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कमिश्नर की कार्रवाई से हिला सत्ता का सफेदपोश अपराधी तंत्र: कानपुर कमिश्नर साहब संवेदनशील केस पर काम कर रहे थे शक्तिशाली, प्रभावशाली, भ्रष्टाचारी जांच के दायरे में:अन्य जगह प्रमोट

- कानपुर के कमिश्नर ने संवेदनशील भ्रष्टाचार मामले की जांच शुरू
- जांच में शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्तियों सफेदपोश अपराधियों का समावेश
- 'ऑपरेशन महाकाल' नामक अभियान के तहत कड़ी कार्रवाई
- 17 पुलिसकर्मियों, पत्रकारों और वकीलों का समावेश, को भ्रष्टाचार के आरोप में सस्पेंड
- कानपुर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित को गिरफ्तार किया गया
- चर्चित वकील अखिलेश दुबे सहित कई अन्य गिरफ्तार
- कमिश्नर के कदमों की व्यापक सराहना, कानपुर में भ्रष्टाचार की जड़ों को खोदने की उम्मीद।
- कमिश्नर की पदोन्नति के बाद जांच से हटने की चिंता
- भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर सवाल
- भ्रष्टाचार में लिप्त बड़े नामों के सामने आने पर केस बंद करने की प्रवृत्ति का उल्लेख।
- जनता में असंतोष और लूट तंत्र की पुनरावृत्ति की आशंका

कानपुर : 26 अगस्त 2025
कानपुर के कमिश्नर साहब ने बहुत ही संवेदनशील केस पर काम करना शुरू किया है, जिसमें शहर के कई शक्तिशाली, प्रभावशाली और भ्रष्टाचारी लोग जांच के दायरे में आ रहे हैं। यह जांच खास तौर पर भ्रष्टाचार और आपराधिक गतिविधियों से जुड़ी है, जिसमें शामिल लोग सफेदपोश अपराधियों के रूप में जाने जाते हैं। कमिश्नर ने 'ऑपरेशन महाकाल' नामक एक व्यापक अभियान शुरू किया है, जिसके माध्यम से कानून के दायरे में आने वाले सभी अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इस अभियान के तहत पत्रकारों, वकीलों और पुलिस कर्मचारियों सहित कुल 17 पुलिसकर्मियों को भ्रष्टाचार के आरोप में सस्पेंड किया गया है।
ऑपरेशन महाकाल के अंतर्गत कई बड़ी कार्रवाइयाँ हो चुकी हैं, जिसमें कानपुर के प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित को गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने जमीनों पर कब्जे और रंगदारी का कार्य किया था। इसके अलावा, कई चर्चित वकीलों, जिनमें अखिलेश दुबे शामिल हैं, को भी गिरफ्तार किया गया है, जो हमेशा चार्ज किए गए मामलों में शामिल रहे हैं।
कमिश्नर द्वारा उठाए गए कदमों की व्यापक रूप से सराहना की जा रही है, और यह उम्मीद की जा रही है कि इस जांच के जरिए कानपुर में भ्रष्टाचार की जड़ें खोदने में मदद मिलेगी। कमिश्नर का यह प्रयास स्थानीय निवासियों में एक सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में है, जिससे पुलिस की छवि में सुधार हो सकेगी और लोगों का विश्वास बढ़ सकेगा।
कानपुर कमिश्नर की इस स्थिति में आगे बढ़ने की कोशिशों के साथ स्थानीय स्तर पर कई सुधारों की उम्मीद जताई जा रही है, जिससे न केवल पुलिस व्यवस्था में सुधार होगा, बल्कि सामूहिक रूप से समाज की भलाई भी होगी।
Socialist Pranjul Neeraj Yadav8 घंटे ·
कानपुर कमिश्नर साहब एक बहुत ही संवेदनशील केस पर काम कर रहे थे जिसमें शहर के बहुत से शक्तिशाली, प्रभावशाली, भ्रष्टाचारी लोग जांच के दायरे में आते जा रहे थे। जैसे जैसे जांच आगे बढ़ रही थी भूमाफियाओं और भ्रष्टाचारियों के हांथ पांव फूल रहे थे कईयों ने तो शहर ही छोड़ दिया था। शहरवासियों में बहुत ही खुशी उल्लास का माहौल था।
पर दुर्भाग्य शहर का कहें या देश का या यहां यूं कहिए कि यहां भ्रष्टाचार की जड़े इतनी मजबूत हैं कि ये सत्ता में बैठे लोग किसी को भी सही काम करने ही नहीं देते हैं।
अब इतने महत्वपूर्ण केस से हटाकर अन्य जगह प्रमोट कर दिया गया है। प्रमोट इसीलिए किया गया है ताकि जनता विरोध न करे।
इसी के साथ प्रदेश सरकार की जो भ्रष्टाचार के खिलाफ #Zeero_Tolerance की नीति बताई जा रही थी उसका भी पर्दाफाश हो चुका है।
पिछले कई केसों में देखा जा चुका है कि जब भी भ्रष्टाचार में लिप्त कई बड़े नाम सामने आने वाले होते हैं। केश बंद कर दिया जाता है या संबंधित अधिकारी को केस से किसी भी बहाने से हटा दिया जाता है। और फिर शुरू हो जाता है लूट तंत्र...जय हिन्द...

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