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Times of India

Law Logic Learner

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Maha Kumbh viral girl Monalisa gets her ticket to Bollywood

Monalisa Bhonsle, a 16-year-old flower-seller from Maheshwar, became a social media sensation during Prayagraj Maha Kumbh 2025. Filmmaker Sanoj Mishra has cast her in his upcoming Bollywood film, 'The Diary of West Bengal.' Monalisa's newfound fame is set to change her life, with shooting for another film starting in February.

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 अमेरिकन ईगल विमान 5342 रोनाल्ड रीगन राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दुर्घटनाग्रस्त

पोटोमैक नदी से 18 शव बरामद
हादसे की पूरी जानकारी है राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
ईश्वर पीड़ितों की आत्मा को शांति दे।
इमरजेंसी सर्विस को उनके "अविश्वसनीय कार्य" के लिए धन्यवाद
टेलीकास्ट टूडे की ओर से श्रद्धांजलि




कानपुर 31 जनवरी 2025
वॉशिंगटन डीसी 31 जनवरी 2025अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी के पास बुधवार रात अमेरिकन एयरलाइंस का विमान बीच हवा में सेना के हेलिकॉप्टर से टकरा गया. इस विमान में 64 लोग सवार थे. इनमें 60 यात्री और चार चालक दल के सदस्य शामिल थे. विमान की अमेरिकी आर्मी के ब्लैक हॉक हेलिकॉप्टर से टक्कर हुई और आग लग गई. हेलिकॉप्टर में तीन लोग सवार थे. विमान टक्कर के बाद पोटोमैक नदी में जा गिरा. अमेरिकन एयरलाइंस ने एक बयान में कहा कि विचिटा, कंसास से वॉशिंगटन डीसी जा रहा अमेरिकन ईगल विमान 5342 रोनाल्ड रीगन राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद पोटोमैक नदी से 18 शव बरामद किए गए हैं. पोटोमैक नदी में डूबे विमान के मलबे में और शव फंसे होने की आशंका है.अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्हें इस "भयानक दुर्घटना" के बारे में जानकारी है. उन्होंने इमरजेंसी सर्विस को उनके "अविश्वसनीय कार्य" के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा उनकी स्थिति पर नजर है.
रीगन नेशनल एयरपोर्ट के पास अमेरिकी सेना के ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर से हवा में टकराने के बाद 64 लोगों को लेकर जा रहा अमेरिकन एयरलाइंस का यात्री विमान बुधवार को वाशिंगटन डीसी की पोटोमैक नदी में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें कई लोगों के मारे जाने की आशंका है। अमेरिकी सेना के अनुसार कि हेलीकॉप्टर में तीन सैनिक सवार थे उनकी स्थिति का पता नहीं चल पाया है।
वाशिंगटन पोस्ट ने बताया कि पुलिस ने पानी से कई शवों को निकालना शुरू कर दिया है। अभी तक कोई भी जीवित नहीं मिला है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, दुर्घटना स्थल से कम से कम 18 शव बरामद किए गए हैं। अमेरिकन एयरलाइंस ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि पीएसए द्वारा संचालित अमेरिकी ईगल उड़ान 5342, विचिटा, कंसास (आईसीटी) से वाशिंगटन रीगन नेशनल एयरपोर्ट (डीसीए) तक की उडान पर था है। एयरलाइन के अनुसार अधिक जानकारी उपलब्ध होने के बाद प्रदान करेगा।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अनुसार दुर्घटना की जांच के दौरान हेलीकॉप्टर के प्रशिक्षण के बारे में जानकारी सामने आयी है । ."हेलीकॉप्टर गलत समय पर गलत जगह परअभ्यास कर रहा था एक अभ्यास अत्यन्त गम्भीर था और एक त्रासदी हुई,"

उत्तर प्रदेश में प्राइवेट अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाओ के नाम पर चल रही लूट बन्द होनी चाहिये ।अभिजीत सिंह सांगा विधायक

भारत का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश में चिकित्सा सेवा महत्वपूर्ण मुद्दा
यहां की जनसंख्या लगभग 30 करोड़ के आसपास
उत्तर प्रदेश में प्राइवेट अस्पतालों में तीमारदारों से चिकित्सा सुविधाओ के नाम पर लूट
अभिजीत सिंह सांगा विधायक ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा हैं।
कानपुर का रीजेंसी हॉस्पिटल अनियमितताओं की नजर पर नम्बर एक

कानपुर 30 जनवरी 2025
कानपुर 30 जनवरी 2025 आजकल रीजेंसी अस्पताल कानपुर स्वास्थ्य सेवाओं के साथ जुड़ी अनियमितताओं और विवादों के कारण चर्चा में है। भाजपा विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने उत्तर प्रदेश में प्राइवेट अस्पतालों में तीमारदारों से चिकित्सा सुविधाओ के नाम पर लूट चल रही के बारे में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा हैं।
विधायक अभिजीत सिंह सांगा के अनुसार रीजेंसी हॉस्पिटल में तीमारदारों से चिकित्सा सुविधाओ के नाम पर लूट चल रही है । अस्पताल लोगों की जान और स्वास्थ्य से जुडे होते है परन्तु इस तरह की गतिविधियां मरीजों के लिए समस्या और समाज में विश्वास खो रही है। स्थिति निश्चित चिंताजनक है।
रीजेंसी हॉस्पिटल अस्पताल कानपुर के महत्वपूर्ण स्वास्थ्य केंद्रों में से एक है। अनियमितताओं से इसकी छवि धूमिल हो रही है। अस्पताल के प्रशासन के साथ-साथ कर्मचारियों की कार्यप्रणाली और मरीजों से व्यवहार भी चिंता का विषय है । अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं देने का उद्देश्य केवल लूट है?
कानपुर का रीजेंसी हॉस्पिटल का दृश्य प्रदेश और देश भर में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को लेकर सवाल हैं। देश भर में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए एकजुट हों केन्द्र व प्रदेश सरकार को सचेत करे । हमारे अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों को बढ़ाने के लिए भी कदम उठाएँ। हम सभी र गंभीरता से विचार कर स्वस्थ और सुरक्षित समाज की स्थापना करे । भारत का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश में चिकित्सा सेवाओं का विस्तार एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। यहां की जनसंख्या लगभग 30 करोड़ के आसपास है यह राज्य जनसंख्या व स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता के संदर्भ में विशेष महत्व रखता है। इस संदर्भ में, प्राइवेट अस्पतालों की भूमिका महत्वपूर्ण है।
प्राइवेट अस्पतालों की संख्या का विस्तार पिछले कुछ दशकों में तेजी से हुआ है। सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की सीमित क्षमता और संसाधनों की कमी के कारण, लोगों ने प्राइवेट अस्पतालों की ओर रुख किया है। उत्तर प्रदेश में सैनिक, व्यवसायी, और औसत नागरिक सभी प्राइवेट स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने के लिए बाध्य हैं। राज्य में विभिन्न प्रकार छोटे क्लीनिक से लेकर बड़े सुपर स्पेशलिटी अस्पताल प्राइवेट चिकित्सा संस्थान हैं।
उत्तर प्रदेश में वर्तमान में लगभग 5,000 से अधिक प्राइवेट अस्पताल और क्लीनिक स्थित हैं। इनमें से कई बड़े अस्पताल अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर रहे हैं, जबकि कई छोटे अस्पताल स्थानीय समुदाय को तात्कालिक चिकित्सा सहायता प्रदान कर रहे हैं। प्राइवेट संस्थानों की संख्या में तेजी लाने के साथ-साथ उनकी गुणवत्ता, सेवा और नैतिकता पर भी ध्यान आवश्यक है।
प्राइवेट अस्पतालों की संख्या बढ़ने से सकारात्मक पहलुओं के साथ-साथ नकारात्मक पहलुओं की भी उपस्थिति है। एक ओर, मरीजों के लिए विविध विकल्प उपलब्ध हैं और विशेषज्ञ चिकित्सा सेवाएं आसानी से उपलब्ध हो रही हैं। दूसरी ओर, प्राइवेट अस्पतालों की महंगी लागत और स्वास्थ्य सेवाओं में असमानता गंभीर मुद्दा है। आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग के लिए ये सेवाएं उपलब्धता से दूर हैं।
उत्तर प्रदेश में प्राइवेट अस्पतालों की संख्या एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवा संसाधन के रूप में उभरी है। यह स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के संकेत के साथ ही संतोषजनक सेवा, नैतिकता और सबके लिए समानता पर ध्यान केंद्रित करना भी अत्यंत आवश्यक है। इस प्रकार, राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को संतुलित और समग्र रूप से विकसित करने के लिए सभी हितधारकों को मिलकर काम करना होगा।
विधायक ने अपने पत्र में मांग की है कि उच्चस्तरीय जांच करा जिम्मेदार लोगों को चिन्हित कर सजा दी जाये। विधायक का पत्र मरीजों और उनके तीमारदारों के लिए आशा की किरण है, जागरूक लोगो की आवाज बदलाव की ब्यार लाती है ।

उत्तर प्रदेश में प्राइवेट अस्पतालों में तीमारदारों से चिकित्सा सुविधाओ के नाम पर लूट चल रही लूट बन्द होनी चाहिये ।

Election Commission seeks clearer explanation from Kejriwal

The Election Commission has asked Arvind Kejriwal to provide evidence for his claims that Yamuna water was poisoned, including specifics on the type, quantity, and method of poisoning. The Commission aims to separate ammonia contamination from poisoning allegations and cautioned against making statements that could incite public unrest or promote discord.

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Viral video: Bizarre run-out stuns cricket world

England U19 batter Aaryan Sawant was dismissed in a bizarre fashion during a match against South Africa U19 when a ball deflected off a fielder’s helmet and hit the stumps. The match ended in a thrilling draw with South Africa falling just 22 runs short of the target, with nine wickets down.

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Steve Smith joins 10,000 Test runs club in Sri Lanka

Steve Smith fell just one run short of 10,000 Test runs in the Border-Gavaskar Trophy series against India, reaching the milestone during the Test series against Sri Lanka. Smith became the fifth-fastest and 15th player overall to reach 10,000 Test runs. He joins Australian legends Ricky Ponting, Allan Border, and Steve Waugh in achieving this feat.

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मौनी अमावस्या वाले दिन 10 करोड़ लोग संगम में डुबकी लगाएंगे। स्नान के समय में बदलाव श्रद्धालु सुबह 4 बजे से शिविर से निकलेगे । संगम तट पर उपस्थिति तीर्थ यात्रियों की भीड़ का आगणन असंभव

मौनी अमावस्या के महास्नान से पहले संगम तट पर जबरदस्त भीड़
मौनी अमावस्या वाले दिन 10 करोड़ लोग संगम में पवित्र डुबकी लगाएंगे।
स्नान के समय में बदलाव श्रद्धालु सुबह 4 बजे से शिविर से निकलेगे ।
संगम तट पर उपस्थिति तीर्थ यात्रियों की भीड़ का आगणन असंभव

कानपुर 29 जनवरी 2025
प्रयागराज 29 जनवरी 2025 महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान 29 जनवरी को मौनी अमावस्या की तिथि पर है । प्रशासन के अनुसार अब तक 17 दिनों में कुल 15 करोड़ श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके है। मौनी अमावस्या वाले दिन 10 करोड़ के आसपास लोग संगम में पवित्र डुबकी लगाएंगे। अखाड़ों के महान्तो ने आम श्रद्धालुओं को ध्यान में रखते हुए स्नान के समय में बदलाव किया है। इस बार श्रद्धालु सुबह 4 बजे से शिविर से निकलना शुरू होगा। पहले  अखाड़े 

से प्रात: 5.15 बजे अमृत स्नान के लिये निकलते थे 
हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या हर वर्ष माघ मास की अमावस्या के दिन मनाई जाती है और अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है । विशेष रूप से कुंभ मेले और संगम तीर्थ स्थलों पर इस अवसर पर तीर्थ यात्रियों की भीड़ बृहद् स्नान हेतु एकत्रित होती है । गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के मिलन स्थान संगम तट पर उपस्थिति तीर्थ यात्रियों की भीड़ का आगणन असंभव है ।
संगम तट पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या हर वर्ष बढ़ती जा रही है। इस वर्ष मौनी अमावस्या के महास्नान के अवसर पर संगम पर एक विशाल जन समूह एकत्र है । श्रद्धालुओं के चेहरों पर भक्ति का भाव और मन में पारलौकिक अनुभव की चाह स्पष्ट है । तट पर स्थित घाटों पर श्रद्धालु स्वर्णिम धूप में स्नान करने को तैयार है । , और आसपास की वातावरण में धार्मिक गूंज सुनाई दे रही थी।
इस अपार भीड़ में माता-पिता, बच्चे, युवा और वृद्ध सभी शामिल है । अनेक लोग अपने परिवार के साथ आए है नवजात बच्चों को पहले स्नान का अवसर देने का विशेष महत्व है। श्रद्धालु एक-दूसरे को स्नान की शुभकामनाएं दे रहे है ।इस दिन का आध्यात्मिक माहौल और भी गहन हो गया। विभिन्न स्थानों से आए फलों, फूलों और अन्य धार्मिक सामग्रियों की दुकानें भी इस उत्सव का हिस्सा हैं, जो श्रद्धालुओं की आस्था को और भी बढ़ावा दे रही हैं।
संगम तट पर स्नान को धर्म एवं स्वच्छता का प्रतीक माना जाता है। लाखों लोग इस अवसर पर अपनी आत्मा की शुद्धि के लिए संगम में स्नान करते हैं और अपने पापकर्मों के लिए क्षमा की प्रार्थना करते हैं। स्नान के पश्चात, उत्सव का अनुभव करते हुए लोग संतों और साधुओं से आशीर्वाद लेते हैं।
इस विशाल जन समूह के साथ अप्रिय घटना न हो की चुनौतियाँ भी हैं। तट पर आवश्यक सुविधाएँ सुरक्षा जल, शौचालय और चिकित्सा सेवा के विशेष प्रबंध है।
मौनी अमावस्या का महास्नान धार्मिक अनुष्ठान के साथ भारतीय संस्कृति, एकता और आस्था का प्रतीक है। संगम तट पर होने वाली भीड़ प्रर्दशित करती है कि देश मे आध्यात्मिक मूल्य कितनी गहराई से संवर्धित है। इस अवसर पर होना वाले स्नान से आंतरिक शांति ओर समाज में एकजुटता का संदेश फैलाता है। यह दिन व्यक्तिगत मोक्ष के साथ सामूहिक धर्मावलंबन की शक्ति को उजागर करता है।
सोशल मीडिया पोस्ट के अनुसार रेलवे स्टेशन को कल रात भी देखा था आज सुबह भी देख कर आ रहा हूं, लोग पागल हुए जा रहे मौनी अमावस्या के दिन स्नान को लेकर,उनको अपनी जान की फिक्र नहीं बस नहाना है तो नहाना है, ठूस ठूस कर ट्रेन से जा रहे है। ट्रेनों में कचूमर की स्थिति बनी हुई है, सरकार ने महाकुंभ के लिए सैकड़ों स्पेशल ट्रेनों चलाई है लेकिन शायद वो सिर्फ़ कागजों पर है। हर चौराहे पर से 2- 4 बस महाकुंभ के लिए जा रही है ।आज रात तक भारी भीड़ पहुंचने की उम्मीद है। निवेदन है कानपुर में भी गंगा मईया है कमज़ोर लोग महाकुंभ 10 फरवरी के बाद जाए, घर में नहा लीजिए । मन चंगा तो कठौती में गंगा..

कानपुर के रेल बाजार थाना क्षेत्र में अचानक सिलेंडर विस्फोट, एक व्यक्ति की मृत्यु, मृतक मोहम्मद राउफ (65) कबाड़ी

 अचानक  सिलेंडर विस्फोट  एक व्यक्ति की मृत्यु 

मृतक मोहम्मद राउफ (65) कबाड़ी 
रऊफ के भाई के अनुसार धमाके मे उनके बड़े भाई की मौत
सिलेडर कैसे फटा उन्हे जानकारी नही

कानपुर 28 जनवरी, 2025,

कानपुर 28 जनवरी, 2025, कानपुर के रेल बाजार थाना क्षेत्र में अचानक एक सिलेंडर विस्फोट ने मंगलवार सुबह एक व्यक्ति की की मृत्यु हो गई । सूचना मिलते ही पुलिस जल्दी से घटनास्थल पर पहुंची,व शव को कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है। मृतक की पहचान फेथफुलगंज आउटपोस्ट में गोरा कब्रिस्तान के निवासी मोहम्मद शफी के बेटे मोहम्मद राउफ (65) कबाड़ी के रुप मे की गयी है । जब यह विस्फोट हुआ वह सिलेंडर को तोड रहा था।
रऊफ के भाई के अनुसार धमाके मे उनके बड़े भाई की मौत हो गई। सिलेडर कैसे फटा उन्हे इसकी कोई जानकारी नही है।  विस्फोट इतना तेज था कि रऊफ का शरीर बुरी तरह क्षत-विक्षत हो गया। इस घटना से क्षेत्र मे दहशत है । पुलिस उपायुक्त पूर्वी श्रवण कुमार सिंह ने  पुष्टि की कि घातक अचानक सिलेंडर विस्फोट के कारण था। जांच टीम ने घटनास्थल से सबूत एकत्र किए हैं, और जांच पूरी करने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सिलेंडर विस्फोटों की बढ़ती घटनाओं का यह हिस्सा है कुछ दिनो पूर्व सिलेंडर विस्फोटों द्वारा ट्रेन को पटरी से उतारने की साजिशें सामने आई थी। 8 सितंबर को कालिंदी एक्सप्रेस को एक गैस सिलेंडर से टकराने से बचा संभावित बड़े हादसे को टाला गया था, ।
स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां भविष्‍य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सावधानी के प्रयास करने चाहिये ।

Budget 2025 income tax: Top 7 expectations of taxpayers

Budget 2025 income tax expectations: While it is well known that new income tax regime is simplified tax regime without tax exemptions and deductions but still to make the rest of the 28% filing tax returns under old income tax regime adopt new income tax regime, the expectations are:

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From Apple to Nike, 15 smart watches found containing high levels of cancer

A study by the University of Notre Dame found high levels of harmful 'forever chemicals' in 15 of 22 analyzed brands of smart watches, including those from Nike, Apple, Fitbit, and Google. These chemicals, linked to health issues like cancer and liver disease, are commonly found in fluoroelastomers used in watch bands.

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पुलिस द्वारा 'उत्पीड़ित' ऑटोरिक्शा चालक को गणतन्त्र दिवस में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया गणतन्त्र दिवस पर शुभकामनाये ।

पुलिस द्वारा 'उत्पीड़ित' ऑटोरिक्शा चालक गणतन्त्र दिवस में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित
सामान्य श्रमिकों की अनदेखी रहने वाली मेहनत और चुनौतियों प्रर्दशित
गणतन्त्र दिवस पर शुभकामनाये ।



कानपुर26 जनवरी 2025
कानपुर: 26 जनवरी 2025 एक दिन पहले डीएम के सामने इच्छा मृत्यु की मांग करने वाले ऑटो चालक को विशेष अतिथि बनने का आमंत्रण मिला। ऑटो चालक ने ट्रैफिक सब-इंस्पेक्टर (टीएसआई) पर आरोप लगाए थे, जिसके बाद डीएम ने उसे कार्रवाई का भरोसा दिलाया। डीएम की पहल के तहत ऑटो चालक को विशेष अतिथि बनाकर सम्मानित किया गया।
भारतीय में पुलिस की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनका कार्य कानून की रखवाली कर समाज में सुरक्षा और समरसता स्थापित करना है। पुलिस ने गणतन्त्र दिवस में एक उत्पीड़ित ऑटोरिक्शा चालक को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया। इससे उस चालक को सम्मान का अनुभव करा समाज में पुलिस के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को भी बढ़ावा दिया।
एक ऑटो चालक ने नौबस्ता से बारादेवी के मध्य मुख्य मार्ग पर टीएसआई पर मुंह में प्लास्टिक का पाइप डालने एवं गाली गलौज करने का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी से इच्छामृत्यु की मांग की थी। शुक्रवार को पीड़ित ऑटो चालक को बयान दर्ज कराने के लिए अपर पुलिस उपायुक्त यातायात अर्चना सिंह ने यातायात भवन में बुलाया। बयान दर्ज कराते समय एसीपी ट्रैफिक ने पीड़ित से कहा कि अगर टीएसआई ने ऐसा किया है तो गलत है। इस पर पीड़ित ऑटो चालक ने एसीपी के पैर छुए थे ।
चालक की स्थिति पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है। सामान्यत ऑटोरिक्शा चालकों को विभिन्न प्रकार के उत्पीड़न यातायात पुलिस द्वारा जब्ती, गलत आरोप, और अन्य प्रकार के शोषण का सामना करना पड़ता है, जब पुलिस ने एक ऑटोरिक्शा चालक को सम्मानित करने का निर्णय ले उस व्यक्ति की व्यक्तिगत उपलब्धियों व पुलिस बल की जिम्मेदारियों को मान्यता देने काम किया है।
विशेष कार्यक्रम में शामिल होने से ऑटोरिक्शा चालक को मानसिक रूप से सुकून व अन्य चालकों को प्रेरणा मिली।ऐसे उदाहरण समाज में सकारात्मक बदलाव व पुलिस और नागरिकों के बीच सहयोग और समझदारी प्रर्दशित करते है। ।ऑटोरिक्शा चालक को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित करना सामान्य श्रमिकों की अक्सर अनदेखी रहने वाली मेहनत और चुनौतियों को प्रर्दशित किया, हैं। पुलिस द्वारा सम्मान किया जाना चालक व समस्त श्रमिक वर्ग के संघर्षों को पहचान का महत्वपूर्ण संदेश है।
यह पहल समाज में पुलिस और आम नागरिकों के बीच एक नए रिश्ते का निर्माण करती है। पुलिस ऐसी कार्यवाहियों को जारी कर समाज में सुरक्षा का माहौल और अधिक सशक्त करे। पुलिस अपनी भूमिका को संवेदनशीलता के साथ निभा सकारात्मक परिवर्तन व प्रतिफल समाज के सामने लायी है ।
ऑटोरिक्शा चालक को विशेष अतिथि के रूप में पुलिस द्वारा आमंत्रित करने का महत्वपूर्ण कदम समाज में पुलिस बल के प्रति विश्वास को बढ़ा यह दर्शाता है कि श्रमिक वर्ग की मेहनत और संघर्ष की सराहना की जा रही है। इस प्रकार से हम प्रत्येक व्यक्ति का सम्मान और उनके अधिकारों की रक्षा युक्त समाज बना सकते हैं ।

गणतन्त्र दिवस पर शुभकामनाये

TopStories

Sana Khan and her husband Anas Saiyad are joyous as they welcome their second child, a boy named Saiyad Hasan Jamil. Overwhelmed with gratitude, they shared this joyous news on social media, asking for everyone's prayers and blessings for their newborn son. They had their first child Tariq Jamil in July 2023.

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NEET UG 2025 exam pattern revised: NTA issues notice clarifying doubts

The National Testing Agency (NTA) has revised the NEET UG 2025 exam pattern, removing optional questions and reverting to the original format. The exam will feature 180 mandatory questions across Physics, Chemistry, and Biology, to be completed in 180 minutes. APAAR ID is no longer mandatory for registration.

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Meta’s $65 billion ‘AI answer’ to OpenAI, Oracle and other companies’ Stargate project

Meta Platforms will invest up to $65 billion in 2025 to expand its AI infrastructure, significantly increasing from its $38-40 billion spending in 2024. This move, led by CEO Mark Zuckerberg, aims to establish Meta as a foremost AI technology developer, amidst rising competition and recent AI initiatives.

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Sana Khan and Anas Mufti reveal the name of their secondborn

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'My source of inspiration …': Wife Puja's heartfelt message for Pujara

Veteran cricketer Cheteshwar Pujara celebrated his 37th birthday with a touching tribute from his wife, Puja. Despite not being in the Indian national team since June 2023, Pujara's impressive career continues at the domestic level. The BCCI also honored his contributions to cricket. Pujara remains a source of inspiration both on and off the field.

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सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भारतीय विधि प्रणाली में एक महत्वपूर्ण मोड़ आदेश VII नियम 11 सीपीसी: राहतों के संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय

आदेश VII नियम 11 सीपीसी: राहतों के संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय
किसी वाद को केवल इस कारण से खारिज नहीं किया जा सकता कि उसमें कुछ राहतें वर्जित
यह निर्णय  विधिक प्रक्रिया को सरल बना न्याय के सिद्धांत को आगे बढ़ाने का कार्य
न्याय की संकल्पना में उचित अवसर प्रदान करना अनिवार्य 


कानपुर 25 जनवरी 2025
25 जनवरी 2025 नई दिल्ली सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय ने भारतीय विधि प्रणाली में एक महत्वपूर्ण मोड़ प्रस्तुत किया है। आदेश VII नियम 11 मे यह स्पष्ट होता है कि किसी वाद को केवल इस कारण से खारिज नहीं किया जा सकता कि उसमें कुछ राहतें वर्जित हैं। न्यायालय के अनुसार विभिन्न प्रकार की राहतों का होना स्वाभाविक है, और यदि एक या कई राहतें अवैध या वर्जित हैं, तो भी पूरा वाद खारिज नहीं किया जा सकता।
 न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत सभी मामलों में विधिक प्रक्रिया को मात्र तकनीकी कारणों पर समाप्त न किया जाए।  किसी वाद में एक या अधिक वैध राहतें भी अपेक्षित हैं, तो ऐसे में वाद की संपूर्णता का दायित्व न्यायालय पर होगा कि वह मामले की गहनता से विवेचना करे और आवश्यकतानुसार उचित आदेश जारी करे।
सर्वोच्च न्यायालय ने भारतीय न्यायपालिका के लिए एक महत्वपूर्ण दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है, जहां न्याय का मूल सिद्धांत तकनीकी बाधाओं से प्रभावित नहीं होता। इस निर्णय ने यह भी दर्शाया है कि न्याय की संकल्पना में उचित अवसर प्रदान करना अनिवार्य है, जिससे वादियों को उनके अधिकारों की रक्षा  सुनिश्तित हो
 यह निर्णय  विधिक प्रक्रिया को सरल बना यथार्थ में न्याय के सिद्धांत को आगे बढ़ाने का कार्य  है।  यह स्पष्ट  है कि न्यायालयों को हर वादी की स्थिति का समुचित मूल्यांकन करना चाहिए और तकनीकी बिंदुओं के बजाय न्याय की मूल भावनाओं पर  केंद्रित करना चाहिए।  किसी वाद को केवल इस कारण से खारिज नहीं किया जा सकता कि उसमें कुछ राहतें वर्जित हैं।  वाद में विभिन्न प्रकार की राहतों का होना स्वाभाविक है, और यदि एक या कई राहतें अवैध या वर्जित हैं, तो भी पूरा वाद खारिज नहीं किया जा सकता।
 निर्णय  यह सुनिश्चित करता  है कि न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत सभी मामलों में विधिक प्रक्रिया को मात्र तकनीकी कारणों पर समाप्त न किया जाए।  किसी वाद में एक या अधिक वैध राहतें भी अपेक्षित हैं, तो ऐसे में वाद की संपूर्णता का दायित्व न्यायालय पर होगा कि वह मामले की गहनता से विवेचना करे और आवश्यकतानुसार उचित आदेश जारी करे।
 सर्वोच्च न्यायालय ने भारतीय न्यायपालिका का  महत्वपूर्ण दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है,  न्याय का मूल सिद्धांत तकनीकी बाधाओं से प्रभावित नहीं होता।  निर्णय ने यह भी दर्शाया है कि न्याय की संकल्पना में उचित अवसर प्रदान करना अनिवार्य है, जिससे वादियों को उनके अधिकारों की रक्षा का सुनिश्तित मौका मिले। 
 यह निर्णय न केवल विधिक प्रक्रिया को सरल बना न्याय के सिद्धांत को आगे बढ़ाने का कार्य  करता है। न्यायालयों को हर वादी की स्थिति का समुचित मूल्यांकन करना चाहिए और तकनीकी बिंदुओं के बजाय न्याय की मूल भावनाओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।यह स्पष्ट होता है कि किसी वाद को केवल इस कारण से खारिज नहीं किया जा सकता कि उसमें कुछ राहतें वर्जित हैं। न्यायालय ने यह कहा कि वाद में विभिन्न प्रकार की राहतों का होना स्वाभाविक है, और यदि एक या कई राहतें अवैध या वर्जित हैं, तो भी पूरा वाद खारिज नहीं किया जा सकता।
इस निर्णय का प्रमुख उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत सभी मामलों में विधिक प्रक्रिया को मात्र तकनीकी कारणों पर समाप्त न किया जाए। यदि किसी वाद में एक या अधिक वैध राहतें भी अपेक्षित हैं, तो ऐसे में वाद की संपूर्णता का दायित्व न्यायालय पर होगा कि वह मामले की गहनता से विवेचना करे और आवश्यकतानुसार उचित आदेश जारी करे।
सर्वोच्च न्यायालय ने भारतीय न्यायपालिका के लिए एक महत्वपूर्ण दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है, जहां न्याय का मूल सिद्धांत तकनीकी बाधाओं से प्रभावित नहीं होता। इस निर्णय के अनुसार न्याय की संकल्पना में उचित अवसर प्रदान करना अनिवार्य है, जिससे वादियों को उनके अधिकारों की रक्षा का सुनिश्तित मौका मिले। 
यह निर्णय न केवल विधिक प्रक्रिया को सरल बनाता है, बल्कि यथार्थ में न्याय के सिद्धांत को आगे बढ़ाने का कार्य भी करता है। इससे यह स्पष्ट होता है कि न्यायालयों को हर वादी की स्थिति का समुचित मूल्यांकन करना चाहिए और तकनीकी बिंदुओं के बजाय न्याय की मूल भावनाओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट के अनुसार जब एक वाद में कई राहतें शामिल होती हैं, तो इसे केवल इसलिए खारिज नहीं किया जा सकता क्योंकि उनमें से एक राहत कानून द्वारा वर्जित है, जब तक कि अन्य राहतें वैध रहती हैं।
कोर्ट के अनुसार, सीपीसी के आदेश VII नियम 11 के तहत वाद को आंशिक रूप से खारिज नहीं किया जा सकता है।
 सिविल कोर्ट का विचार है कि एक राहत (जैसे राहत ए) कानून द्वारा वर्जित नहीं है, लेकिन यह विचार है कि राहत बी कानून द्वारा वर्जित है, तो सिविल कोर्ट को इस आशय की कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए कि राहत बी कानून द्वारा वर्जित है और उस मुद्दे को आदेश VII में अनिर्णीत छोड़ देना चाहिए, नियम 11 आवेदन। ऐसा इसलिए है क्योंकि यदि सिविल कोर्ट आंशिक रूप से एक वाद को खारिज नहीं कर सकता है, तो उसी तर्क से, उसे राहत बी के खिलाफ कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।
.न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ सरफेसी कानून के तहत एक मामले की सुनवाई कर रही थी जिसमें वादी ने दीवानी अदालत के समक्ष दायर एक वाद में तीन राहतें मांगी थीं। बैंक द्वारा स्वीकृत ऋण के लिए संपार्श्विक के रूप में उपयोग की जाने वाली सूट संपत्ति पर स्वामित्व और शीर्षक से संबंधित दो राहतें, कानून द्वारा वर्जित नहीं थीं, और सिविल कोर्ट के पास उन पर निर्णय लेने का अधिकार क्षेत्र था। हालांकि, तीसरी राहत, जो सरफेसी अधिनियम की धारा 17 के तहत कब्जे की बहाली से संबंधित थी, कानून द्वारा रोक दी गई थी, क्योंकि इस तरह के आवेदन को ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) के समक्ष दायर किया जाना चाहिए, न कि सिविल कोर्ट के पास।
न्यायालय ने कहा कि तीसरी राहत देने के लिए सिविल कोर्ट के अधिकार क्षेत्र को लागू नहीं किया जा सकता है, यह सिविल कोर्ट को पहली दो राहतों को संबोधित करने से नहीं रोकेगा। दूसरे शब्दों में, सीपीसी के आदेश VII नियम 11 (डी) के तहत वाद को केवल इसलिए खारिज नहीं किया जा सकता क्योंकि तीसरी राहत कानून द्वारा वर्जित है, जब तक कि अन्य राहतें निर्णय के लिए अदालत के अधिकार क्षेत्र में रहती हैं।
इसलिए वाद को सीपीसी के आदेश सात, नियम 11 के तहत खारिज नहीं किया जा सकता है। इस मामले में, पहली और दूसरी राहत, जैसा कि प्रार्थना की गई है, स्पष्ट रूप से SARFAESI अधिनियम की धारा 34 द्वारा वर्जित नहीं हैं और सिविल कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में हैं। इसलिए, सीपीसी के आदेश VII नियम 11 के तहत वाद को खारिज नहीं किया जा सकता है।

अजमेर के एक गांव में एक बारात में 25 बाराती 30 घराती 75 पुलिसकर्मी सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचा आज भी जातिवाद के पाप की उपस्थिति को प्रर्दशित करता हैं।

समाज में जातिवाद और सम्मान की लड़ाई जारी
आज भी जातिवाद के पाप की उपस्थिति
भारत के संविधान के अनुसार हर व्यक्ति को एक समान महत्व देना होगा
अजमेर के एक गांव में एक बारात में 25 बाराती 30 घराती 75 पुलिस वाले
असमानता और घृणा के कारण दूल्हे के घोड़ी पर चढ़ते समय सुरक्षा की आवश्यकता



कानपुर 25 जनवरी 2025
25 जनवरी 2025 राजस्थान के अजमेर जिले के एक गांव में एक बारात प्रेम और आनंद का प्रतीक समाज में फैले जातिवाद और असमानता का उदाहरण को उजागर करती है। बारातों में अप्रिय घटनाएं घटित होने के कारण दुल्हन परिवार ने पुलिस से सुरक्षा की मांग की । इस बारात में 25 बाराती, 30 घराती और 75 पुलिसकर्मी शामिल थे। यह हमारे सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचा आज भी जातिवाद के पाप की उपस्थिति को प्रर्दशित करता हैं।
दूल्हे का घोड़ी पर चढ़ना भारतीय विवाह की परंपरा है, जो खुशी, उत्साह और सम्मान का प्रतीक समझा जाता है। यह परंपरा जाति या समाज से जुड़ने से विषाक्तता में परिवर्तित हो जाती है असमानता और घृणा के कारण दूल्हे के घोड़ी पर चढ़ते समय सुरक्षा की आवश्यकता इंगित करती है कि लोग ऐसी परंपराओं को स्वीकार नहीं करते हैं। समाज में उन सोचों में जो व्यक्ति के लिए सम्मान और स्थान तय करती बदलाव की आवश्यकता है। केवल पुलिस की मौजूदगी से समस्या का समाधान नहीं है। समाज के हर वर्ग को जातिवाद के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा होना होगा।
विवाह एक सामाजिक बंधन है, जो प्यार, सामंजस्य और सहयोग का प्रतीक है। आपसी तनाव और भेदभाव को हटा कर एक स्वस्थ समाज निर्माण के लिए हमें मिलकर काम करना होगा ताकि अगली बार जब कोई बारात आए, तो उसे न केवल सुरक्षा बल्कि सामूहिक सम्मान का अनुभव हो। भारत के संविधान के अनुसार समाज को नजरिया बदल हर व्यक्ति को एक समान महत्व देना होगा, ताकि प्रेम और खुशियों की परंपरा हर किसी के लिए आनंददायक हो सके।
सोशल मीडिया पोस्ट के अनुसार अजमेर के एक गांव में एक बारात आनी थी, दुल्हन के परिवार ने पुलिस से कहा हमें सुरक्षा दीजिए क्योंकि हमारे यहां दूल्हे के घोड़ी चढ़कर आने पर पहले अप्रिय घटनाएं हुईं हैं, बताया जा रहा है कि 25 बाराती 30 घराती 75 पुलिस वाले थे तब जाकर दूल्हा को घोड़ी पर बैठाकर सकुशल बारात पहुंच पाई। हमारे समाज में आज भी यह गंदगी है, न जाने किसी के घोड़ी पर बैठने से किसी को क्या दिक्कत होती है।

कानपुर थाना क्षेत्र चकेरी में ट्यूटर द्वारा उत्पीड़न की शिकायत पर धारा 354 महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा और शोषण के खिलाफ कार्यवाही संभावित

थाना क्षेत्र चकेरी में लड़की द्वारा ट्यूटर पर उत्पीड़न और अनुचित व्यवहार का आरोप
पीड़िता के माता-पिता स्थिति को सुलझाने के लिए आरोपी  के घर गए तो वापस कर दिया
ट्यूटर द्वारा उत्पीड़न की शिकायत पर धारा 354 में  कानूनी कार्यवाही संभावित 
अपराध मे आवश्यक तत्व हमले का शिकार महिला, 
आपराधिक बल का प्रयोग, व 
आरोपी का इरादा महिला की "शील" भंग करने का होना 


कानपुर 25 जनवरी 2025

24 जनवरी 2025 कानपुर थाना क्षेत्र चकेरी पुलिस स्टेशन में लड़की ने ट्यूटर पर उत्पीड़न और अनुचित व्यवहार का आरोप लगाया। शिकायत के अनुसार, ट्यूटर ने पढाने के दौरान आपत्तिजनक टिप्पणी के साथ फोन पर बार-बार परेशान कर रहा है ।
थाना क्षेत्र चकेरी पुलिस स्टेशन की 19 वर्षीय पीड़िता ने बताया कि आरोपी करण सिंह यादव ने 2021 में उसे होम ट्यूशन देता था। उस दौरान उसने अपने प्यार का इज़हार किया, जिसे लड़की ने अस्वीकार कर दिया। जब इस घटना की जानकारी लड़की ने अपने परिवार को दी, तो उसके पिता ने करण की ट्यूटर सेवाएं समाप्त कर दीं। इससे उत्तेजित हो कर ट्यूटर ने उसकी जिंदगी को और मुश्किल बना दिया। ट्यूटर ने विभिन्न फोन नंबरों से कॉल करके, अनुचित भाषा और इशारों का उपयोग करके उसे परेशान कर रहा है । जब पीड़िता के माता-पिता स्थिति को सुलझाने के लिए आरोपी करण सिंह यादव के घर गए तो उन्हें वापस कर दिया और उसे परेशान करना जारी रखा।
चकेरी पुलिस निरीक्षक संतोष कुमार शुक्ला के अनुसार पीड़िता के बयान के आधार पर करण सिंह यादव के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। उसके खिलाफ अनुचित स्पर्श, चोट पहुंचाने और जानबूझकर अपमान करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। फिलहाल, घटना की विस्तृत जांच की जा रही है।
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354 के अन्तर्गत किसी महिला की "शील" को भंग करने के इरादे से हमले या आपराधिक बल के प्रयोग से संबंधित है। इस धारा के तहत एक अपराध तब स्थापित होता है जब किसी व्यक्ति द्वारा किया गया कार्य महिला की गरिमा को जानबूझकर आहत करता है
दंड की अवधि न्यूनतम एक वर्ष होगी, जो पाँच वर्ष तक बढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा, उसे जुर्माने के लिए भी उत्तरदायी ठहराया जा सकता है
अपराध मे आवश्यक तत्व हमले का शिकार महिला, आपराधिक बल का प्रयोग, व आरोपी का इरादा महिला की "शील" भंग करने का होना चाहिए।
2013 के आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम के तहत, धारा 354 में संशोधन किया गया था, जिससे सजा की न्यूनतम अवधि को एक वर्ष और अधिकतम अवधि को पाँच वर्ष तक बढ़ा व जुर्माना प्राविधानित है।
इस धारा के तहत कई मामलों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकने की कोशिश की जाती है, कि किसी महिला को अनवांछित शारीरिक संपर्क और यौन इरादों से किसी महिला के प्रति शोषण का प्रयास रोकना है।
अदालत धारा 354 के अंतर्गत कार्रवाई तभी सुनिश्चित करती है जब महिला को महसूस हो कि उसके साथ कुछ अनुचित किया जा रहा है
धारा 354 का उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा करना और उनके सम्मान को बनाए रखना है। यह धाराएं समाज में महिलाओं की "शील" और प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, इस धारा के अंतर्गत दंड  को और अधिक कठोर किए जाने की आवश्यकता है।
थाना क्षेत्र चकेरी पुलिस स्टेशन में ट्यूटर द्वारा उत्पीड़न की शिकायत पर धारा 354 में उल्लिखित प्रावधान महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा और उन्हें बलात्कारी, उत्पीड़क और शोषक के खिलाफ कानूनी कार्यवाही संभावित है ।









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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने जेएफके, एमएलके हत्याओं पर फाइलों को डीक्लासिफाई करने के आदेश पर हस्ताक्षर किए

ट्रम्प ने जेएफके और एमएलके हत्याओं की फाइलों को डीक्लासिफाई करने के आदेश
आदेश मृत्यु के 60 साल बाद
22 नवंबर 1963 को जेएफके की हत्या हुई थी
डीक्लासिफिकेशन से हत्याओं की जटिलताओं 
और 
 नई जानकारीओं का प्रकाशन



कानपुर 24 जनवरी 2025
23 जनवरी 2025 गुरुवार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोशल मीडिया के अनुसार, पूर्व राष्ट्रपति जेएफके (जॉन एफ. केनेडी) और एमएलके (मार्टिन लूथर किंग जूनियर) की हत्याओं से जुड़ी फाइलों के अवर्गीकरण (डीक्लासिफाई) के लिए आदेश पर हस्ताक्षर किए। यह आदेश मृत्यु के 60 साल बाद आया है घटना अभी भी पहेली बनी हुयी है। यह निर्णय राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण व अमेरिकी इतिहास के सबसे विवादास्पद और संवेदनशील है।
22 नवंबर 1963 को जेएफके की हत्या हुई थी, अमेरिकी राजनीति और इतिहास में काला दिन के रुप मे पहचानी जाती है। सरकारी संस्थाओं की संलिप्तता का दावा सहित हत्या को लेकर अनेक चर्चाएँ हैं। मार्टिन लूथर किंग के हत्या के मामले ने भी नागरिक अधिकारों के आंदोलन को एक आशा की किरण दिखाई दी है ।इन हत्याओं की सच्चाई एक महत्वपूर्ण सामाजिक उद्देश्य बन चुकी है।
कई इतिहासकार हत्याओं के पीछे की वास्तविकता को जानने की कोशिश के समय ट्रम्प का यह निर्णय प्रशंसनीय है । डीक्लासिफिकेशन से हत्याओं की जटिलताओं नई जानकारीओं का प्रकाशन होगा। हत्याओं की जटिलता और राजनीतिक प्रभावों के कारण समुचित विश्लेषण जरूरी है।
ट्रम्प के इस निर्णय का व्यापक प्रभाव होगा और इतिहास के महत्वपूर्ण अध्यायों को पुनर्विलेखित होगा। यह कदम एक सकारात्मक दिशा में उठाया गया कदम है, जो इतिहासकारों और शोधकर्ताओं सहित सामान्य जनता के लिए भी महत्वपूर्ण है। डीक्लासिफाई की गई फाइलें अतीत की गुत्थियों को सुलझाने में सहायक सिद्ध होंगी।

छत्रपति महाराज विश्वविद्यालय कानपुर परीक्षा कार्यक्रम 23 जनवरी 2025

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कानपुर 23 जनवरी 2025

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