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कानपुर के बर्रा थाना क्षेत्र की निरंकुश नकारा र्निलज्ज नेत्रहीन निलम्बन करने योग्य पुलिस की लापरवाही पर उत्तर प्रदेश सरकार की राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला और पति पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी आधी रात थाने पहुंचे

 निरंकुश नकारा र्निलज्ज नेत्रहीन निलम्बन करने योग्य   कानपुर के बर्रा थाना क्षेत्र  की पुलिस 

 सरकार की राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला और पति पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी  आधी रात थाने पहुंचे
जमीन विवाद मे दिन पर दिन हत्या पर हत्या 
 पुलिस बिक रही है ।
 माफिया विकास कर रहे है
 समान्तर पुलिस बल  प्रख्यापित करने  की तत्काल अवश्यकता  
कानपुर दिसंबर 30, 2024 
 कानपुर दिसंबर 30, 2024  कानपुर के बर्रा थाना क्षेत्र के अन्तर्गत एक भाजपा कार्यकर्ता को  जमीन विवाद के चलते पीटा गया था। पीड़ित ने अपने पिता और पूर्व सांसद  अनिल शुक्ला  को घटना की सूचना दी । 


  एक भाजपा कार्यकर्ता की गंभीर पिटाई  के चलते मंत्री और उनके पति पुलिस से कार्रवाई की मांग की।  प्रतिभा शुक्ला ने पुलिस अधिकारियों पर आरोप लगाया कि जब उन्होंने छह बार फोन किया,  किसी ने भी उनका फोन नहीं उठाया। इससे आहत होकर उन्हें थाने जाना पड़ा थाने पहुंचने पर यह समस्या और भी गंभीर हो गई जब पुलिस ने उनकी शिकायत को अनसुना कर दिया उनके कार्यकर्ताओं ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर विरोध प्रदर्शन किया।
आरोपकर्ता के अनुसार, "विनोद पाल और उनके साथियों ने मुझे बहुत मारा. मेरा सिर फट गया. मैं खून से लथपथ थाने पहुंचा, लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की." एडीसीपी महेश कुमार ने कहा, "हम मामले को गंभीरता से ले रहे हैं. एफआईआर दर्ज कर ली गई है. हमले में शामिल आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा. पुलिस पूरी निष्पक्षता से कार्रवाई करेगी."
 मंत्री प्रतिभा शुक्ला अपने भूतपूर्व सांसद पति के साथ थाने में डेरा डालने से पुलिस अधिकारियों में हड़कंप मच गया। डीसीपी महेश कुमार ने मौके पर आकर कार्यकर्ता की रिपोर्ट दर्ज करने का आश्वासन दिया[।
अनिल शुक्ला वारसी ने पुलिस और प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि आरोपियों पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई। उन्हें खनन माफिया से भी धमकी मिली थी, जिसमें उन्होंने प्रशासन और पुलिस के खिलाफ शिकायत की थी। उन्होंने कहा कि पुलिस का व्यवहार आम जनता के प्रति असंवेदनशील हो गया है।
अनिल शुक्ला ने कहा कि इस प्रकार के घटनाक्रम से साफ है कि पुलिस ने अपने कर्तव्यों से मुंह मोड़ लिया है,  बिना किसी दवाब के प्रभावी ढंग से कार्य नहीं किया जा रहा। स्थिति  पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल है,  सत्ता में होने पर भी मंत्री शुक्ला को अपने कार्यकर्ताओं के मामलों परथाने  आना पड़ा। स्थानीय पुलिस के साथ इस प्रकार की अनियमतता और लापरवाही उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती है,  वरिष्ठ मंत्रियों से भी पुलिस से इस तरह का व्यवहार कर रही है। 
जमीन विवाद मे दिन पर दिन हत्याये हो रही है  पुलिस बिक रही है । माफिया विकास कर रहे है इसलिये समान्तर पुलिस बल की व्यवस्था प्रख्यापित करने  की तत्काल अवश्यकता है ।

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