लाभ प्रदान करवैश्विक स्तर पर सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में प्रगति के लिए अति महत्वपूर्ण हैमुख्य भाषण में, संयुक्त राष्ट्र के अंडर-सेक्रेटरी-जनरल ली जुनहुआ ने "कम कार्बन, लचीला और सार्वभौमिक रूप से सुलभ बुनियादी ढांचे" की अनिवार्यता पर जोर दिया, जबकि संयुक्त राष्ट्र के सहायक महासचिव और संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल कॉम्पैक्ट के कार्यकारी निदेशक सांडा ओजियाम्बो ने व्यवसायों के लिए चार रणनीतिक प्राथमिकताओं को रेखांकित किया: विज्ञान-आधारित डीकार्बोनाइजेशन लक्ष्यों को अपनाना, परिपत्र अर्थव्यवस्था सिद्धांतों को प्राथमिकता देना, स्थानीय समुदायों को शामिल करना और मिश्रित वित्त का लाभ उठाना। ज़ियामेन एयरलाइंस के अध्यक्ष झाओ डोंग ने "एयर सिल्क रोड" को आगे बढ़ाने में विमानन कनेक्टिविटी की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
शिखर सम्मेलन में पारंपरिक उद्योगों के सतत विकास के लिए ट्रांजिशन फाइनेंस रिपोर्ट और हरित ऊर्जा संक्रमण, एसएमई सशक्तिकरण और वैश्विक स्वास्थ्य सहयोग में फैली नौ क्रॉस-सेक्टर पहलों के लॉन्च सहित ठोस परिणाम सामने आए। एसडीजी एक्शन प्लेटफॉर्म उच्च-स्तरीय संचालन समिति के लिए यूएनजीसी बीआरआई द्वारा एक ऐतिहासिक संयुक्त वक्तव्य ने बुनियादी ढांचे के निवेश और व्यापार भागीदारी के लिए वैश्विक सार्वजनिक भलाई के रूप में बीआरआई की भूमिका की पुष्टि की, जो स्वास्थ्य सेवा, ऊर्जा, दूरसंचार, निर्माण, निर्माण, निर्माण, परिवहन, खाद्य, कृषि और डिजिटल बुनियादी ढांचे सहित क्षेत्रों में जिम्मेदार व्यापार और बहु-हितधारक साझेदारी के माध्यम से सतत विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
चार विशेषज्ञ गोलमेज ने महत्वपूर्ण विषयों को संबोधित किया: हरित खनिजों में स्थायी आपूर्ति श्रृंखला, स्वास्थ्य सेवा नवाचार, ईएसजी अनुपालन और हरित औद्योगिक पार्क विकास। चीन-इंडोनेशिया राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर, इंडोनेशिया और चीन में संयुक्त राष्ट्र के निवासी समन्वयक कार्यालय ने संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल कॉम्पैक्ट कंपनी के प्रतिभागियों के साथ हाथ मिला टिकाऊ समुदायों और एसडीजी को बढ़ाने के लिए सतत विकास के लिए चीन-इंडोनेशिया कॉर्पोरेट कम्युनिटीज एक्शन नेटवर्क का सह-शुभारंभ किया । व्यापार जगत ने बीआरआई परियोजनाओं को एसडीजी के साथ संरेखित करने और अंतरराष्ट्रीय मानक और निजी क्षेत्र की सर्वोत्तम प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए एक वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन तंत्र स्थापित करने का समर्थन किया।
शिखर सम्मेलन का समापन कार्रवाई के लिए एक एकीकृत आह्वान के साथ हुआ, जिसमें बीआरआई सहयोग को मजबूत करने के माध्यम से एक समावेशी, जलवायु-लचीला भविष्य के निर्माण में साझा जिम्मेदारी को रेखांकित किया गया। इस उद्घाटन समारोह ने सतत बुनियादी ढांचे के विकास में सार्वजनिक-निजी भागीदारी के लिए एक नया प्रतिमान स्थापित किया है, जो दीर्घकालिक, सैद्धांतिक सहयोग के लिए मंच तैयार करता है।
वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन-2025 में शामिल होने पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, "CII के वार्षिक कार्यक्रम व्यापार शिखर सम्मेलन में शामिल होने पर मैं अपने आप को सौभाग्यशाली मानता हूं। CII एक ऐसी संस्था है जिसके सदस्यों ने भारत की विकास और प्रगति के निरंतर चक्र में सदैव अपना योगदान दिया है। आज के सम्मेलन का विषय विश्वास बांधना था। यह एक बहुत महत्वपूर्ण विषय है... जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले 11 वर्षों में भारत के 140 करोड़ नागरिकों के बीच विश्वास बढ़ाया है। आज भारत अग्रसर हो चुका है, जो देश 11वीं आर्थिक शक्ति हुआ करता था वह देश आज चौथी आर्थिक शक्ति के रूप में उभरा है..."
भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी ने वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन-2025 में जकार्ता, इंडोनेशिया में इंडोनेशियाई थिंक टैंक और शिक्षाविदों को संबोधित करते हुए कहा "... जिस तरह से आज 140 करोड़ भारतीय काम कर रहे हैं, हम अगले 2.5-3 वर्षों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे... हम बहुत जोर देकर कहना चाहते हैं, और मैं यह बात पूरे विश्वास के साथ कहती हूं, कि भारत एक शांतिप्रिय देश है... प्रगति के मार्ग पर चलते हुए, हम अशांति, आतंकवाद या हिंसा नहीं चाहते हैं... मैं आपसे विनम्रतापूर्वक अपील करती हूं कि आप हमारे साथ खड़े हों, हमारी मदद करें, हमारे बारे में बात करें और आतंकवाद के खिलाफ हमारे जैसे ही मंच पर खड़े हों।"

जकार्ता में बेहतर व्यवसाय, बेहतर विश्व और सतत विकास लक्ष्यों के लिए निवेश पर वैश्विक व्यापार शिखर सम्मेलन का समापन

वैश्विक व्यापार समुदाय के नेताओं और नीति निर्माताओं के लिए एक मंच
विज्ञान-आधारित डीकार्बोनाइजेशन लक्ष्यों को अपनाना,
परिपत्र अर्थव्यवस्था सिद्धांतों को प्राथमिकता देना,
स्थानीय समुदायों को शामिल करना
मिश्रित वित्त का लाभ उठाना।
सतत विकास मे विमानन कनेक्टिविटी की महत्वपूर्ण भूमिका
भारत शांतिप्रिय देश प्रगति के मार्ग पर अशांति, आतंकवाद या हिंसा नहीं चाहते
सूर्याश स्वरुप अन्तरराष्ट्रीय कन्टेन्ट क्रियेटर
कानपुर मई 31, 2025
जकार्ता, इंडोनेशिया, शुक्रवार, मई 30, 2025 वैश्विक व्यापार  शिखर सम्मेलन का समापन एक एकीकृत आह्वान के साथ हुआ, जिसमें मजबूत BRI सहयोग के माध्यम से समावेशी, जलवायु-लचीले भविष्य के निर्माण में साझा जिम्मेदारी पर जोर दिया गया। इस प्रथम आयोजन ने सतत बुनियादी ढांचा विकास में सार्वजनिक-निजी भागीदारियों के लिए एक नया मॉडल स्थापित किया, जो दीर्घकालिक, सैद्धांतिक रूप से आधारित सहयोग की नींव रखता है।"बेहतर व्यवसाय, बेहतर विश्व और सतत विकास लक्ष्यों के लिए बेल्ट एंड रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश पर उद्घाटन वैश्विक व्यापार शिखर सम्मेलन" (शिखर सम्मेलन) आधिकारिक तौर पर जकार्ता में 25 मई को हुया। शिखर सम्मेलन की सह-मेजबानी इंडोनेशिया सरकार, संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल कॉम्पैक्ट "एसडीजी में तेजी लाने के लिए बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के लिए सतत बुनियादी ढांचा" एक्शन प्लेटफॉर्म (एसडीजी एक्शन प्लेटफॉर्म के लिए यूएन ग्लोबल कॉम्पैक्ट बीआरआई), टीएचके फोरम, यूनाइटेड इन डायवर्सिटी फाउंडेशन (यूआईडी), इंडोनेशियाई चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (केएडीआईएन), यूएन ग्लोबल कॉम्पैक्ट नेटवर्क इंडोनेशिया (आईजीसीएन) द्वारा की गई है।
वैश्विक व्यापार शिखर सम्मेलन का उद्देश्य सतत विकास लक्ष्यों के लिए स्थायी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के बुनियादी ढांचे के सहयोग को बढ़ावा देना है। यह सम्मेलन वैश्विक व्यापार समुदाय के नेताओं और नीति निर्माताओं के लिए एक मंच प्रदान करता है, जहां वे विकासशील देशों के बीच सहयोग को मजबूत करने के लिए रणनीतियों और अवसरों पर चर्चा कर सकते हैं।
सम्मेलन में सतत विकास, जलवायु परिवर्तन, एवं अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में सहयोग प्रमुख मुद्दों में शामिल हैं। आयोजनों का उद्देश्य प्रतिभागी संसाधनों को साझा कर नई तकनीकों को अपना समावेशी विकास को प्राथमिकता के रूप में स्थापित करने का है । सम्मेलन में विभिन्न सत्रों में हरी प्रौद्योगिकियों, डिजिटल नवाचार, और विकासशील देशों के लिए वित्तीय सहयोग पर विशेष जोर दिया जाएगा.
भारत की ओर से भी इस सम्मेलन में भागीदारी एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जिसमें देश की जलवायु परिवर्तन से निपटने की प्रतिबद्धता और हरी प्रौद्योगिकी में नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए अपने प्रयासों को साझा किया जाएगा.
भारत का इस प्रकार का सहयोग विकासशील देशों के लिए आर्थिक लाभ प्रदान करवैश्विक स्तर पर सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में प्रगति के लिए अति महत्वपूर्ण हैमुख्य भाषण में, संयुक्त राष्ट्र के अंडर-सेक्रेटरी-जनरल ली जुनहुआ ने "कम कार्बन, लचीला और सार्वभौमिक रूप से सुलभ बुनियादी ढांचे" की अनिवार्यता पर जोर दिया, जबकि संयुक्त राष्ट्र के सहायक महासचिव और संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल कॉम्पैक्ट के कार्यकारी निदेशक सांडा ओजियाम्बो ने व्यवसायों के लिए चार रणनीतिक प्राथमिकताओं को रेखांकित किया: विज्ञान-आधारित डीकार्बोनाइजेशन लक्ष्यों को अपनाना, परिपत्र अर्थव्यवस्था सिद्धांतों को प्राथमिकता देना, स्थानीय समुदायों को शामिल करना और मिश्रित वित्त का लाभ उठाना। ज़ियामेन एयरलाइंस के अध्यक्ष झाओ डोंग ने "एयर सिल्क रोड" को आगे बढ़ाने में विमानन कनेक्टिविटी की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
शिखर सम्मेलन में पारंपरिक उद्योगों के सतत विकास के लिए ट्रांजिशन फाइनेंस रिपोर्ट और हरित ऊर्जा संक्रमण, एसएमई सशक्तिकरण और वैश्विक स्वास्थ्य सहयोग में फैली नौ क्रॉस-सेक्टर पहलों के लॉन्च सहित ठोस परिणाम सामने आए। एसडीजी एक्शन प्लेटफॉर्म उच्च-स्तरीय संचालन समिति के लिए यूएनजीसी बीआरआई द्वारा एक ऐतिहासिक संयुक्त वक्तव्य ने बुनियादी ढांचे के निवेश और व्यापार भागीदारी के लिए वैश्विक सार्वजनिक भलाई के रूप में बीआरआई की भूमिका की पुष्टि की, जो स्वास्थ्य सेवा, ऊर्जा, दूरसंचार, निर्माण, निर्माण, निर्माण, परिवहन, खाद्य, कृषि और डिजिटल बुनियादी ढांचे सहित क्षेत्रों में जिम्मेदार व्यापार और बहु-हितधारक साझेदारी के माध्यम से सतत विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
चार विशेषज्ञ गोलमेज ने महत्वपूर्ण विषयों को संबोधित किया: हरित खनिजों में स्थायी आपूर्ति श्रृंखला, स्वास्थ्य सेवा नवाचार, ईएसजी अनुपालन और हरित औद्योगिक पार्क विकास। चीन-इंडोनेशिया राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर, इंडोनेशिया और चीन में संयुक्त राष्ट्र के निवासी समन्वयक कार्यालय ने संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल कॉम्पैक्ट कंपनी के प्रतिभागियों के साथ हाथ मिला टिकाऊ समुदायों और एसडीजी को बढ़ाने के लिए सतत विकास के लिए चीन-इंडोनेशिया कॉर्पोरेट कम्युनिटीज एक्शन नेटवर्क का सह-शुभारंभ किया । व्यापार जगत ने बीआरआई परियोजनाओं को एसडीजी के साथ संरेखित करने और अंतरराष्ट्रीय मानक और निजी क्षेत्र की सर्वोत्तम प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए एक वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन तंत्र स्थापित करने का समर्थन किया।
शिखर सम्मेलन का समापन कार्रवाई के लिए एक एकीकृत आह्वान के साथ हुआ, जिसमें बीआरआई सहयोग को मजबूत करने के माध्यम से एक समावेशी, जलवायु-लचीला भविष्य के निर्माण में साझा जिम्मेदारी को रेखांकित किया गया। इस उद्घाटन समारोह ने सतत बुनियादी ढांचे के विकास में सार्वजनिक-निजी भागीदारी के लिए एक नया प्रतिमान स्थापित किया है, जो दीर्घकालिक, सैद्धांतिक सहयोग के लिए मंच तैयार करता है।
वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन-2025 में शामिल होने पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, "CII के वार्षिक कार्यक्रम व्यापार शिखर सम्मेलन में शामिल होने पर मैं अपने आप को सौभाग्यशाली मानता हूं। CII एक ऐसी संस्था है जिसके सदस्यों ने भारत की विकास और प्रगति के निरंतर चक्र में सदैव अपना योगदान दिया है। आज के सम्मेलन का विषय विश्वास बांधना था। यह एक बहुत महत्वपूर्ण विषय है... जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले 11 वर्षों में भारत के 140 करोड़ नागरिकों के बीच विश्वास बढ़ाया है। आज भारत अग्रसर हो चुका है, जो देश 11वीं आर्थिक शक्ति हुआ करता था वह देश आज चौथी आर्थिक शक्ति के रूप में उभरा है..."
भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी ने वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन-2025 में जकार्ता, इंडोनेशिया में इंडोनेशियाई थिंक टैंक और शिक्षाविदों को संबोधित करते हुए कहा "... जिस तरह से आज 140 करोड़ भारतीय काम कर रहे हैं, हम अगले 2.5-3 वर्षों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे... हम बहुत जोर देकर कहना चाहते हैं, और मैं यह बात पूरे विश्वास के साथ कहती हूं, कि भारत एक शांतिप्रिय देश है... प्रगति के मार्ग पर चलते हुए, हम अशांति, आतंकवाद या हिंसा नहीं चाहते हैं... मैं आपसे विनम्रतापूर्वक अपील करती हूं कि आप हमारे साथ खड़े हों, हमारी मदद करें, हमारे बारे में बात करें और आतंकवाद के खिलाफ हमारे जैसे ही मंच पर खड़े हों।"

प्रधानमंत्री: दुशमन कही हो जुतियाया, ठोका, हौका, पीकाॅ (थूका), कानपुर के कफन मे दफनाया जायेगा । कपडा मिल, लेदर कलस्टर, लाल इमली को भी नये रुप मे विकसित करेगे ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को पटना से सीधे कानपुर पहुंचे।करीब सवा दो घंटे शहर में रहें
भारत ने आतंक के खिलाफ लड़ाई में तीन सूत्र स्पष्ट रूप से तय किए
पहला- आतंकी हमले का करारा जवाब, समय, तरीका और शर्तें सेनाएं तय करेंगी।
दूसरा- भारत एटम बम की गीदड़ भभकी से न डरेगा और न उसके आधार पर फैसला
तीसरा- आतंक के आका और सरपरस्त सरकार को एक ही नजर से ।
कपडा मिल, लेदर कलस्टर, बेरोजगारी लाल इमली को भी नये रुप मे विकसित करेगे
सूर्याश स्वरुप अन्तरराष्ट्रीय कन्टेन्ट क्रियेटर
कानपुर 31 मई 2025
सोशल मीडिया पोस्ट से
Amar Ujala 9 घंटे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को पटना से सीधे कानपुर पहुंचे। करीब सवा दो घंटे शहर में रहें। इस दौरान बटन दबाकर प्रदेश की 47,600 करोड़ की 15 बड़ी परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया। इस दौरान पीएम मोदी पाकिस्तान पर जमकर बरसे। साथ ही कानपुर और उत्तर प्रदेश में कार्य जा रहे विकास कार्यों के बारे में जनता को बताया।
Newsscalelive.com 2 घंटे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कानपुर नगर में विभिन्न परियोजनाओं के शुभारंभ के दौरान कहा, “मैं फिर कहना चाहता हूं, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जो दुश्मन गिड़गिड़ा रहा था, वो किसी धोखे में न रहे, ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है। भारत ने आतंक के खिलाफ अपनी लड़ाई में तीन सूत्र स्पष्ट रूप से तय किए हैं। पहला- भारत हर आतंकी हमले का करारा जवाब देगा। उसका समय, जवाब देने का तरीका और जवाब देने की शर्तें हमारी सेनाएं खुद तय करेंगी। दूसरा- भारत अब एटम बम की गीदड़ भभकी से नहीं डरेगा और न ही उसके आधार पर कोई फैसला लेगा। तीसरा- आतंक के आका और आतंकी की सरपरस्त सरकार को भारत एक ही नजर से देखेगा। अगर मैं सीधे-सीधे कानपुरिया में कहूं तो दुश्मन कहीं भी हो, हौंक दिया जायेगा।
Sitapur Live News ·6 घंटे
मोदी कानपुर में बोले कनपुरिया भाषा मे - "दुश्मन कहीं भी हो हौंक दिया जायेगा"
#कानपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यूपी के कानपुर से पाकिस्तान को कनपुरिया स्टाइल में जवाब दिया है. कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के द्वितीय चरण का उद्घाटन करने के बाद आयोजित संबोधन में पीएम मोदी ने कहा- अगर मैं सीधे-सीधे कानपुरिया में कहूं तो दुश्मन कहीं भी हो, हौंक दिया जाएगा. साथियों ऑपरेशन सिंदूर में दुनिया ने भारत के स्वदेशी हथियारों और मेक इन इंडिया की ताकत भी देखी है. हमारे भारतीय हथियारों ने बह्मोस मिसाइल दुश्मन के घर में घुसकर तबाही मचाई है. जहां टारगेट तय किया, वहां धमाके किए।
पाकिस्तान का राज्य और गैर राज्य का खेल अब नहीं चलने वालाः
Harsh Dwivedi ·9 घंटे
 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का कानपुर दौरा — 47,000 करोड़ की सौगात से समृद्ध उत्तर प्रदेश की ओर एक कदम 
आज कानपुर से प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi जी ने उत्तर प्रदेश को ₹47,000 करोड़ की महत्वपूर्ण परियोजनाओं की सौगात दी।
इनमें पनकी थर्मल पावर प्लांट का उद्घाटन और मेट्रो कॉरिडोर जैसी प्रमुख आधार
प्रधानमंत्री जी का संदेश और देश की विकास यात्रा सीधे जनमानस तक पहुँचाना, ताकि हर नागरिक इस परिवर्तन का सहभागी बन सके।
 यह केवल उद्घाटन नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के उज्ज्वल भविष्य की नींव है।
MLA Rahul Bachcha Sonkar @RahulBachchaBJP 9h
आज कानपुर में चंद्रशेखर आजाद यूनिवर्सिटी में देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी ने कानपुर में 47,600 करोड़ की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री जी ने आज कानपुर के मंच से कहा है कि- 'ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ', हमारी बहनों का आक्रोश ऑपरेशन सिंदूर के रूप में दुनिया ने देखा... मोदी जी ने कनपुरिया अंदाज में कहा कि दुश्मन चाहे कहीं भी हो, हौंक दिया जाएगा,
Anand singh @AnandSi12923397 11h
प्रधानमंत्री की एक बात है जहां जाते है ,वहां क्या बोलना है ,कौन सा मुद्दा उठाना है ,उनको बखूबी पता होता है। बिहारी गए तो उनको मालूम है की बिहार के लोग स्वाभिमानी होते हैं ,तो उन्होंने बिहारी अस्मिता से जुड़ी बात बोल दी। कानपुर में गए तो कनपुरिया अंदाज अपना लिया, दुश्मन को होंक दिया जाएगा। मोदी जी का अनुभव जो उन्होंनो अपने संघर्ष के दिनों में भारत में घूम घूम कर सिखा।
डीडी न्यूज़ @DDNewsHindi
प्रधानमंत्री मोदी ने कानपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “कानपुर में यह विकास का कार्यक्रम 24 अप्रैल को होने वाला था, लेकिन पहलगाम हमले के कारण मुझे अपना कानपुर दौरा रद्द करना पड़ा। पहलगाम के आतंकी हमले में हमारे कानपुर के बेटे शुभम द्विवेदी भी इस बर्बरता का शिकार हुए। बेटी ऐशान्या की वह पीड़ा, वह दर्द और भीतर का आक्रोश हम सब महसूस कर सकते हैं। हमारी बहनों का वही आक्रोश ऑपरेशन सिंदूर के रूप में पूरी दुनिया ने देखा। हमने पाकिस्तान में आतंकियों के ठिकाने तहस-नहस कर दिए।
Subhash Yaduvansh @MrYaduvansh 10h
पहलगाम के कायराना हमले में हमारे कानपुर के बेटे शुभम द्विवेदी भी बर्बरता का शिकार हुए। बेटी ऐशान्या की वो पीड़ा, वो कष्ट और भीतर का आक्रोश हम सब महसूस कर सकते हैं। हमारी बहनों-बेटियों का वही आक्रोश #OperationSindoor के रूप में पूरी दुनिया ने देखा है। हमने पाकिस्तान में आतंकियों के ठिकाने, घर में घुसकर, सैंकड़ों मील अंदर जाकर तबाह कर दिए। - मा0 प्रधानमंत्री श्री@narendramodi जी
Apurva Singh @iSinghApurva 11h
कानपुर में ये विकास का कार्यक्रम 24 अप्रैल को होने वाला था लेकिन पहलगाम हमले के कारण मुझे अपना कानपुर दौरा रद्द करना पड़ा आतंकी हमले में हमारे कानपुर के बेटे शुभम द्विवेदी भी इस बर्बरता का शिकार हुए बेटी ऐशान्या की वो पीड़ा, आक्रोश हम सब महसूस कर सकते हैं- PM मोदी Anoop Awasthi 10 घंटे · 'दुश्मन कहीं भी हो, हौंक दिया जाएगा', पीएम मोदी ने कानपुरिया अंदाज में दे डाली पाकिस्तान को चेतावनी..प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कानपुर दौरे के दौरान पाकिस्तान को चेतावनी दी है ! पीएम मोदी ने कहा कि हमने पाकिस्तान में आतंकियों के ठिकाने, घर में घुसकर, सैंकड़ों मील अंदर जाकर तबाह कर दिए. इस दौरान पीएम ने कहा, पाकिस्तान का State और Non State एक्टर का खेल अब चलने वाला नहीं है. अगर मैं सीधे-सीधे कानपुरिया में कहूं कि दुश्मन कहीं भी हो, हौंक दिया जाएगा." दुनियाँ ने देखी मेक इन इंडिया की ताकत- पीएम मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कानपुर में 47,600 करोड़ की 15 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया. उन्होंने कहा, "मैं फिर कहना चाहता हूं कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जो दुश्मन गिड़गिड़ा रहा था, वो किसी धोखे में न रहे. ये अभी खत्म नहीं हुआ है. ऑपरेशन सिंदूर में दुनियाँ ने भारत के स्वदेशी हथियारों और मेक इन इंडिया की ताकत भी देखी है. हमारे भारतीय हथियारों ने और ब्रह्मोस मिसाइल ने दुश्मन के घर में घुसकर तबाही मचाई है. जहां टारगेट तय किया, वहां धमाके किए.!" हमने आत्मनिर्भर भारत अभियान चलाया' पीएम मोदी ने कहा, "ये ताकत हमें आत्मनिर्भर भारत के संकल्प से मिली है. एक समय था, जब भारत सैन्य जरूरतों के लिए, अपनी रक्षा के लिए दूसरे देशों पर निर्भर था. हमने उन हालातों को बदलने को शुरुआत की. भारत अपनी रक्षा जरूरतों के लिए आत्मनिर्भर हो, ये हमारी अर्थव्यवस्था के लिए तो जरूरी है ही. ये देश के आत्मसम्मान के लिए भी उतना ही जरूरी है इसलिए हमने देश को उस निर्भरता से आजादी दिलाने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान चलाया." प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये पूरे उत्तर प्रदेश के लिए गर्व की बात है कि वो डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भरता में बड़ी भूमिका निभा रहा है. उन्होंने कहा, "जैसे कानपुर में पुरानी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री है, ऐसी 7 ऑर्डिनेंस फैक्टियों को हमने बड़ी आधुनिक कंपनियों में बदल दिया. एक समय जहां से पारंपरिक उद्योग पलायन कर रहे थे. वहां अब डिफेंस सेक्टर की बड़ी कंपनियां आ रही हैं. यहां पास में ही अमेठी में AK203 राइफल का निर्माण शुरू हो चुका है.!" 'ब्रह्मोस मिसाइल नया पता अब उत्तर प्रदेश' पीएम मोदी ने कहा, ऑपरेशन सिंदूर में जिस ब्रह्मोस मिसाइल ने दुश्मनों को सोने नहीं दिया, उस ब्रह्मोस मिसाइल का भी नया पता उत्तर प्रदेश है. जो इंफ्रास्ट्रक्चर जो सुविधाएं, जो संसाधन बड़ी-बड़ी मेट्रो सिटी में होती है वो सब अब अपने कानपुर में भी दिखने लगी है. कानपुर मेट्रो इस बात का सबूत है कि अगर सही इरादों, मजबूत इच्छाशक्ति और नेक-नीयत वाली सरकार हो तो देश और प्रदेश के विकास के लिए कैसे ईमानदारी से प्रयास होते हैं."
कानपुर 30 मई 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पटना से सीधे कानपुर का दौरा किया, जहां उन्होंने लगभग सवा दो घंटे का समय बिताया। इस दौरान उन्होंने रिमोट के जरिए प्रदेश की 47,600 करोड़ रुपये की 15 ऊर्जा, मेट्रो, सड़क, पुल, अग्निशमन केंद्र और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास प्रदेश की बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए किया. प्रमुख परियोजनाओं की सूची इस प्रकार है ।
पनकी तापीय विस्तार योजना (660 मेगावाट) – ₹8,305.16 करोड़
घाटमपुर नवेली पावर प्लांट (660 मेगावाट) – ₹9,337.68 करोड़
कानपुर मेट्रो (चुन्नीगंज से सेंट्रल स्टेशन) – ₹2,120 करोड़
40 MLD टर्सरी ट्रीटमेंट प्लांट, बिनगंवा – ₹296.33 करोड़
एटा, ओबरा, खुर्जा में तापीय परियोजनाएं की लागत लगभग ₹26,674 करोड़.
प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की समय सारणी इस प्रकार थी
पीएम मोदी दोपहर 2:10 बजे चकेरी एयरफोर्स बेस पर पहुंचे।
2:35 बजे सीएसए विवि पहुंचकर जनसभा स्थल पर गए।
2:57 से 3:10 बजे तक 15 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया।
समारोह में पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के संबोधन के बाद जनसभा भी आयोजित की गई.
प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में पाकिस्तान और आतंकवाद पर टिप्पणी और सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि भारतीय सेना प्रत्येक आतंकी हमले का करारा जवाब देगी.
इस दौरे से कानपुर और उत्तर प्रदेश की परियोजनाओं को गति और स्थानीय विकास को नई दिशा मिलेगी।

NBA star Klay Thompson suffers devastating loss as his dog Rocco passes away at 13

NBA star Klay Thompson is mourning the loss of his beloved English bulldog, Rocco, who passed away at the age of 13. Rocco had been with Thompson since his rookie season in 2011, becoming a constant companion throughout his NBA journey. Thompson's father, Mychal, shared the news, highlighting Rocco's significant role in their lives.

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After Harvard ban and US visa curb, these top Japanese universities step in: Is Asia the future of global education?

In May 2025, the U.S. government revoked Harvard's international student certification, impacting thousands. Japan's Education Ministry has encouraged its universities to admit displaced students, with the University of Tokyo and Kyoto University considering temporary acceptance and support measures. This action highlights Asia's growing appeal as a study abroad destination amid changing global education landscapes.

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Veteran actor Rajesh passes away at 75; Tamil cinema mourns the loss of a legend

Veteran Tamil actor Rajesh passed away at 75 due to breathing difficulties, leaving the Tamil film industry in mourning. Known for his versatile roles in films like 'Aval Oru Thodarkathai' and 'Virumandi,' Rajesh shared the screen with stars like Kamal Haasan and Vijay. Beyond acting, he explored real estate and astrology, authoring books and running a YouTube channel.

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Son, 8, stuck in lift, Bhopal man dies of shock

In Bhopal, a 51-year-old man, Rishiraj Bhatnagar, tragically died of a heart attack after his young son became trapped in an elevator due to a power outage. Bhatnagar collapsed while instructing the security guard to activate the generator. The child was rescued safely when power was restored within minutes, but Bhatnagar could not be saved.

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हरियाणा पंचकूला में कार के अंदर परिवार के सात लोगों ने गंभीर आर्थिक संकट के कारण सामूहिक आत्महत्या

पंचकूला के सेक्टर-27 में स्थानीय लोगों ने एक कार में संदिग्ध स्थिति में शव
एक ही परिवार के सात सदस्य मृत अवस्था में पड़े
प्रारंभिक जांच में आर्थिक तंगी और कर्ज का कारण
करोड़पति रिश्तेदार भी उनकी मदद नहीं कर रहे थे
कानपुर 27 मई 2025,
27 मई 2025, हरियाणा के पंचकूला में 27 मई 2025 रात एक कार के अंदर एक ही परिवार के सात लोगों ने गंभीर आर्थिक संकट के कारण जहर खा सामूहिक आत्महत्या कर ली। सोमवार देर रात पंचकूला के सेक्टर-27 में स्थानीय लोगों ने एक कार में संदिग्ध स्थिति में शव देखे। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और कार का दरवाजा खोलने पर सामने आया कि उसमें एक ही परिवार के सात सदस्य मृत अवस्था में पड़े हैं। मृतकों में एक बुजुर्ग दंपती, एक युवा दंपती और तीन छोटे बच्चे शामिल थे। क्षेत्र में सनसनी फैल गई है।शवों के साथ एक सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें कर्ज के बोझ से की बात लिखी गई थी. पुलिस ने आत्महत्या का मामला दर्ज किया है सभी परिस्थितियों की जांच जारी है जांच में पता चला कि सभी लोग एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होकर लौटे थे और कार में बैठते ही उन्होंने जहरीला पदार्थ खा लिया। प्रारंभिक जांच में आर्थिक तंगी और कर्ज को इस कदम का कारण माना जा रहा है। पंचकूला की घटना और देश के काले सच की याद दिलाती है जिसमें पूरे परिवारों ने कभी कर्ज, कभी मानसिक दबाव, तो कभी अंधविश्वास के कारण सामूहिक आत्महत्या जैसा भयावह कदम उठाया।
परिवार के मुखिया प्रवीण मित्तल ने बचने से पहले एक प्रत्यक्षदर्शी से बात कर बताया था कि परिवार को लगभग 15-20 करोड़ रुपये का कर्ज था और उनकी करोड़पति रिश्तेदार भी उनकी मदद नहीं कर रहे थे. आर्थिक मुश्किलों के कारण स्थिति अत्यंत गंभीर हो चुकी थी "हमने जहर खा लिया है, बहुत कर्ज था". परिवार बागेश्वर धाम की कथा सुनने के लिए पंचकूला आया था .
यह एक परिवार की कहानीके साथ समाज में बढ़ती आर्थिक चुनौतियों और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों का भी प्रतिबिंब है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

TopStories

Gold rate today: Gold futures at MCX saw a slight increase, trading at Rs 96,050/10 g, while silver futures remained nearly unchanged at Rs 98,045/kg. Despite mixed international results, domestic precious metals concluded positively on Monday.

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India’s first! Tata-Airbus to make 'best-selling' H125 chopper in India

Airbus and Tata Advanced Systems will establish an H125 helicopter Final Assembly Line in Kolar, Karnataka, marking India's first private-sector helicopter assembly. The facility aims to produce 10 helicopters annually, expanding based on a projected regional demand of 500 light helicopters over two decades.

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Blast in Amritsar village near Pak border kills suspected Babbar Khalsa member

A man died in an explosion near Naushera village in Amritsar, close to the Pakistan border. Police suspect the blast was caused by mishandling an explosive device. The deceased is believed to be a member of Babbar Khalsa, a banned terror group with suspected ties to Pakistan’s ISI, who came to retrieve an explosive consignment.

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Gold prices are up over Rs 5,000 from recent lows, but will the rally sustain?

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Countries Indian passport holders can visit with a valid US visa

For Indian passport holders, a valid US visa unlocks travel opportunities to numerous countries. Destinations across Europe, the Americas, the Caribbean, Asia, and the Middle East offer visa-free entry, visa on arrival, or simplified e-visas. This benefit streamlines travel, providing access to diverse cultures and landscapes without extensive paperwork, enhancing global mobility.

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राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने बेटे तेज प्रताप यादव को आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) से 6 साल के लिए से किया निष्कासित

तेज प्रताप पर गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार और लोकआचरण का आरोप
अब से पार्टी और परिवार में उसकी कोई भूमिका नहीं
तेजू की माँ,  भाई और  बहनें अनजान लालू को तेज प्रताप की दो शादियों से  समस्या नहीं
दूसरी शादी लालू प्रसाद यादव ने राजनीतिक फायदे के लिये करायी
कानपुर 26 मई 2025
बिहार 26 मई 2025 सोशल मीडिया पोस्ट से
चारा चोर लालू प्रसाद यादव ने अपने बडे लडके तेज प्रताप सिंह को पार्टी से और परिवार उनकी पत्नी को मार-मार कर घर से बाहर निकाला याद रखना चारा चोर परिवार बिहार बहू बेटियो की प्रतिष्ठा पर आंच-कभी बर्दाश्त नहीं करेगा
लालू यादव का बड़ा फैसला, अपने बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी से 6 साल के लिए निकाला. परिवार से भी किया बेदखल. पारिवारिक स्तर पर यह फैसला बिहार की राजनीति में बड़ा संकेत माना जा रहा है। तेजस्वी यादव ने कहा “निजी जीवन के निर्णय लेने का उनका अधिकार है, मैं कुछ नहीं कहूंगा”
तेज प्रताप यादव पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित, लालू यादव का बड़ा फैसला RJD सुप्रीमो लालू यादव ने सोशल मीडिया पर तेज प्रताप को पार्टी से निकाला "नैतिक मूल्यों की अवहेलना हमारे संघर्ष को कमजोर करती है" — लालू यादव तेज प्रताप पर गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार और लोक आचरण के उल्लंघन का आरोप लालू ने कहा – "अब से पार्टी और परिवार में उसकी कोई भूमिका नहीं रहेगी" सोशल मीडिया पोस्ट में लड़की के साथ रिश्ते का किया था खुलासा, पोस्ट हुआ वायरल लालू यादव ने कहा – "अपने जीवन का भला-बुरा देखने में वो स्वयं सक्षम है"
लालू यादव बता रहे हैं कि 2018 में अपने बड़े बेटे की धूमधाम से शादी करते वक़्त उन्हें पता नहीं था कि तेज प्रताप पहले से शादीशुदा हैं। लालू ये भी जता रहे हैं कि पिछले 12 वर्षों में उनको इस बात की कभी भनक ही नहीं लगी, तेजू की माँ, छोटा भाई और सात बहनें सब अनजान थीं लालू को तेज प्रताप की दो शादियों से कोई समस्या नहीं है, बल्कि दूसरी शादी तो ख़ुद उन्होंने राजनीतिक फायदे के लिये करायी है, उन्हें दिक़्क़त है बात खुल जाने से। राबड़ी देवी के हाथों पिट कर तिरस्कृत बहू ऐश्वर्य का परिवार बिहार का एक रसूखदार यादव घराना है, यादव-वाद पर बना लालू का साम्राज्य दरक रहा है॥

राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अपने बेटे तेज प्रताप यादव को आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। तेज प्रताप द्वारा साझा किए गए एक विवादास्पद सोशल मीडिया पोस्ट के बाद यह निर्णय लिया गया, जिसमें तेज प्रताप यादव ने एक लड़की, अनुष्का यादव के साथ अपने रिश्ते का खुलासा किया था। इस पर बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है, और इसे पारिवारिक मूल्यों के उल्लंघन के रूप में देखा जा रहा है.
लालू यादव ने अपने निर्णय पर कहा कि तेज प्रताप का व्यवहार पारिवारिक मूल्यों के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा, "निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अनुपालना न करना हमारे सामाजिक न्याय के लिए सामूहिक संघर्ष को कमजोर करता है. तेजस्वी यादव, जो कि लालू के छोटे बेटे हैं, ने भी इस निर्णय का समर्थन किया और कहा कि व्यक्तिगत तथा राजनीतिक जीवन अलग होने चाहिए.
तेज प्रताप की बहन, रोहिणी आचार्य ने इस मामले पर खुलकर अपने पिता का समर्थन करते हुये कि "पापा हमारे लिए भगवान जैसे हैं" और परिवार की प्रतिष्ठा को प्राथमिकता दी। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग परंपरा और मर्यादा का उल्लंघन करते हैं, वे आलोचना के पात्र बनते हैं.
तेज प्रताप ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि उनका सोशल मीडिया अकाउंट हैक कर लिया गया था और उनकी छवि को खराब किया गया. यह कदम न केवल तेज प्रताप की व्यक्तिगत जिंदगी के कारण आया, बल्कि यह राजनीतिक सिद्धांतों और पारिवारिक मूल्यों के प्रति लालू यादव की स्पष्ट स्थिति को भी दिखाता है।
बिहार में इसे राजनीतिक दृष्टिकोण से देखा जा रहा है व यह पूरा मामला इतनी तेजी से बढ़ा है राजनीतिक विश्लेषक इसे लालू यादव के राजनीतिक स्वार्थ और अनुशासन की आवश्यकता के रूप में देख रहे हैं.

प्रधान मंत्री के कानपुर दौरे के प्रबन्धन की समीक्षा के लिए मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत 26 मई को कानपुर पहुंचेंगे

20,656 करोड़ रुपये की 11 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास
प्रधान मंत्री की इस बैटक के दौरान लगभग 50,000 लोगों के बैठने की व्यवस्था
जिलाधिकारी ने अन्य अधिकारियों के साथ गुरुवार को स्थितियों का आकलन किया था।
 नगर निगम  द्वारा  मुख्य मार्गो, वार्डो, मलिन बस्तियों एवं घाटों पर विशेष सफाई अभियान 
सुरक्षा के लिए बम निरोधक दस्ते की जांच जैसे विशेष इंतजाम
शहर में मेट्रो,
पनकी-घाटमपुर बिजली परियोजना
100 बिस्तरों वाली चिकित्सा सुविधा

कानपुर: 25 मई, 2025 
प्रधान मंत्री के 30 मई को कानपुर दौरे के प्रबन्धन की समीक्षा के लिए मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार के लिए 26 मई को कानपुर पहुंचेंगे। वह जनसभा स्थल का निरीक्षण कर संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक करेगे। प्रधान मंत्री की इस बैटक के दौरान लगभग 50,000 लोगों के बैठने की व्यवस्था के लिए 30 ब्लॉक बनाए जा रहे हैं और सुरक्षा व्यवस्थाओं को पुख्ता किया जा रहा है। वर्तमान में, कार्यकर्ता प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के लिए सीएसए ग्राउंड में पंडाल बना रहे हैं।
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने अन्य अधिकारियों के साथ गुरुवार को स्थितियों का आकलन करने के लिए स्थल का निरीक्षण किया था। प्रधानमंत्री मंत्री जी के नगर आगमन के दृष्टिगत नगर निगम कानपुर द्वारा शहर के मुख्य मार्गो, वार्डो, मलिन बस्तियों एवं घाटों पर विशेष सफाई अभियान चलाया जा रहा है!
मुख्य सचिव और डीजीपी व्यापक निरीक्षण कर अधिकारियों के साथ आवश्यक बैठकें करेंगे। उनकी बैठक का उद्देश्य संबंधित मामलों की जानकारी ले सभी तैयारियां समय पर पूरी सुनिश्चित करना है । प्रधान मंत्री के आगमन की सुरक्षा के लिए बम निरोधक दस्ते की जांच जैसे विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं।
मुख्य सचिव ने सभी विभागों से अनुरोध किया है कि वे अपनी तैयारियों को समय पर पूरा करें। उन्होंने कहा है कि सुरक्षा व्यवस्थाओं सहित किसी भी स्तर पर कोई कमी नहीं होनी चाहिए व सभी व्यवस्थाएं सही और सुरक्षित रहे।
सीएसए ग्राउंड को पूरी तरह से सुरक्षा के घेरे में रखा गया है, एसपीजी कर्मियों के जल्द ही पहुंचने की उम्मीद है। कार्यक्रम स्थल पर प्रधानमंत्री की जनसभा के लिए तीस ब्लॉक होंगे, जिसमें लगभग 50,000 उपस्थित लोगों की क्षमता होगी। प्रधानमंत्री शहर में मेट्रो, पनकी-घाटमपुर बिजली परियोजनाओं और 100 बिस्तरों वाली चिकित्सा सुविधा सहित 20,656 करोड़ रुपये की 11 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। बम निरोधक इकाई ने शुक्रवार को जमीनी स्तर पर गहन निरीक्षण किया। प्रधानमंत्री की जनसभा के लिए कार्यक्रम स्थल पर तीस ब्लॉक निर्धारित किए गए हैं। स्थानीय पुलिस और प्रशासन मिलकर काम कर रहे हैं।

Trump admin challenges court ruling on deportation flights to South Sudan

The Trump administration is challenging a judge's ruling that halted a deportation flight to South Sudan. Secretary of State Rubio claims the order complicates diplomacy with Libya, South Sudan, and Djibouti, potentially undermining presidential authority. The administration argues it detains dangerous criminals and urges reconsideration, asserting the deportees had due process before removal.

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Rosie O’Donnell reveals dramatic weight loss after using Mounjaro; How safe is it?

Rosie O'Donnell reveals her weight loss journey. She attributes her transformation to Mounjaro. O'Donnell also mentions lifestyle changes. These include diet and exercise. She now lives in Ireland with her child. She has struggled with weight for years. Mounjaro is used for diabetes and weight management. Several celebrities have used it. Doctors consider it safe for older adults.

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Nature's silent assassin: The deadly mushroom at the heart of Australia’s murder trial

An Australian woman, Erin Patterson, faces murder charges after a lunch she prepared allegedly resulted in three deaths and one near-fatal illness. The victims, her in-laws and an aunt and uncle, consumed a beef Wellington containing death cap mushrooms. Prosecutors suspect foul play, citing Patterson's alleged fake cancer claim, selective eating during the meal, and suspicious cleanup afterward.

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अमेरिका की एक फेडरल कोर्ट ने डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के उस बैन पर अस्थायी तौर पर रोक लगा दी है जिसमे विदेशी छात्रों का दाखिला हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने रोका था हर साल 500 से 800 भारतीय छात्र हार्वर्ड में लेते हैं एडमिशन इस साल 788 भारतीय

अमरीकी अदालत ने  विदेशी छात्रों के दाखिले पर रोक लगाने के फैसले को अस्थायी निलंबन किया 
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अब विदेशी छात्रों को दाखिला नहीं
हार्वर्ड में यहूदी विरोधी भावना को बढ़ावा दिया जा रहा है
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ मिलकर काम किया जा रहा
इंटरनेशनल छात्रों को एडमिशन के लिए सर्टिफिकेशन रद्द
हर साल 500-800 भारतीय छात्र और विद्वान हार्वर्ड में अध्ययन करते हैं.
कानपुर 23 मई, 2025
वॉशिंगटन: अमेरिका 23 मई, 2025
सोशल मीडिया पोस्ट से
TV9 Bharatvarshटीवी9 भारतवर्ष @TV9Bharatvarsh
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अब विदेशी छात्रों को दाखिला नहीं मिलेगा. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में विदेशी छात्रों को दाखिला देने पर रोक लगा दी है. सरकार का आरोप है कि हार्वर्ड में यहूदी विरोधी भावना को बढ़ावा दिया जा रहा है और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ मिलकर काम किया जा रहा है. सरकार का कहना है कि विदेशी छात्रों को दाखिला देना एक विशेषाधिकार है, अधिकार नहीं.विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, हर साल 500-800 भारतीय छात्र और विद्वान हार्वर्ड में अध्ययन करते हैं. वर्तमान में, हार्वर्ड विश्वविद्यालय में भारत के 788 छात्र नामांकित हैं.
श्रवण बिश्नोई (किसान) @SharwanKumarBi7 13h
डोनाल्ड ट्रंप की फंडिंग रोकने के बाद हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से विदेशी छात्रों का प्रवेश लेने की पात्रता को रद्द कर दिया। यहां से पढ़ाई करने के बाद यहां के छात्र अपने देश में डीप स्टेट के लिए काम करते हैं, Deep state Agent के लिए अपने देश के लिए नहीं। अपने देश का विकास रोकने के लिए हर संभव कोशिश करते हैं। WOKE और Secularism का प्रचार करने लगते हैं।
Panchjanyaपांचजन्य @epanchjanya 10h
USA के बाहर के देशों के युवा अब उच्च शिक्षा के लिए हार्वर्ड विश्वविद्यालय में पढ़ाई नहीं कर सकेंगे। कुछ समय से चल रहे टकराव के बाद आखिरकार ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय की अंतरराष्ट्रीय छात्रों को दाखिला देने की पात्रता (एसईवीपी) को रद्द कर दिया है।
Dr Monika Singhडॉ. मोनिका सिंह @Dr_MonikaSing 14h
अमेरिका में डंका बजता है न अंधभक्तो ? डोनाल्ड ट्रंप ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में रोका विदेशी छात्रों का दाखिला हर साल 500 से 800 भारतीय छात्र हार्वर्ड में लेते हैं एडमिशन इस साल 788 भारतीय छात्रों ने एडमिशन लिया था
The Lallantopलल्लनटॉप @TheLallantop 14h
- हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अब इंटरनेशनल स्टूडेंट्स को एडमिशन नहीं - ट्रंप प्रशासन ने इंटरनेशनल छात्रों को एडमिशन देने के लिए सर्टिफिकेशन को रद्द किया - ट्रंप प्रशासन ने नेशनल सिक्योरिटी और अनुशासनहीन को कारण बताया
अमरीकी अदालत ने ट्रम्प प्रशासन के हार्वर्ड विश्वविद्यालय में विदेशी छात्रों के दाखिले पर रोक लगाने के फैसले को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। हार्वर्ड ने सरकार के इस कदम को विश्वविद्यालय के खिलाफ प्रतिशोध बताया है। विश्वविद्यालय का कहना है कि सरकार राजनीतिक कारणों से दबाव बना रही थी।
वॉशिंगटन: अमेरिका की फेडरल कोर्ट ने डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के उस बैन पर अस्थायी तौर पर रोक लगा दी है, जिसमें हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को अंतरराष्ट्रीय छात्रों को एडमिशन देने से रोका गया था। जज एलिसन बरोज ने शुक्रवार को हार्वर्ड की ओर से ट्रंप सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया है। शुक्रवार को ही यूनिवर्सिटी की ओर से ये इस मामले में याचिका दायर की गई थी। अर्जी दाखिल होने के कुछ घंटे के अंदर ही जज ने अपना फैसला देते हुए ट्रंप प्रशासन के फैसले पर रोक लगा दी।
जज बरोज हार्वर्ड को मिलने वाली 2.65 अरब डॉलर की संघीय फंडिंग पर रोक के फैसले के खिलाफ मुकदमे की भी सुनवाई कर रही हैं। अब उनकी कोर्ट के सामने अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर बैन के मामला आया है। उन्होंने फिलहाल ट्रंप प्रशासन के बैन पर रोक लगाई है। यानी हार्वर्ड फिलहाल अंतरराष्ट्रीय छात्रों को एडमिशन दे सकता है लेकिन यह मामला अभी खत्म नहीं हुआ है। कोर्ट में इस पर आगे सुनवाई होगी।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी का कहना है कि ट्रंप सरकार का विदेशी छात्रों के दाखिले रोकने का कदम फर्स्ट अमेंडमेंट का उल्लंघन है। इससे हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और करीब 7,000 वीजा धारकों पर बुरा असर पड़ेगा। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी  के इस कदम को लागू होने से रोकने के लिए कोर्ट से स्टे की (अस्थायी रोक) मांग की थी। इसे अपील को कोर्ट ने मान लिया है।
कई अन्य भारतीयों की तरह छात्र श्रेया मिश्रा रेड्डी के माता-पिता उस समय बहुत खुश थे जब उन्हें हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला मिला था।  रेड्डी ने कहा कि  भारत में भी स्कूल है ।  विवाद तब बढ़ गया जब व्हाइट हाउस ने अप्रैल में हार्वर्ड को विदेशी छात्रों पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी, क्योंकि उन्होंने अपनी भर्ती, प्रवेश और शिक्षण प्रक्रियाओं को बदलने से इनकार कर दिया था व संघीय अनुदान में $ 3 बिलियन भी जमे हुए थे।
एसटीईएम में पढ़ रही चीनी छात्रा कैट झी ने कहा कि वह "सदमे में" है। "मैं प्रतिबंध की धमकी को लगभग भूल चुकी थी और फिर गुरुवार की घोषणा अचानक हुई।
उसने यह भी कहा कि उसने पिछले हफ्तों में संयुक्त राज्य अमेरिका में रहना जारी रखने के लिए पेशेवर मार्गदर्शन की तलाश की थी, लेकिन विकल्प "सभी बहुत परेशानी और महंगे" हैं, उसने कहा।
ट्रम्प प्रशासन ने हार्वर्ड पर "चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ समन्वय"  पर बीजिंग ने जवाब दिया है कि यह सिर्फ शिक्षा का "राजनीतिकरण" है और यह कदम "केवल संयुक्त राज्य अमेरिका की छवि और अंतर्राष्ट्रीय स्थिति को नुकसान पहुंचाएगा", प्रतिबंध को "जल्द से जल्द" वापस लेने का आग्रह किया।
विश्वविद्यालय इन छात्रों को दाखिला देने की अपनी क्षमता को फिर से हासिल करने का एकमात्र तरीका यह है कि अगर वह "72 घंटे" के भीतर मांगों की सूची का अनुपालन करता है।
एक 20 वर्षीय पाकिस्तानी छात्र अब्दुल्ला शाहिद सियाल ने कहा, "इनमें से कोई भी वह नहीं है जिसके लिए हमने साइन अप किया है। उन्होंने कहा कि वह खुद को जिस स्थिति में पाते हैं वह हास्यास्पद और अमानवीय है। हार्वर्ड केनेडी स्कूल में लोक प्रशासन का अध्ययन करने वाले एक छात्र जियांग फांगझोउ ने कहा। "हमें तुरंत छोड़ना पड़ सकता है लेकिन लोगों का जीवन यहां है - अपार्टमेंट, पट्टे, कक्षाएं और समुदाय। ये ऐसी चीजें नहीं हैं जिनसे आप रातोंरात दूर चल सकते हैं", 

Maharashtra FYCJ admission 2025 schedule revised: Check list of important dates

The Maharashtra FYJC Admission 2025 schedule has been revised after a technical crash disrupted the initial registration process. The application portal will reopen on May 26, with registrations accepted until June 3. The updated timeline includes key dates for merit lists, objections, and allotment rounds. Students must apply through the official portal only.

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यूएसए में सिटी यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यूयॉर्क ने 'अच्युत सामंत इंडिया इनिशिएटिव' शोध संस्थान की स्थापना की

डॉ. सामंत को सिटी यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यूयॉर्क द्वारा राष्ट्रपति पदक से भी सम्मानित किया गया
अच्युत सामंत इंडिया इनिशिएटिव  संस्थान भारत विशेष रूप से ओडिशा के लिए गौरवपूर्ण 
संयुक्त राज्य अमेरिका में शोध केंद्र का नाम भारतीय के नाम पर रखा जाना ऐतिहासिक 
सिटी यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यूयॉर्क175 साल पहले स्थापित  अमेरिकी सार्वजनिक विश्वविद्यालय 
25 कॉलेज और 122 देशों के 300,000 से अधिक छात्र 
कानपुर 22 मई, 2025
भुवनेश्वर, भारत, 22 मई, 2025 यूएसए में सिटी यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यूयॉर्क ने 'अच्युत सामंत इंडिया इनिशिएटिव' शोध संस्थान की स्थापना की है भारत विशेष रूप से ओडिशा के लिए एक गौरवपूर्ण क्षण है, सिटी यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यूयॉर्क में एक प्रमुख शोध संस्थान का नाम प्रसिद्ध शिक्षाविद् और समाज सुधारक डॉ. अच्युत सामंत (KIIT और KISS के संस्थापक) के नाम पर रखा गया है। नव स्थापित 'अच्युत सामंत इंडिया इनिशिएटिव सिटी यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यूयॉर्क क्रेस्ट इंस्टीट्यूट' का उद्घाटन मंगलवार को संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रतिष्ठित शिक्षाविदों और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में किया गया।
संयुक्त राज्य अमेरिका में किसी शोध केंद्र का नाम किसी भारतीय के नाम पर रखा जानाऐतिहासिक कदम है, जो डॉ. सामंत के साथ ओडिशा के लोगों और वैश्विक KIIT और KISS समुदाय के लिए भी बहुत गर्व का क्षण है। नव स्थापित संस्थान अमेरिकी छात्रों को ओडिशा की समृद्ध कला और विरासत पर शोध करने के अवसर प्रदान करेगा। यह आदिवासी समुदायों के सामाजिक-आर्थिक विकास में डॉ. सामंत के योगदान और शिक्षा के क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों केंद्रित करेगा।
इस सम्मान के अलावा डॉ. सामंत को कार्यक्रम के दौरान सिटी यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यूयॉर्क का सर्वोच्च सम्मान - प्रेसिडेंशियल मेडल प्रदान किया गया। यह पदक असाधारण वैश्विक प्रभाव वाले व्यक्तियों के लिए शिक्षा, आदिवासी उत्थान और मानवीय सेवा में परिवर्तनकारी योगदान के लिए आरक्षित है। यह सम्मान डॉ. सामंत के कार्यो को को मान्यता देता है। KIIT और KISS के माध्यम से डॉ. सामंत ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, सम्मान अवसर के जमीनी स्तर के काम द्वारा 80,000 से अधिक आदिवासी बच्चों को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है,
ब्रोंक्स कम्युनिटी कॉलेज के अध्यक्ष डॉ. मिल्टन सैंटियागो की हाल ही में भुवनेश्वर में KIIT और KISS की यात्रा के दौरान सिटी यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यूयॉर्क के अंतर्गत शोध संस्थान का विचार आया। डॉ. सैंटियागो ने डॉ. सामंत के नाम पर एक शोध संस्थान डॉ. सामंत की यात्रा और दृष्टि से गहराई से प्रेरित होकर प्रस्ताव रखा, जिसे विश्वविद्यालय बोर्ड से सर्वसम्मति से स्वीकृति मिली। उद्घाटन के अवसर पर, डॉ. सैंटियागो ने टिप्पणी की, "अच्युत सामंत इंडिया पहल विविध पृष्ठभूमि के अमेरिकी छात्रों को भारत के आदिवासी समुदायों, सांस्कृतिक जड़ों और दुनिया के सबसे प्रभावशाली शैक्षिक मॉडलों को समझने और उससे जुड़ने में मदद करेगी। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. सामंत शामिल हुए, ने गहरा आभार व्यक्त करते हुए कहा कि एक ओडिया और भारतीय के रूप में उनके लिए यह बहुत गर्व और सम्मान का क्षण है कि उनके नाम पर एक अमेरिकी शोध संस्थान का नाम रखा गया है। यह न केवल व्यक्तिगत बल्कि ओडिशा, KIIT और KISS के लिए भी गर्व की बात है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह संस्थान ओडिशा की कला, साहित्य और संस्कृति के साथ-साथ उनके अपने काम के बारे में अधिक शोध और समझ को प्रोत्साहित करेगा।
सिटी यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यूयॉर्क175 साल पहले स्थापित एक प्रतिष्ठित अमेरिकी सार्वजनिक विश्वविद्यालय प्रणाली है जिसमें 25 कॉलेज और 122 देशों के 300,000 से अधिक छात्र शामिल हैं। इसके तहत ASIICCI की स्थापना डॉ. सामंत की दृष्टि और ओडिशा की बौद्धिक विरासत की वैश्विक प्रासंगिकता को प्रदर्शित करती है।

भारतीय अनुबंध अधिनियम, 1872 डा. लोकेश शुक्ल कानपुर 9450125954

डा. लोकेश शुक्ल कानपुर 9450125954

भारतीय अनुबंध अधिनियम, 1872 भारत में अनुबंधों के कानून को नियंत्रित करता है और देश में अनुबंध कानून को विनियमित करने वाला प्रमुख कानून है । यह भारत के सभी राज्यों पर लागू है। यह उन परिस्थितियों को रेखांकित करता है जिनके तहत अनुबंध के पक्षकारों द्वारा किए गए वादे कानूनी रूप से बाध्यकारी हो जाते हैं । अधिनियम की धारा 2(एच) अनुबंध को एक समझौते के रूप में परिभाषित करती है जो कानून द्वारा लागू करने योग्य है।
यह अधिनियम 25 अप्रैल 1872 को अधिनियमित हुआ और 1 सितम्बर 1872 को लागू हुआ। मूल रूप से अधिनियमित इस अधिनियम में 266 धाराएँ थीं, जिन्हें 11 अध्यायों में विभाजित किया गया था।अनुबंध कानून के सामान्य सिद्धांत – धारा 01 से 75 (अध्याय 1 से 6)
माल की बिक्री से संबंधित अनुबंध - धारा 76 से 123 (अध्याय 8 से 10)
साझेदारी से संबंधित अनुबंध – धारा 239 से 266 (अध्याय 11)
बाद में, अध्याय 7 और 11 की धाराओं को निरस्त कर दिया गया, क्योंकि उन्हें अलग-अलग विधानों अर्थात् माल विक्रय अधिनियम, 1930 और भारतीय भागीदारी अधिनियम, 1932 में शामिल कर लिया गया ।
वर्तमान में भारतीय संविदा अधिनियम को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है:भाग 1: अनुबंध कानून के सामान्य सिद्धांत – धारा 1 से 75 (अध्याय 1 से 6)भाग 2: विशेष प्रकार के अनुबंधों से संबंधित जैसेक्षतिपूर्ति और गारंटी का अनुबंध (अध्याय 8)
जमानत और गिरवी का अनुबंध (अध्याय 9)
एजेंसी अनुबंध (अध्याय 10)
महत्वपूर्ण परिभाषाएँ (धारा 2)
1. प्रस्ताव 2(ए) : प्रस्ताव से तात्पर्य ऐसे वादे से है जो प्रारंभिक वादे के बदले में दिए गए किसी निश्चित कार्य, वादे या सहनशीलता पर निर्भर होता है।
2. स्वीकृति 2(ख) : जब वह व्यक्ति, जिसके समक्ष प्रस्ताव किया जाता है, उस पर अपनी सहमति दे देता है, तो प्रस्ताव स्वीकृत कहा जाता है।
3. वादा 2(बी) : जब कोई प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाता है तो वह वादा बन जाता है। सरल शब्दों में, जब कोई प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाता है तो वह वादा बन जाता है।
4. वचनदाता और वचनग्रहीता 2(ग) : जब प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाता है तो प्रस्ताव करने वाले व्यक्ति को वचनदाता और प्रस्ताव स्वीकार करने वाले व्यक्ति को वचनग्रहीता कहा जाता है।
5. प्रतिफल 2(घ) : जब वचनदाता की इच्छा पर वचनग्रहीता या कोई अन्य व्यक्ति कुछ करता है या करने से विरत रहता है या करता है या करने से विरत रहता है या करने या करने से विरत रहने का वचन देता है तो ऐसे कार्य या विरत रहने या वचन को वचन के लिए प्रतिफल कहा जाता है। एक पक्ष द्वारा दूसरे पक्ष के वचन के लिए चुकाई गई कीमत, तकनीकी शब्द क्विड प्रो भारतीय अनुबंध अधिनियम, 1872 [ 1 ] भारत में अनुबंधों के कानून को नियंत्रित करता है और देश में अनुबंध कानून को विनियमित करने वाला प्रमुख कानून है । यह भारत के सभी राज्यों पर लागू है। यह उन परिस्थितियों को रेखांकित करता है जिनके तहत अनुबंध के पक्षकारों द्वारा किए गए वादे कानूनी रूप से बाध्यकारी हो जाते हैं । अधिनियम की धारा 2(एच) अनुबंध को एक समझौते के रूप में परिभाषित करती है जो कानून द्वारा लागू करने योग्य है।
विकास और संरचना
यह अधिनियम 25 अप्रैल 1872 को अधिनियमित हुआ और 1 सितम्बर 1872 को लागू हुआ। मूल रूप से अधिनियमित इस अधिनियम में 266 धाराएँ थीं, जिन्हें 11 अध्यायों में विभाजित किया गया था।
अनुबंध कानून के सामान्य सिद्धांत – धारा 01 से 75 (अध्याय 1 से 6)
माल की बिक्री से संबंधित अनुबंध - धारा 76 से 123 (अध्याय 8 से 10)
साझेदारी से संबंधित अनुबंध – धारा 239 से 266 (अध्याय 11)
बाद में, अध्याय 7 और 11 की धाराओं को निरस्त कर दिया गया, क्योंकि उन्हें अलग-अलग विधानों अर्थात् माल विक्रय अधिनियम, 1930 और भारतीय भागीदारी अधिनियम, 1932 में शामिल कर लिया गया ।
वर्तमान में भारतीय संविदा अधिनियम को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है:
भाग 1: अनुबंध कानून के सामान्य सिद्धांत – धारा 1 से 75 (अध्याय 1 से 6)
भाग 2: विशेष प्रकार के अनुबंधों से संबंधित जैसे
क्षतिपूर्ति और गारंटी का अनुबंध (अध्याय 8)
जमानत और गिरवी का अनुबंध (अध्याय 9)
एजेंसी अनुबंध (अध्याय 10)
महत्वपूर्ण परिभाषाएँ (धारा 2)
1. प्रस्ताव 2(ए) : प्रस्ताव से तात्पर्य ऐसे वादे से है जो प्रारंभिक वादे के बदले में दिए गए किसी निश्चित कार्य, वादे या सहनशीलता पर निर्भर होता है।
2. स्वीकृति 2(ख) : जब वह व्यक्ति, जिसके समक्ष प्रस्ताव किया जाता है, उस पर अपनी सहमति दे देता है, तो प्रस्ताव स्वीकृत कहा जाता है।
3. वादा 2(बी) : जब कोई प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाता है तो वह वादा बन जाता है। सरल शब्दों में, जब कोई प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाता है तो वह वादा बन जाता है।
4. वचनदाता और वचनग्रहीता 2(ग) : जब प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाता है तो प्रस्ताव करने वाले व्यक्ति को वचनदाता और प्रस्ताव स्वीकार करने वाले व्यक्ति को वचनग्रहीता कहा जाता है।
5. प्रतिफल 2(घ) : जब वचनदाता की इच्छा पर वचनग्रहीता या कोई अन्य व्यक्ति कुछ करता है या करने से विरत रहता है या करता है या करने से विरत रहता है या करने या करने से विरत रहने का वचन देता है तो ऐसे कार्य या विरत रहने या वचन को वचन के लिए प्रतिफल कहा जाता है। एक पक्ष द्वारा दूसरे पक्ष के वचन के लिए चुकाई गई कीमत, तकनीकी शब्द क्विड प्रो क्वो का अर्थ है जिसका अर्थ है बदले में कुछ।
6. करार 2(ई) : प्रत्येक वादा और वादों का प्रत्येक समूह जो एक दूसरे के लिए प्रतिफल स्वरूप है।
7. पारस्परिक वादे 2(एफ) : वे वादे जो एक दूसरे के लिए प्रतिफल और प्रतिफल का हिस्सा बनते हैं, 'पारस्परिक वादे' कहलाते हैं।
8. शून्य करार 2(जी) : जो करार कानून द्वारा प्रवर्तनीय नहीं है वह शून्य है।
9. अनुबंध 2(एच) : कानून द्वारा प्रवर्तनीय करार अनुबंध कहलाता है। इसलिए, करार अवश्य होना चाहिए और इसे कानून द्वारा प्रवर्तनीय होना चाहिए।
10. शून्यकरणीय अनुबंध 2(i) : एक समझौता एक शून्यकरणीय अनुबंध है यदि यह एक या अधिक पक्षों (यानी पीड़ित पक्ष) के विकल्प पर कानून द्वारा प्रवर्तनीय है, और यह दूसरे या अन्य लोगों के विकल्प पर कानून द्वारा प्रवर्तनीय नहीं है।
11. शून्य अनुबंध 2(जे) : एक अनुबंध तब शून्य हो जाता है जब वह कानून द्वारा प्रवर्तनीय नहीं रह जाता।
प्रस्ताव
धारा 2(ए) के अनुसार, प्रस्ताव से तात्पर्य ऐसे वादे से है जो प्रारंभिक वादे के बदले में दिए गए किसी निश्चित कार्य, वादे या सहनशीलता पर निर्भर होता है।
ऑफर के प्रकार
स्पष्ट प्रस्ताव: मौखिक या लिखित शब्दों का उपयोग करके किया गया प्रस्ताव स्पष्ट प्रस्ताव कहलाता है। (धारा 9)
निहित प्रस्ताव: वह प्रस्ताव जिसे पक्षकारों के आचरण या मामले की परिस्थितियों से समझा जा सकता है।
सामान्य प्रस्ताव: यह किसी समय सीमा के साथ या उसके बिना बड़े पैमाने पर जनता के लिए किया गया प्रस्ताव है।
विशिष्ट प्रस्ताव: यह एक प्रकार का प्रस्ताव है, जहां किसी विशेष और निर्दिष्ट व्यक्ति को प्रस्ताव दिया जाता है, यह एक विशिष्ट प्रस्ताव है।
सतत प्रस्ताव: ऐसा प्रस्ताव जो आम जनता के समक्ष रखा जाता है तथा उसे एक निश्चित अवधि तक सार्वजनिक स्वीकृति के लिए खुला रखा जाता है।
क्रॉस ऑफर: जब कोई व्यक्ति जिसके समक्ष प्रस्ताव (ऑफर) किया जाता है, अपनी सहमति व्यक्त करता है, तो प्रस्ताव को स्वीकृत कहा जाता है।
प्रति-प्रस्ताव: प्रस्तावकर्ता से प्रस्ताव प्राप्त होने पर, यदि प्रस्ताव प्राप्तकर्ता उसे तुरंत स्वीकार करने के बजाय, ऐसी शर्तें लगाता है, जिनका प्रभाव प्रस्ताव को संशोधित या परिवर्तित करने का हो।
अनुबंध में स्वीकृति
यह पूर्ण और बिना शर्त होना चाहिए .. यदि प्रस्ताव और स्वीकृति से संबंधित सभी मामलों पर पक्ष सहमत नहीं हैं, तो कोई वैध अनुबंध नहीं है। उदाहरण के लिए, "ए" "बी" से कहता है "मैं अपनी कार 50,000/- रुपये में बेचने की पेशकश करता हूं।" "बी" जवाब देता है "मैं इसे 45,000/- रुपये में खरीदूंगा"। यह स्वीकृति नहीं है और इसलिए यह एक काउंटर ऑफर के बराबर है।
इसे प्रस्तावक को सूचित किया जाना चाहिए । पक्षों के बीच अनुबंध समाप्त करने के लिए, स्वीकृति को किसी निर्धारित प्रपत्र में संप्रेषित किया जाना चाहिए। प्रस्ताव स्वीकार करने के लिए प्रस्ताव प्राप्तकर्ता की ओर से मात्र मानसिक निश्चय ही वैध स्वीकृति नहीं है।
स्वीकृति निर्धारित तरीके से होनी चाहिए । यदि स्वीकृति निर्धारित तरीके या किसी सामान्य और उचित तरीके (जहां कोई तरीका निर्धारित नहीं है) के अनुसार नहीं है, तो प्रस्तावक उचित समय के भीतर प्रस्ताव प्राप्त करने वाले को सूचित कर सकता है कि स्वीकृति निर्धारित तरीके के अनुसार नहीं है और इस बात पर जोर दे सकता है कि प्रस्ताव को निर्धारित तरीके से ही स्वीकार किया जाए। यदि वह प्रस्ताव प्राप्त करने वाले को सूचित नहीं करता है, तो उसे प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया माना जाता है। उदाहरण के लिए, "ए" "बी" को एक प्रस्ताव देता है और "बी" से कहता है कि "यदि आप प्रस्ताव स्वीकार करते हैं, तो बोलकर उत्तर दें। "बी" डाक से उत्तर भेजता है। यह एक वैध स्वीकृति होगी, जब तक कि "ए" "बी" को सूचित न करे कि स्वीकृति निर्धारित तरीके के अनुसार नहीं है।
प्रस्ताव समाप्त होने से पहले उचित समय के भीतर स्वीकृति दी जानी चाहिए । यदि कोई समय सीमा निर्दिष्ट की गई है, तो स्वीकृति समय के भीतर दी जानी चाहिए, यदि कोई समय सीमा निर्दिष्ट नहीं की गई है तो इसे उचित समय के भीतर दिया जाना चाहिए।
यह प्रस्ताव से पहले नहीं हो सकता । यदि स्वीकृति प्रस्ताव से पहले होती है तो यह वैध स्वीकृति नहीं है और इसका परिणाम अनुबंध नहीं होता। उदाहरण के लिए, किसी कंपनी में शेयर ऐसे व्यक्ति को आवंटित किए गए जिसने उनके लिए आवेदन नहीं किया था। इसके बाद, जब उसने शेयरों के लिए आवेदन किया, तो उसे पिछले आवंटन के बारे में पता नहीं था। आवेदन से पहले शेयर का आवंटन वैध नहीं है।
आचरण के माध्यम से स्वीकृति।
केवल मौन रहना स्वीकृति नहीं है।
मौन स्वीकृति के रूप में
मौन रहना संचार के बराबर नहीं है- बैंक ऑफ इंडिया लिमिटेड बनाम रुस्तम कोवासजी- एआईआर 1955 बॉम. 419 पृष्ठ 430 पर; 57 बॉम. एलआर 850- केवल मौन रहना किसी सहमति के बराबर नहीं हो सकता। यह किसी ऐसे प्रतिनिधित्व के बराबर भी नहीं है जिस पर रोक लगाने की दलील मिल सकती है, जब तक कि कोई कथन देने या कोई कार्य करने का कर्तव्य स्वतंत्र न हो और प्रस्तावक की सहमति होनी चाहिए।
स्वीकृति स्पष्ट एवं निश्चित होनी चाहिए।
प्रस्ताव की सूचना दिए जाने से पहले स्वीकृति नहीं दी जा सकती।
वैध प्रतिफल
धारा 2(घ) के अनुसार, प्रतिफल की परिभाषा इस प्रकार है: "जब वचनदाता की इच्छा पर, वचनग्रहीता या कोई अन्य व्यक्ति कुछ करता है या करने से विरत रहता है, या करता है या करने से विरत रहता है, या करने या करने से विरत रहने का वचन देता है, तो ऐसे कार्य या विरत रहने या वचन को वचन के लिए प्रतिफल कहा जाता है"। प्रतिफल का अर्थ है 'बदले में कुछ'।
वैध प्रतिफल की अनिवार्यताएं
किसी समझौते को दोनों पक्षों द्वारा वैध प्रतिफल द्वारा समर्थित होना चाहिए। वैध प्रतिफल के आवश्यक तत्वों में निम्नलिखित शामिल होने चाहिए:-
यह वचनदाता की इच्छा पर ही होना चाहिए । प्रतिफल का गठन करने वाला कार्य वचनदाता की इच्छा या अनुरोध पर किया जाना चाहिए। यदि यह किसी तीसरे पक्ष के कहने पर या वचनदाता की इच्छा के बिना किया जाता है, तो यह अच्छा प्रतिफल नहीं होगा। उदाहरण के लिए, "ए" "बी" के सामान को बिना उससे पूछे आग से बचाता है। "ए" अपनी सेवा के लिए भुगतान की मांग नहीं कर सकता।
प्रतिफल वचनग्रहीता या किसी अन्य व्यक्ति से आ सकता है । भारतीय कानून के तहत प्रतिफल वचनग्रहीता या किसी अन्य व्यक्ति से भी आ सकता है, यहां तक ​​कि किसी अजनबी से भी। इसका मतलब यह है कि जब तक प्रतिफल वचनग्रहीता के लिए है, तब तक यह मायने नहीं रखता कि इसे किसने दिया है।
प्रतिफल एक कृत्य, संयम या सहनशीलता या लौटाया गया वादा होना चाहिए ।
प्रतिफल भूत, वर्तमान या भविष्य हो सकता है। अंग्रेजी कानून के अनुसार भूतकालीन प्रतिफल प्रतिफल नहीं है। हालाँकि भारतीय कानून के अनुसार यह प्रतिफल है। भूतकालीन प्रतिफल का उदाहरण है, "A" "B" की इच्छा पर उसे कुछ सेवा प्रदान करता है। एक महीने के बाद "B" "A" को पहले की गई सेवा के लिए प्रतिपूर्ति करने का वादा करता है। जब प्रतिफल वादे के साथ-साथ दिया जाता है, तो उसे वर्तमान प्रतिफल कहा जाता है। उदाहरण के लिए, "A" को 50/- रुपये मिलते हैं जिसके बदले में वह "B" को कुछ सामान देने का वादा करता है। "A" को मिलने वाला पैसा वर्तमान प्रतिफल है। जब एक पक्ष से दूसरे पक्ष को मिलने वाला प्रतिफल बाद में अनुबंध के निर्माता को हस्तांतरित किया जाना है, तो उसे भविष्य का प्रतिफल कहा जाता है। उदाहरण के लिए, "A" एक सप्ताह के बाद "B" को कुछ सामान देने का वादा करता है। "B" एक पखवाड़े के बाद कीमत चुकाने का वादा करता है, ऐसा प्रतिफल भविष्य का प्रतिफल होता है।
प्रतिफल वास्तविक होना चाहिए । प्रतिफल वास्तविक, सक्षम और कानून की दृष्टि में कुछ मूल्य वाला होना चाहिए। उदाहरण के लिए, "ए" "बी" की मृत पत्नी को जीवन देने का वादा करता है, अगर "बी" उसे 1000/- रुपये का भुगतान करता है। "ए" का वादा शारीरिक रूप से प्रदर्शन के लिए असंभव है इसलिए कोई वास्तविक प्रतिफल नहीं है।
प्रतिफल कुछ ऐसा होना चाहिए जिसे करने के लिए वचनदाता पहले से ही बाध्य न हो । किसी ऐसी चीज को करने का वचन जिसे करने के लिए वचनदाता पहले से ही कानून द्वारा बाध्य हो, एक अच्छा प्रतिफल नहीं है, क्योंकि यह पिछले विद्यमान कानूनी प्रतिफल में कुछ भी नहीं जोड़ता है।
प्रतिफल का पर्याप्त होना ज़रूरी नहीं है । प्रतिफल का किसी दी गई चीज़ के मूल्य के बराबर होना ज़रूरी नहीं है। जब तक प्रतिफल मौजूद है, तब तक अदालतें पर्याप्तता के बारे में चिंतित नहीं हैं, बशर्ते कि यह किसी मूल्य के लिए हो।
गैरकानूनी प्रतिफल
किसी समझौते का प्रतिफल या उद्देश्य तब तक वैध है, जब तक कि वह:
कानून द्वारा निषिद्ध: यदि किसी समझौते का उद्देश्य या विचार कानून द्वारा निषिद्ध कार्य करने के लिए है, तो ऐसा समझौता शून्य है। उदाहरण के लिए, "ए" "बी" को सार्वजनिक सेवा में रोजगार प्राप्त करने का वादा करता है और "बी" "ए" को एक लाख रुपये का भुगतान करने का वादा करता है। यह समझौता शून्य है क्योंकि गैरकानूनी तरीकों से सरकारी नौकरी प्राप्त करना निषिद्ध है।
यदि इसमें किसी व्यक्ति या किसी अन्य की संपत्ति को नुकसान पहुँचाना शामिल है : उदाहरण के लिए, "ए" ने "बी" से 100 रुपये उधार लिए और 2 साल की अवधि के लिए बिना वेतन के "बी" के लिए काम करने के लिए एक बांड निष्पादित किया। डिफ़ॉल्ट के मामले में, "ए" को एक बार में मूल राशि और बड़ी राशि ब्याज का भुगतान करना होगा। यह अनुबंध शून्य घोषित किया गया क्योंकि इसमें व्यक्ति को चोट पहुँचाना शामिल था।
यदि न्यायालय इसे अनैतिक मानता है : ऐसा समझौता जिसमें विचार या उद्देश्य अनैतिक है, शून्य है। उदाहरण के लिए, भविष्य में अलग होने के लिए पति और पत्नी के बीच किया गया समझौता शून्य है।
ऐसी प्रकृति का है कि यदि इसकी अनुमति दी गई तो यह किसी भी कानून के प्रावधानों को पराजित कर देगा :
धोखाधड़ी है , या
सार्वजनिक नीति के विरुद्ध है । ऐसा समझौता जो जनता के लिए हानिकारक हो या सार्वजनिक भलाई के विरुद्ध हो, वह अमान्य है। उदाहरण के लिए, विदेशी शत्रु के साथ व्यापार के समझौते, अपराध करने के लिए समझौते, न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप करने वाले समझौते, न्याय के मार्ग में बाधा डालने वाले समझौते, अभियोजन, भरण-पोषण और चैम्पर्टी को बाधित करने वाले समझौते।
कानूनी कार्यवाही पर रोक लगाने वाले समझौते : यह दो श्रेणियों से संबंधित है। एक, अधिकारों के प्रवर्तन पर रोक लगाने वाले समझौते और दूसरे, सीमा अवधि को कम करने वाले समझौते।
सार्वजनिक पदों और उपाधियों का व्यापार : धन के बदले में सार्वजनिक पदों और उपाधियों की बिक्री या हस्तांतरण या पद्म विभूषण या पद्म श्री आदि जैसे सार्वजनिक सम्मान की प्राप्ति के लिए किए गए समझौते गैरकानूनी हैं, क्योंकि वे सार्वजनिक नीति के विरुद्ध हैं।
व्यक्तिगत स्वतंत्रता को प्रतिबंधित करने वाले समझौते : ऐसे समझौते जो पक्षों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता को अनुचित रूप से प्रतिबंधित करते हैं, सार्वजनिक नीति के विरोध के कारण अमान्य हैं।
विवाह दलाली समझौते : पुरस्कार के लिए विवाह कराने के समझौते इस आधार पर अमान्य हैं कि विवाह पक्षों के स्वतंत्र और स्वैच्छिक निर्णय के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
वैवाहिक कर्तव्यों में बाधा डालने वाले समझौते : कोई भी समझौता जो वैवाहिक कर्तव्यों के पालन में बाधा डालता है, वह सार्वजनिक नीति के विरुद्ध होने के कारण अमान्य है। पति और पत्नी के बीच एक समझौता कि पत्नी कभी भी अपने माता-पिता का घर नहीं छोड़ेगी।
प्रतिफल किसी भी रूप में हो सकता है-धन, सामान, सेवाएं, विवाह करने का वादा, त्याग करने का वादा आदि।
लोक नीति के विपरीत किए गए अनुबंध को न्यायालय द्वारा अस्वीकृत किया जा सकता है, भले ही वह अनुबंध अनुबंध के सभी पक्षकारों के लिए लाभदायक हो- कौन से विचार और उद्देश्य वैध हैं और कौन से नहीं- नेवार मार्बल इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड बनाम राजस्थान राज्य विद्युत बोर्ड, जयपुर, 1993 Cr. LJ 1191 at 1197, 1198 [राज.]- जिस उद्देश्य या विचार का समझौता लोक नीति के विपरीत, गैरकानूनी और शून्य था- इससे बेहतर और क्या हो सकता है कि इस तथ्य की स्वीकृति कि समझौता समझौते का विचार या उद्देश्य बोर्ड द्वारा अधिनियम की धारा 39 के तहत अपराध से याचिकाकर्ता-कंपनी पर आपराधिक मुकदमा चलाने से परहेज था और बोर्ड ने अपराध को अपने लिए लाभ या फायदे के स्रोत में बदल लिया है। यह विचार या उद्देश्य स्पष्ट रूप से लोक नीति के विपरीत है और इसलिए समझौता समझौता अधिनियम की धारा 23 के तहत गैरकानूनी और शून्य
अनुबंध करने में सक्षम
भारतीय अनुबंध अधिनियम की धारा 11 में निर्दिष्ट किया गया है कि प्रत्येक व्यक्ति अनुबंध करने के लिए सक्षम है बशर्ते कि:
वह नाबालिग नहीं है अर्थात ऐसा व्यक्ति जिसने वयस्कता की आयु प्राप्त नहीं की है अर्थात सामान्य मामले में 18 वर्ष और यदि न्यायालय द्वारा अभिभावक नियुक्त किया जाता है तो 21 वर्ष। [ 2 ]
अनुबंध करते समय वह स्वस्थ मन का होता है। एक व्यक्ति जो आमतौर पर अस्वस्थ मन का होता है, लेकिन कभी-कभी स्वस्थ मन का होता है, वह स्वस्थ मन होने पर अनुबंध नहीं कर सकता है। इसी तरह अगर कोई व्यक्ति आमतौर पर स्वस्थ मन का होता है, लेकिन कभी-कभी अस्वस्थ मन का होता है, तो वह अस्वस्थ मन होने पर वैध अनुबंध नहीं कर सकता है।
वह किसी अन्य कानून के तहत अनुबंध करने से अयोग्य नहीं है जिसके वह अधीन है
देश के कुछ अन्य कानून भी हैं जो कुछ व्यक्तियों को अनुबंध करने से अयोग्य ठहराते हैं। वे हैं:-
विदेशी दुश्मन
विदेशी संप्रभु, राजनयिक कर्मचारी आदि।
कृत्रिम व्यक्ति अर्थात निगम, कम्पनियाँ आदि।
दिवालिया
दोषियों
पर्दानशीं औरतें
निःशुल्क सहमति
धारा 13 के अनुसार, "दो या दो से अधिक व्यक्ति तब सहमत कहे जाते हैं जब वे एक ही बात पर एक ही अर्थ में सहमत होते हैं (सर्वसम्मति)"।
धारा 14 के अनुसार, "सहमति तब स्वतंत्र कही जाती है जब वह जबरदस्ती या अनुचित प्रभाव या धोखाधड़ी या गलत बयानी या गलती के कारण न हुई हो"।
स्वतंत्र सहमति को ख़राब करने वाले तत्व:
1. जबरदस्ती (धारा 15): "जबरदस्ती" भारतीय दंड संहिता (45,1860) के तहत निषिद्ध किसी भी कार्य को करना या करने की धमकी देना है, या किसी भी व्यक्ति के लिए किसी भी तरह के नुकसान के लिए किसी भी संपत्ति को गैरकानूनी तरीके से रोकना या रोकने की धमकी देना है, जिसका उद्देश्य किसी व्यक्ति को किसी समझौते में प्रवेश कराना है। उदाहरण के लिए, "ए" "बी" को गोली मारने की धमकी देता है यदि वह उसे "बी" के कर्ज से मुक्त नहीं करता है। "बी" धमकी देकर "ए" को छोड़ देता है। चूंकि रिहाई जबरदस्ती से की गई है, इसलिए ऐसी रिहाई वैध नहीं है।
2. अनुचित प्रभाव (धारा 16): "जहां कोई व्यक्ति, जो दूसरे की इच्छा पर हावी होने की स्थिति में है, उसके साथ अनुबंध करता है और यह लेन-देन प्रथम दृष्टया या साक्ष्य के आधार पर अनुचित प्रतीत होता है, तो यह साबित करने का भार कि ऐसा अनुबंध अनुचित प्रभाव से प्रेरित नहीं था, उस व्यक्ति पर होगा जो दूसरे की इच्छा पर हावी होने की स्थिति में है"।
(धारा 16(2)) में कहा गया है कि "किसी व्यक्ति को दूसरे की इच्छा पर हावी होने की स्थिति में माना जाता है;
जहाँ वह दूसरे पर वास्तविक या स्पष्ट अधिकार रखता है। उदाहरण के लिए, एक नियोक्ता को अपने कर्मचारी पर अधिकार रखने वाला माना जा सकता है। करदाता के ऊपर आयकर प्राधिकरण।
जहां वह दूसरों के साथ प्रत्ययी संबंध में खड़ा होता है, उदाहरण के लिए, सॉलिसिटर का अपने ग्राहक, आध्यात्मिक सलाहकार और भक्त के साथ संबंध।
जहां वह किसी ऐसे व्यक्ति के साथ अनुबंध करता है जिसकी मानसिक क्षमता आयु, बीमारी या मानसिक या शारीरिक कष्ट के कारण अस्थायी या स्थायी रूप से प्रभावित हो गई है"
3. धोखाधड़ी (धारा 17): "धोखाधड़ी" का अर्थ है और इसमें किसी अनुबंध के पक्षकार द्वारा जानबूझकर या उसकी मिलीभगत से या उसके एजेंट द्वारा किसी अन्य पक्षकार को धोखा देने या उसे अनुबंध में प्रवेश करने के लिए प्रेरित करने के इरादे से किया गया कोई भी कार्य या तथ्य को छिपाना या गलत बयानी शामिल है। केवल चुप रहना धोखाधड़ी नहीं है। अनुबंध करने वाला पक्ष दूसरे पक्ष को हर बात बताने के लिए बाध्य नहीं है। दो अपवाद हैं जहां केवल चुप रहना भी धोखाधड़ी हो सकती है, एक वह है जहां बोलने का कर्तव्य है, तो चुप रहना धोखाधड़ी है। या जब चुप्पी अपने आप में बोलने के बराबर हो, तो ऐसी चुप्पी धोखाधड़ी है।
4. मिथ्याव्यवहार (धारा 18): "किसी करार के पक्षकार को, चाहे वह कितना भी निर्दोष क्यों न हो, उस वस्तु के सार के बारे में गलती करने के लिए प्रेरित करना जो करार की विषय-वस्तु है।"
5. तथ्य की भूल (धारा 20): "जहां किसी समझौते के दोनों पक्ष समझौते के लिए आवश्यक तथ्य के बारे में भूल में हैं, तो समझौता शून्य है"। किसी पक्ष को इस आधार पर कोई राहत नहीं मिल सकती कि उसने कानून की अज्ञानता में कोई विशेष कार्य किया है। गलती द्विपक्षीय गलती हो सकती है जहां समझौते के दोनों पक्ष तथ्य के बारे में भूल में हैं। गलती समझौते के लिए आवश्यक तथ्य के मामले से संबंधित होनी चाहिए।
एजेंसी
कानून में, वह संबंध जो तब होता है जब एक व्यक्ति या पक्ष (प्रधान) किसी अन्य (एजेंट) को अपनी ओर से कार्य करने के लिए नियुक्त करता है, जैसे कि कार्य करना, माल बेचना, या व्यावसायिक मामलों का प्रबंधन करना। इस प्रकार एजेंसी का कानून उस कानूनी संबंध को नियंत्रित करता है जिसमें एजेंट प्रधान की ओर से किसी तीसरे पक्ष के साथ व्यवहार करता है। सक्षम एजेंट कानूनी रूप से तीसरे पक्ष के मुकाबले इस प्रधान के लिए कार्य करने में सक्षम है। इसलिए, एजेंट के माध्यम से अनुबंध समाप्त करने की प्रक्रिया में दोहरा संबंध शामिल होता है। एक ओर, एजेंसी का कानून एक आर्थिक इकाई के बाहरी व्यावसायिक संबंधों और प्रधान की कानूनी स्थिति को प्रभावित करने के लिए विभिन्न प्रतिनिधियों की शक्तियों से संबंधित है। दूसरी ओर, यह प्रधान और एजेंट के बीच आंतरिक संबंधों को भी नियंत्रित करता है, जिससे प्रतिनिधि पर कुछ कर्तव्य (परिश्रम, लेखा, सद्भावना, आदि) लागू होते हैं।
धारा 201 से 210 के अंतर्गत किसी एजेंसी का अंत विभिन्न तरीकों से हो सकता है:
(i) प्रधान द्वारा एजेन्सी को रद्द करना - हालांकि, प्रधान ऐसे हित के प्रतिकूल ब्याज सहित एजेन्सी को रद्द नहीं कर सकता। ऐसी एजेन्सी ब्याज सहित होती है। एजेन्सी तब ब्याज सहित होती है जब एजेन्सी की विषय-वस्तु में एजेन्ट का स्वयं हित होता है, उदाहरण के लिए, जहां माल किसी बाहरी देश के निवासी द्वारा बिक्री के लिए कमीशन एजेन्ट को भेजा जाता है, तथा बिक्री की आय से, माल की सुरक्षा के विरुद्ध उसके द्वारा प्रधान को दिए गए अग्रिम धन की प्रतिपूर्ति करना उसके लिए कठिन होता है; ऐसे मामले में, प्रधान एजेन्ट के प्राधिकार को तब तक रद्द नहीं कर सकता जब तक कि माल वास्तव में बिक न जाए, न ही एजेन्सी को मृत्यु या पागलपन के कारण समाप्त किया जाता है। (धारा 201 के दृष्टांत)
(ii) एजेन्ट द्वारा एजेन्सी व्यवसाय का परित्याग करना;
(iii) एजेंसी का कार्य पूरा हो जाने पर;
(iv) प्रधान को दिवालिया घोषित कर दिया जाना (भारतीय संविदा अधिनियम, 1872 की धारा 201)
प्रधान, एजेंट के प्राधिकार को आंशिक रूप से प्रयोग किए जाने के बाद भी वापस नहीं ले सकता है, जिससे कि वह प्रधान को बाध्य कर सके (धारा 204), यद्यपि वह ऐसा प्राधिकार के प्रयोग किए जाने से पहले भी कर सकता है (धारा 203)।
इसके अलावा, धारा 205 के अनुसार, यदि एजेन्सी निश्चित अवधि के लिए है, तो प्रिंसिपल पर्याप्त कारण के अलावा, समय समाप्त होने से पहले एजेन्सी को समाप्त नहीं कर सकता। यदि वह ऐसा करता है, तो उसे एजेन्ट को हुई हानि की भरपाई करनी होगी। यही नियम तब भी लागू होते हैं, जब एजेन्ट निश्चित अवधि के लिए एजेन्सी का त्याग करता है। इस संबंध में नोटिस कि कौशल की कमी, विधिक आदेशों की निरंतर अवज्ञा, तथा असभ्य या अपमानजनक व्यवहार एजेन्ट की बर्खास्तगी के लिए पर्याप्त कारण माना गया है। इसके अलावा, एक पक्ष द्वारा दूसरे पक्ष को उचित नोटिस दिया जाना चाहिए; अन्यथा, ऐसी सूचना के अभाव के परिणामस्वरूप होने वाली क्षति का भुगतान करना होगा (धारा 206)। धारा 207 के अनुसार, एजेन्सी का निरसन या त्याग आचरण द्वारा स्पष्ट रूप से या निहित रूप से किया जा सकता है। एजेन्ट के संबंध में समाप्ति तब तक प्रभावी नहीं होती, जब तक कि उसे इसकी जानकारी न हो और तीसरे पक्ष के संबंध में, जब तक कि उन्हें समाप्ति की जानकारी न हो (धारा 208)। उप-एजेंट जिसे एजेन्ट द्वारा उसके कार्य में भाग लेने के लिए नियुक्त किया जाता है।
जब किसी एजेंट का अधिकार समाप्त हो जाता है, तो यह उप-एजेंट की भी समाप्ति के रूप में कार्य करता है (धारा 210)।
अनुबंधों का प्रवर्तन
भारत में अनुबंधों का प्रवर्तन एक महत्वपूर्ण चुनौती है, क्योंकि कानूनी प्रणाली धीमी और मुकदमेबाजी वाली हो सकती है। अनुबंध को लागू करने में आसानी के मामले में विश्व बैंक द्वारा सर्वेक्षण किए गए 191 देशों में भारत 163वें स्थान पर है। क्वो का अर्थ है जिसका अर्थ है बदले में कुछ।
6. करार 2(ई) : प्रत्येक वादा और वादों का प्रत्येक समूह जो एक दूसरे के लिए प्रतिफल स्वरूप है।
7. पारस्परिक वादे 2(एफ) : वे वादे जो एक दूसरे के लिए प्रतिफल और प्रतिफल का हिस्सा बनते हैं, 'पारस्परिक वादे' कहलाते हैं।
8. शून्य करार 2(जी) : जो करार कानून द्वारा प्रवर्तनीय नहीं है वह शून्य है।
9. अनुबंध 2(एच) : कानून द्वारा प्रवर्तनीय करार अनुबंध कहलाता है। इसलिए, करार अवश्य होना चाहिए और इसे कानून द्वारा प्रवर्तनीय होना चाहिए।
10. शून्यकरणीय अनुबंध 2(i) : एक समझौता एक शून्यकरणीय अनुबंध है यदि यह एक या अधिक पक्षों (यानी पीड़ित पक्ष) के विकल्प पर कानून द्वारा प्रवर्तनीय है, और यह दूसरे या अन्य लोगों के विकल्प पर कानून द्वारा प्रवर्तनीय नहीं है।
11. शून्य अनुबंध 2(जे) : एक अनुबंध तब शून्य हो जाता है जब वह कानून द्वारा प्रवर्तनीय नहीं रह जाता।
प्रस्ताव
धारा 2(ए) के अनुसार, प्रस्ताव से तात्पर्य ऐसे वादे से है जो प्रारंभिक वादे के बदले में दिए गए किसी निश्चित कार्य, वादे या सहनशीलता पर निर्भर होता है।
ऑफर के प्रकार स्पष्ट प्रस्ताव: मौखिक या लिखित शब्दों का उपयोग करके किया गया प्रस्ताव स्पष्ट प्रस्ताव कहलाता है। (धारा 9)
निहित प्रस्ताव: वह प्रस्ताव जिसे पक्षकारों के आचरण या मामले की परिस्थितियों से समझा जा सकता है।
सामान्य प्रस्ताव: यह किसी समय सीमा के साथ या उसके बिना बड़े पैमाने पर जनता के लिए किया गया प्रस्ताव है।
विशिष्ट प्रस्ताव: यह एक प्रकार का प्रस्ताव है, जहां किसी विशेष और निर्दिष्ट व्यक्ति को प्रस्ताव दिया जाता है, यह एक विशिष्ट प्रस्ताव है।
सतत प्रस्ताव: ऐसा प्रस्ताव जो आम जनता के समक्ष रखा जाता है तथा उसे एक निश्चित अवधि तक सार्वजनिक स्वीकृति के लिए खुला रखा जाता है।
क्रॉस ऑफर: जब कोई व्यक्ति जिसके समक्ष प्रस्ताव (ऑफर) किया जाता है, अपनी सहमति व्यक्त करता है, तो प्रस्ताव को स्वीकृत कहा जाता है।
प्रति-प्रस्ताव: प्रस्तावकर्ता से प्रस्ताव प्राप्त होने पर, यदि प्रस्ताव प्राप्तकर्ता उसे तुरंत स्वीकार करने के बजाय, ऐसी शर्तें लगाता है, जिनका प्रभाव प्रस्ताव को संशोधित या परिवर्तित करने का हो।
अनुबंध में स्वीकृतियह पूर्ण और बिना शर्त होना चाहिए .. यदि प्रस्ताव और स्वीकृति से संबंधित सभी मामलों पर पक्ष सहमत नहीं हैं, तो कोई वैध अनुबंध नहीं है। उदाहरण के लिए, "ए" "बी" से कहता है "मैं अपनी कार 50,000/- रुपये में बेचने की पेशकश करता हूं।" "बी" जवाब देता है "मैं इसे 45,000/- रुपये में खरीदूंगा"। यह स्वीकृति नहीं है और इसलिए यह एक काउंटर ऑफर के बराबर है।
इसे प्रस्तावक को सूचित किया जाना चाहिए । पक्षों के बीच अनुबंध समाप्त करने के लिए, स्वीकृति को किसी निर्धारित प्रपत्र में संप्रेषित किया जाना चाहिए। प्रस्ताव स्वीकार करने के लिए प्रस्ताव प्राप्तकर्ता की ओर से मात्र मानसिक निश्चय ही वैध स्वीकृति नहीं है।
स्वीकृति निर्धारित तरीके से होनी चाहिए । यदि स्वीकृति निर्धारित तरीके या किसी सामान्य और उचित तरीके (जहां कोई तरीका निर्धारित नहीं है) के अनुसार नहीं है, तो प्रस्तावक उचित समय के भीतर प्रस्ताव प्राप्त करने वाले को सूचित कर सकता है कि स्वीकृति निर्धारित तरीके के अनुसार नहीं है और इस बात पर जोर दे सकता है कि प्रस्ताव को निर्धारित तरीके से ही स्वीकार किया जाए। यदि वह प्रस्ताव प्राप्त करने वाले को सूचित नहीं करता है, तो उसे प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया माना जाता है। उदाहरण के लिए, "ए" "बी" को एक प्रस्ताव देता है और "बी" से कहता है कि "यदि आप प्रस्ताव स्वीकार करते हैं, तो बोलकर उत्तर दें। "बी" डाक से उत्तर भेजता है। यह एक वैध स्वीकृति होगी, जब तक कि "ए" "बी" को सूचित न करे कि स्वीकृति निर्धारित तरीके के अनुसार नहीं है।
प्रस्ताव समाप्त होने से पहले उचित समय के भीतर स्वीकृति दी जानी चाहिए । यदि कोई समय सीमा निर्दिष्ट की गई है, तो स्वीकृति समय के भीतर दी जानी चाहिए, यदि कोई समय सीमा निर्दिष्ट नहीं की गई है तो इसे उचित समय के भीतर दिया जाना चाहिए।
यह प्रस्ताव से पहले नहीं हो सकता । यदि स्वीकृति प्रस्ताव से पहले होती है तो यह वैध स्वीकृति नहीं है और इसका परिणाम अनुबंध नहीं होता। उदाहरण के लिए, किसी कंपनी में शेयर ऐसे व्यक्ति को आवंटित किए गए जिसने उनके लिए आवेदन नहीं किया था। इसके बाद, जब उसने शेयरों के लिए आवेदन किया, तो उसे पिछले आवंटन के बारे में पता नहीं था। आवेदन से पहले शेयर का आवंटन वैध नहीं है।
आचरण के माध्यम से स्वीकृति।
केवल मौन रहना स्वीकृति नहीं है।
मौन स्वीकृति के रूप में
मौन रहना संचार के बराबर नहीं है- बैंक ऑफ इंडिया लिमिटेड बनाम रुस्तम कोवासजी- एआईआर 1955 बॉम. 419 पृष्ठ 430 पर; 57 बॉम. एलआर 850- केवल मौन रहना किसी सहमति के बराबर नहीं हो सकता। यह किसी ऐसे प्रतिनिधित्व के बराबर भी नहीं है जिस पर रोक लगाने की दलील मिल सकती है, जब तक कि कोई कथन देने या कोई कार्य करने का कर्तव्य स्वतंत्र न हो और प्रस्तावक की सहमति होनी चाहिए।स्वीकृति स्पष्ट एवं निश्चित होनी चाहिए।
प्रस्ताव की सूचना दिए जाने से पहले स्वीकृति नहीं दी जा सकती।
वैध प्रतिफल
धारा 2(घ) के अनुसार, प्रतिफल की परिभाषा इस प्रकार है: "जब वचनदाता की इच्छा पर, वचनग्रहीता या कोई अन्य व्यक्ति कुछ करता है या करने से विरत रहता है, या करता है या करने से विरत रहता है, या करने या करने से विरत रहने का वचन देता है, तो ऐसे कार्य या विरत रहने या वचन को वचन के लिए प्रतिफल कहा जाता है"। प्रतिफल का अर्थ है 'बदले में कुछ'।
वैध प्रतिफल की अनिवार्यताएं
किसी समझौते को दोनों पक्षों द्वारा वैध प्रतिफल द्वारा समर्थित होना चाहिए। वैध प्रतिफल के आवश्यक तत्वों में निम्नलिखित शामिल होने चाहिए:-यह वचनदाता की इच्छा पर ही होना चाहिए । प्रतिफल का गठन करने वाला कार्य वचनदाता की इच्छा या अनुरोध पर किया जाना चाहिए। यदि यह किसी तीसरे पक्ष के कहने पर या वचनदाता की इच्छा के बिना किया जाता है, तो यह अच्छा प्रतिफल नहीं होगा। उदाहरण के लिए, "ए" "बी" के सामान को बिना उससे पूछे आग से बचाता है। "ए" अपनी सेवा के लिए भुगतान की मांग नहीं कर सकता।
प्रतिफल वचनग्रहीता या किसी अन्य व्यक्ति से आ सकता है । भारतीय कानून के तहत प्रतिफल वचनग्रहीता या किसी अन्य व्यक्ति से भी आ सकता है, यहां तक ​​कि किसी अजनबी से भी। इसका मतलब यह है कि जब तक प्रतिफल वचनग्रहीता के लिए है, तब तक यह मायने नहीं रखता कि इसे किसने दिया है।
प्रतिफल एक कृत्य, संयम या सहनशीलता या लौटाया गया वादा होना चाहिए ।
प्रतिफल भूत, वर्तमान या भविष्य हो सकता है। अंग्रेजी कानून के अनुसार भूतकालीन प्रतिफल प्रतिफल नहीं है। हालाँकि भारतीय कानून के अनुसार यह प्रतिफल है। भूतकालीन प्रतिफल का उदाहरण है, "A" "B" की इच्छा पर उसे कुछ सेवा प्रदान करता है। एक महीने के बाद "B" "A" को पहले की गई सेवा के लिए प्रतिपूर्ति करने का वादा करता है। जब प्रतिफल वादे के साथ-साथ दिया जाता है, तो उसे वर्तमान प्रतिफल कहा जाता है। उदाहरण के लिए, "A" को 50/- रुपये मिलते हैं जिसके बदले में वह "B" को कुछ सामान देने का वादा करता है। "A" को मिलने वाला पैसा वर्तमान प्रतिफल है। जब एक पक्ष से दूसरे पक्ष को मिलने वाला प्रतिफल बाद में अनुबंध के निर्माता को हस्तांतरित किया जाना है, तो उसे भविष्य का प्रतिफल कहा जाता है। उदाहरण के लिए, "A" एक सप्ताह के बाद "B" को कुछ सामान देने का वादा करता है। "B" एक पखवाड़े के बाद कीमत चुकाने का वादा करता है, ऐसा प्रतिफल भविष्य का प्रतिफल होता है।
प्रतिफल वास्तविक होना चाहिए । प्रतिफल वास्तविक, सक्षम और कानून की दृष्टि में कुछ मूल्य वाला होना चाहिए। उदाहरण के लिए, "ए" "बी" की मृत पत्नी को जीवन देने का वादा करता है, अगर "बी" उसे 1000/- रुपये का भुगतान करता है। "ए" का वादा शारीरिक रूप से प्रदर्शन के लिए असंभव है इसलिए कोई वास्तविक प्रतिफल नहीं है।
प्रतिफल कुछ ऐसा होना चाहिए जिसे करने के लिए वचनदाता पहले से ही बाध्य न हो । किसी ऐसी चीज को करने का वचन जिसे करने के लिए वचनदाता पहले से ही कानून द्वारा बाध्य हो, एक अच्छा प्रतिफल नहीं है, क्योंकि यह पिछले विद्यमान कानूनी प्रतिफल में कुछ भी नहीं जोड़ता है।
प्रतिफल का पर्याप्त होना ज़रूरी नहीं है । प्रतिफल का किसी दी गई चीज़ के मूल्य के बराबर होना ज़रूरी नहीं है। जब तक प्रतिफल मौजूद है, तब तक अदालतें पर्याप्तता के बारे में चिंतित नहीं हैं, बशर्ते कि यह किसी मूल्य के लिए हो।
गैरकानूनी प्रतिफल
किसी समझौते का प्रतिफल या उद्देश्य तब तक वैध है, जब तक कि वह:कानून द्वारा निषिद्ध: यदि किसी समझौते का उद्देश्य या विचार कानून द्वारा निषिद्ध कार्य करने के लिए है, तो ऐसा समझौता शून्य है। उदाहरण के लिए, "ए" "बी" को सार्वजनिक सेवा में रोजगार प्राप्त करने का वादा करता है और "बी" "ए" को एक लाख रुपये का भुगतान करने का वादा करता है। यह समझौता शून्य है क्योंकि गैरकानूनी तरीकों से सरकारी नौकरी प्राप्त करना निषिद्ध है।
यदि इसमें किसी व्यक्ति या किसी अन्य की संपत्ति को नुकसान पहुँचाना शामिल है : उदाहरण के लिए, "ए" ने "बी" से 100 रुपये उधार लिए और 2 साल की अवधि के लिए बिना वेतन के "बी" के लिए काम करने के लिए एक बांड निष्पादित किया। डिफ़ॉल्ट के मामले में, "ए" को एक बार में मूल राशि और बड़ी राशि ब्याज का भुगतान करना होगा। यह अनुबंध शून्य घोषित किया गया क्योंकि इसमें व्यक्ति को चोट पहुँचाना शामिल था।
यदि न्यायालय इसे अनैतिक मानता है : ऐसा समझौता जिसमें विचार या उद्देश्य अनैतिक है, शून्य है। उदाहरण के लिए, भविष्य में अलग होने के लिए पति और पत्नी के बीच किया गया समझौता शून्य है।
ऐसी प्रकृति का है कि यदि इसकी अनुमति दी गई तो यह किसी भी कानून के प्रावधानों को पराजित कर देगा :
धोखाधड़ी है , या
सार्वजनिक नीति के विरुद्ध है । ऐसा समझौता जो जनता के लिए हानिकारक हो या सार्वजनिक भलाई के विरुद्ध हो, वह अमान्य है। उदाहरण के लिए, विदेशी शत्रु के साथ व्यापार के समझौते, अपराध करने के लिए समझौते, न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप करने वाले समझौते, न्याय के मार्ग में बाधा डालने वाले समझौते, अभियोजन, भरण-पोषण और चैम्पर्टी को बाधित करने वाले समझौते।
कानूनी कार्यवाही पर रोक लगाने वाले समझौते : यह दो श्रेणियों से संबंधित है। एक, अधिकारों के प्रवर्तन पर रोक लगाने वाले समझौते और दूसरे, सीमा अवधि को कम करने वाले समझौते।
सार्वजनिक पदों और उपाधियों का व्यापार : धन के बदले में सार्वजनिक पदों और उपाधियों की बिक्री या हस्तांतरण या पद्म विभूषण या पद्म श्री आदि जैसे सार्वजनिक सम्मान की प्राप्ति के लिए किए गए समझौते गैरकानूनी हैं, क्योंकि वे सार्वजनिक नीति के विरुद्ध हैं।
व्यक्तिगत स्वतंत्रता को प्रतिबंधित करने वाले समझौते : ऐसे समझौते जो पक्षों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता को अनुचित रूप से प्रतिबंधित करते हैं, सार्वजनिक नीति के विरोध के कारण अमान्य हैं।
विवाह दलाली समझौते : पुरस्कार के लिए विवाह कराने के समझौते इस आधार पर अमान्य हैं कि विवाह पक्षों के स्वतंत्र और स्वैच्छिक निर्णय के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
वैवाहिक कर्तव्यों में बाधा डालने वाले समझौते : कोई भी समझौता जो वैवाहिक कर्तव्यों के पालन में बाधा डालता है, वह सार्वजनिक नीति के विरुद्ध होने के कारण अमान्य है। पति और पत्नी के बीच एक समझौता कि पत्नी कभी भी अपने माता-पिता का घर नहीं छोड़ेगी।
प्रतिफल किसी भी रूप में हो सकता है-धन, सामान, सेवाएं, विवाह करने का वादा, त्याग करने का वादा आदि।
लोक नीति के विपरीत किए गए अनुबंध को न्यायालय द्वारा अस्वीकृत किया जा सकता है, भले ही वह अनुबंध अनुबंध के सभी पक्षकारों के लिए लाभदायक हो- कौन से विचार और उद्देश्य वैध हैं और कौन से नहीं- नेवार मार्बल इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड बनाम राजस्थान राज्य विद्युत बोर्ड, जयपुर, 1993 Cr. LJ 1191 at 1197, 1198 [राज.]- जिस उद्देश्य या विचार का समझौता लोक नीति के विपरीत, गैरकानूनी और शून्य था- इससे बेहतर और क्या हो सकता है कि इस तथ्य की स्वीकृति कि समझौता समझौते का विचार या उद्देश्य बोर्ड द्वारा अधिनियम की धारा 39 के तहत अपराध से याचिकाकर्ता-कंपनी पर आपराधिक मुकदमा चलाने से परहेज था और बोर्ड ने अपराध को अपने लिए लाभ या फायदे के स्रोत में बदल लिया है। यह विचार या उद्देश्य स्पष्ट रूप से लोक नीति के विपरीत है और इसलिए समझौता समझौता अधिनियम की धारा 23 के तहत गैरकानूनी और शून्य
अनुबंध करने में सक्षम
भारतीय अनुबंध अधिनियम की धारा 11 में निर्दिष्ट किया गया है कि प्रत्येक व्यक्ति अनुबंध करने के लिए सक्षम है बशर्ते कि:वह नाबालिग नहीं है अर्थात ऐसा व्यक्ति जिसने वयस्कता की आयु प्राप्त नहीं की है अर्थात सामान्य मामले में 18 वर्ष और यदि न्यायालय द्वारा अभिभावक नियुक्त किया जाता है तो 21 वर्ष। [ 2 ]
अनुबंध करते समय वह स्वस्थ मन का होता है। एक व्यक्ति जो आमतौर पर अस्वस्थ मन का होता है, लेकिन कभी-कभी स्वस्थ मन का होता है, वह स्वस्थ मन होने पर अनुबंध नहीं कर सकता है। इसी तरह अगर कोई व्यक्ति आमतौर पर स्वस्थ मन का होता है, लेकिन कभी-कभी अस्वस्थ मन का होता है, तो वह अस्वस्थ मन होने पर वैध अनुबंध नहीं कर सकता है।
वह किसी अन्य कानून के तहत अनुबंध करने से अयोग्य नहीं है जिसके वह अधीन है
देश के कुछ अन्य कानून भी हैं जो कुछ व्यक्तियों को अनुबंध करने से अयोग्य ठहराते हैं। वे हैं:-विदेशी दुश्मन
विदेशी संप्रभु, राजनयिक कर्मचारी आदि।
कृत्रिम व्यक्ति अर्थात निगम, कम्पनियाँ आदि।
दिवालिया
दोषियों
पर्दानशीं औरतें
निःशुल्क सहमति[ संपादन करना ]
धारा 13 के अनुसार, "दो या दो से अधिक व्यक्ति तब सहमत कहे जाते हैं जब वे एक ही बात पर एक ही अर्थ में सहमत होते हैं (सर्वसम्मति)"।
धारा 14 के अनुसार, "सहमति तब स्वतंत्र कही जाती है जब वह जबरदस्ती या अनुचित प्रभाव या धोखाधड़ी या गलत बयानी या गलती के कारण न हुई हो"।
स्वतंत्र सहमति को ख़राब करने वाले तत्व:
1. जबरदस्ती (धारा 15): "जबरदस्ती" भारतीय दंड संहिता (45,1860) के तहत निषिद्ध किसी भी कार्य को करना या करने की धमकी देना है, या किसी भी व्यक्ति के लिए किसी भी तरह के नुकसान के लिए किसी भी संपत्ति को गैरकानूनी तरीके से रोकना या रोकने की धमकी देना है, जिसका उद्देश्य किसी व्यक्ति को किसी समझौते में प्रवेश कराना है। उदाहरण के लिए, "ए" "बी" को गोली मारने की धमकी देता है यदि वह उसे "बी" के कर्ज से मुक्त नहीं करता है। "बी" धमकी देकर "ए" को छोड़ देता है। चूंकि रिहाई जबरदस्ती से की गई है, इसलिए ऐसी रिहाई वैध नहीं है।
2. अनुचित प्रभाव (धारा 16): "जहां कोई व्यक्ति, जो दूसरे की इच्छा पर हावी होने की स्थिति में है, उसके साथ अनुबंध करता है और यह लेन-देन प्रथम दृष्टया या साक्ष्य के आधार पर अनुचित प्रतीत होता है, तो यह साबित करने का भार कि ऐसा अनुबंध अनुचित प्रभाव से प्रेरित नहीं था, उस व्यक्ति पर होगा जो दूसरे की इच्छा पर हावी होने की स्थिति में है"।(धारा 16(2)) में कहा गया है कि "किसी व्यक्ति को दूसरे की इच्छा पर हावी होने की स्थिति में माना जाता है;जहाँ वह दूसरे पर वास्तविक या स्पष्ट अधिकार रखता है। उदाहरण के लिए, एक नियोक्ता को अपने कर्मचारी पर अधिकार रखने वाला माना जा सकता है। करदाता के ऊपर आयकर प्राधिकरण।
जहां वह दूसरों के साथ प्रत्ययी संबंध में खड़ा होता है, उदाहरण के लिए, सॉलिसिटर का अपने ग्राहक, आध्यात्मिक सलाहकार और भक्त के साथ संबंध।
जहां वह किसी ऐसे व्यक्ति के साथ अनुबंध करता है जिसकी मानसिक क्षमता आयु, बीमारी या मानसिक या शारीरिक कष्ट के कारण अस्थायी या स्थायी रूप से प्रभावित हो गई है"
3. धोखाधड़ी (धारा 17): "धोखाधड़ी" का अर्थ है और इसमें किसी अनुबंध के पक्षकार द्वारा जानबूझकर या उसकी मिलीभगत से या उसके एजेंट द्वारा किसी अन्य पक्षकार को धोखा देने या उसे अनुबंध में प्रवेश करने के लिए प्रेरित करने के इरादे से किया गया कोई भी कार्य या तथ्य को छिपाना या गलत बयानी शामिल है। केवल चुप रहना धोखाधड़ी नहीं है। अनुबंध करने वाला पक्ष दूसरे पक्ष को हर बात बताने के लिए बाध्य नहीं है। दो अपवाद हैं जहां केवल चुप रहना भी धोखाधड़ी हो सकती है, एक वह है जहां बोलने का कर्तव्य है, तो चुप रहना धोखाधड़ी है। या जब चुप्पी अपने आप में बोलने के बराबर हो, तो ऐसी चुप्पी धोखाधड़ी है।
4. मिथ्याव्यवहार (धारा 18): "किसी करार के पक्षकार को, चाहे वह कितना भी निर्दोष क्यों न हो, उस वस्तु के सार के बारे में गलती करने के लिए प्रेरित करना जो करार की विषय-वस्तु है।"
5. तथ्य की भूल (धारा 20): "जहां किसी समझौते के दोनों पक्ष समझौते के लिए आवश्यक तथ्य के बारे में भूल में हैं, तो समझौता शून्य है"। किसी पक्ष को इस आधार पर कोई राहत नहीं मिल सकती कि उसने कानून की अज्ञानता में कोई विशेष कार्य किया है। गलती द्विपक्षीय गलती हो सकती है जहां समझौते के दोनों पक्ष तथ्य के बारे में भूल में हैं। गलती समझौते के लिए आवश्यक तथ्य के मामले से संबंधित होनी चाहिए।
एजेंसी
कानून में, वह संबंध जो तब होता है जब एक व्यक्ति या पक्ष (प्रधान) किसी अन्य (एजेंट) को अपनी ओर से कार्य करने के लिए नियुक्त करता है, जैसे कि कार्य करना, माल बेचना, या व्यावसायिक मामलों का प्रबंधन करना। इस प्रकार एजेंसी का कानून उस कानूनी संबंध को नियंत्रित करता है जिसमें एजेंट प्रधान की ओर से किसी तीसरे पक्ष के साथ व्यवहार करता है। सक्षम एजेंट कानूनी रूप से तीसरे पक्ष के मुकाबले इस प्रधान के लिए कार्य करने में सक्षम है। इसलिए, एजेंट के माध्यम से अनुबंध समाप्त करने की प्रक्रिया में दोहरा संबंध शामिल होता है। एक ओर, एजेंसी का कानून एक आर्थिक इकाई के बाहरी व्यावसायिक संबंधों और प्रधान की कानूनी स्थिति को प्रभावित करने के लिए विभिन्न प्रतिनिधियों की शक्तियों से संबंधित है। दूसरी ओर, यह प्रधान और एजेंट के बीच आंतरिक संबंधों को भी नियंत्रित करता है, जिससे प्रतिनिधि पर कुछ कर्तव्य (परिश्रम, लेखा, सद्भावना, आदि) लागू होते हैं।
धारा 201 से 210 के अंतर्गत किसी एजेंसी का अंत विभिन्न तरीकों से हो सकता है:(i) प्रधान द्वारा एजेन्सी को रद्द करना - हालांकि, प्रधान ऐसे हित के प्रतिकूल ब्याज सहित एजेन्सी को रद्द नहीं कर सकता। ऐसी एजेन्सी ब्याज सहित होती है। एजेन्सी तब ब्याज सहित होती है जब एजेन्सी की विषय-वस्तु में एजेन्ट का स्वयं हित होता है, उदाहरण के लिए, जहां माल किसी बाहरी देश के निवासी द्वारा बिक्री के लिए कमीशन एजेन्ट को भेजा जाता है, तथा बिक्री की आय से, माल की सुरक्षा के विरुद्ध उसके द्वारा प्रधान को दिए गए अग्रिम धन की प्रतिपूर्ति करना उसके लिए कठिन होता है; ऐसे मामले में, प्रधान एजेन्ट के प्राधिकार को तब तक रद्द नहीं कर सकता जब तक कि माल वास्तव में बिक न जाए, न ही एजेन्सी को मृत्यु या पागलपन के कारण समाप्त किया जाता है। (धारा 201 के दृष्टांत)(ii) एजेन्ट द्वारा एजेन्सी व्यवसाय का परित्याग करना;(iii) एजेंसी का कार्य पूरा हो जाने पर;(iv) प्रधान को दिवालिया घोषित कर दिया जाना (भारतीय संविदा अधिनियम, 1872 की धारा 201)
प्रधान, एजेंट के प्राधिकार को आंशिक रूप से प्रयोग किए जाने के बाद भी वापस नहीं ले सकता है, जिससे कि वह प्रधान को बाध्य कर सके (धारा 204), यद्यपि वह ऐसा प्राधिकार के प्रयोग किए जाने से पहले भी कर सकता है (धारा 203)।
इसके अलावा, धारा 205 के अनुसार, यदि एजेन्सी निश्चित अवधि के लिए है, तो प्रिंसिपल पर्याप्त कारण के अलावा, समय समाप्त होने से पहले एजेन्सी को समाप्त नहीं कर सकता। यदि वह ऐसा करता है, तो उसे एजेन्ट को हुई हानि की भरपाई करनी होगी। यही नियम तब भी लागू होते हैं, जब एजेन्ट निश्चित अवधि के लिए एजेन्सी का त्याग करता है। इस संबंध में नोटिस कि कौशल की कमी, विधिक आदेशों की निरंतर अवज्ञा, तथा असभ्य या अपमानजनक व्यवहार एजेन्ट की बर्खास्तगी के लिए पर्याप्त कारण माना गया है। इसके अलावा, एक पक्ष द्वारा दूसरे पक्ष को उचित नोटिस दिया जाना चाहिए; अन्यथा, ऐसी सूचना के अभाव के परिणामस्वरूप होने वाली क्षति का भुगतान करना होगा (धारा 206)। धारा 207 के अनुसार, एजेन्सी का निरसन या त्याग आचरण द्वारा स्पष्ट रूप से या निहित रूप से किया जा सकता है। एजेन्ट के संबंध में समाप्ति तब तक प्रभावी नहीं होती, जब तक कि उसे इसकी जानकारी न हो और तीसरे पक्ष के संबंध में, जब तक कि उन्हें समाप्ति की जानकारी न हो (धारा 208)। उप-एजेंट जिसे एजेन्ट द्वारा उसके कार्य में भाग लेने के लिए नियुक्त किया जाता है।
जब किसी एजेंट का अधिकार समाप्त हो जाता है, तो यह उप-एजेंट की भी समाप्ति के रूप में कार्य करता है (धारा 210)
अनुबंधों का प्रवर्तन
भारत में अनुबंधों का प्रवर्तन एक महत्वपूर्ण चुनौती है, क्योंकि कानूनी प्रणाली धीमी और मुकदमेबाजी वाली हो सकती है। अनुबंध को लागू करने में आसानी के मामले में विश्व बैंक द्वारा सर्वेक्षण किए गए 191 देशों में भारत 163वें स्थान पर है। 

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